व्यापार

फरवरी 2018 में होने वाले इंडियन हेरिटेज वॉक के लिए यस बैंक ने सहपीडिया से हाथ मिलाया

नई दिल्ली। यस बैंक के सक्रिय थिंक टैंक यस ग्लोबल इंस्टीट्यूट की सांस्कृतिक इकाई यस कल्चर ने कई षहरों में एक महीने तक चलने वाले कार्यक्रम ‘इंडिया हेरिटेज वॉक फेस्टिवल’ की मेजबानी के लिए भारतीय कला एवं संस्कृति के ऑनलाइन विश्वकोश सहपीडिया के साथ भागीदारी शुरू की है। यह कार्यक्रम लोगों को अपने शहर की जानी-अनजानी संस्कृति और धरोहर तथा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता से वाक़िफ करा रहा है।
इस देशव्यापी महोत्सव का पहला संस्करण फरवरी 2018 में शुरू होगा और सालाना आयोजन के तौर पर इसकी परिकल्पना यस कल्चर के साथ सहपीडिया ने पेष की है। इस महोत्सव में लगभग 50 सार्वजनिक कार्यक्रम रखे गए हैं जिनमें 15 शहरों में हेरिटेज वॉक्स (विशेषज्ञों की थीम, परिकल्पना और निर्देशित दौरे पर आधारित), बैठकें (चर्चा) और कार्यशालाएं षामिल हैं। ये सभी कार्यक्रम हमारे देष के सांस्कृतिक ताने-बाने को बरकरार रखने वाली वास्तुकला, व्यंजन, विरासत, शिल्प, प्रकृति एवं कला जैसे विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित होंगे।
हेरिटेज वॉक (धरोहर की सैर) में संग्रहालय, ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्मारक, बाजार, मनमोहक प्राकृतिक स्थल और अपने व्यंजनों तथा शिल्प के लिए मशहूर शहरों के सांस्कृतिक क्षेत्र षामिल होंगे। षहरों की रोशनी की ओर आकर्षित होने वाले व्यक्तियों के लिए रात के वक्त सैर कराने की व्यवस्था होगी, साहसिक पर्यटकों के लिए ट्रेजर हंट तथा सोशल मीडिया से जुड़े अनुभवी फोटोग्राफरों के लिए इंस्टा-मीट कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सहपीडिया द्वारा प्रस्तुत यह सैर-सपाटा छात्रों, पर्यटकों और कंपनियों के दलों जैसे समूहों के लिए तैयार किया गया है। विषेश क्षमता वाले व्यक्तियों और अभावग्रस्त बच्चों के लिए भी विषेश सैर-सपाटे की व्यवस्था होगी जिस वजह से यह महोत्सव अधिक से अधिक लोगों को समाहित करने की विशेषता रखता है।
इंडिया हेरिटेज वॉक फेस्टिवल के तहत दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बंगलूरू तथा हैदराबाद जैसे बड़े महानगरों तथा आगरा, अहमदाबाद, बीकानेर, कोच्चि, पुणे, पाटन, ईटानगर, वाराणसी एवं पटना जैसे ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण अन्य षहरों को षामिल किया जाएगा।
सहपीडिया की कार्यकारी निदेशक सुधा गोपालकृश्णन ने कहा, “हम इस परियोजना के लिए यस कल्चर का सहयोग पाकर बहुत खुश हैं। हेरिटेज वॉक लोगों को अपने षहरों तथा कस्बों के इतिहास, खासियत तथा निर्माण कला के बारे में जानने एवं समझने के लिए एक मनोरंजक, सौहार्दपूर्ण एवं सूचनात्मक तरीका है। यह महोत्सव न सिर्फ एक अन्वेषी कार्य होगा, बल्कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह अधिक से अधिक भागीदारों को आकर्षित करेगा और लोगों को अपने शहरों के करीब लाने के साधन के तौर पर हेरिटेज वॉक को स्थापित करेगा।”
यस बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) और सीईओ तथा यस ग्लोबल इंस्टीट्यूट के चेयरमैन राणा कपूर ने कहा, “भारत को अपनी समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक इतिहास पर गर्व है जहाँ विविध एवं प्रचूर वास्तुकला स्थलों की भरमार है। हेरिटेज वॉक के ज़रिये धरोहरों के साथ सिविल सोसायटी की भागीदारी इन स्थलों के संरक्षण और सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा है। धरोहर पर्यटन का मॉडल स्थानीय समुदाय के साथ क्रमबद्ध तरीके से काम करता है और इसमें विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए लोगों में आत्म-गौरव का भाव भरने की क्षमता है।”
यस ग्लोबल इंस्टीट्यूट की ग्लोबल कन्वेनर और यस बैंक की वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीति सिन्हा ने कहा, “यस के सांस्कृतिक विरासत कार्यक्रमों के ज़रिये हम 21वीं सदी के लोगों की खातिर भारत में सामाजिक रूप से समावेशी विरासत शहरों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। इंडिया हेरिटेज वॉक फेस्टिवल का यह लक्ष्य हासिल करने की दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम है क्योंकि साथ मिलकर शुरू की गई पहल युवाओं को अपने शहरों से जुड़ने तथा भारत के रचनात्मक एवं सांस्कृतिक उद्योगों के विकास की अंतर्निहित क्षमताओं के बारे में समझने के अवसर प्रदान करेगी।”

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *