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टाटा प्रोजेक्ट्स ने छत्तीसगढ़ में भारत नेट प्रोजेक्ट के लिए 3,057 करोड़ रुपये का ऑर्डर हासिल किया

दिल्ली। भारत की तेजी से बढ़ती और सबसे प्रशंसित इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, ने आज घोषणा की कि इसकी ‘‘स्मार्ट सिटीज बिजनेस यूनिट‘‘ को छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के प्रस्तावित नेटवर्क आर्किटेक्चर के लिए भारत नेट प्रोजेक्ट मिल गया है। 3,057 करोड़ रुपये की इस परियोजना में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क डालना शामिल है जो इंटरनेट प्रोटोकॉल-मल्टी प्रोटोकॉल लेबल स्विचिंग (आईपी-एमपीएलएस) तकनीक के साथ रिंग आर्किटेक्चर को फॉलो करता है।
भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत यह परियोजना राज्य के 27 जिलों में ब्रॉडबैंड और मोबाइल फोन कनेक्टिविटी मुहैया कराकर 85 ब्लॉकों और 5,987 ग्राम पंचायतों को लिंक करेगी। छत्तीसगढ़ में भारत का मोबाइल नेटवर्क का दायरा, सबसे कम, केवल 29 प्रतिशत है। जबकि राष्ट्रीय औसत मोबाइल नेटवर्क का दायरा 72 प्रतिशत’ है। राज्य के लगभग 2.6 करोड़ लोग आधारभूत संरचना के विकास से सीधे लाभ उठाएंगे। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से, ग्राम पंचायत स्तर पर पीडीएस, 102 (फ्री एम्बुलेंस सेवा) और 108 (आपातकालीन सेवा) समेत महत्वपूर्ण सेवाएं प्रभावपूर्ण ढंग से लोगों को मुहैया कराई जाएंगी। इससे सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल में सुधार होगा। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच बढ़ेगी। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में पहल करने में मदद की जा सकेगी। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इससे ग्रामीण आबादी भी डिजिटल इकॉनमी के करीब आ जाएगी। जनरल सर्विस सेंटर्स की पहुंच बढ़ने से सरकार जी2सी (गवर्नमेंट टु सिटिजन) सर्विस और इसकी योजनाओं और विकास कार्यक्रमों का प्रबंधन करने में सक्षम होगी।
टाटा प्रोजेक्ट्स में राज्य भर में 32,4666 किमी की दूरी में 48 कोर ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएएफसी) नेटवर्क बिछाया जाएगा। इसके बाद 1 जीबीपीएस से 10 जीबीपीएस के बीच हाई स्पीड ब्रॉडबैंड वाईफाई के माध्यम से मुफ्त में प्रत्येक ग्राम पंचायत को मुहैया कराया जाएगा, जिससे ग्रामीण अपने रोजाना की जिंदगी मे इंटरनेट के फायदों का लाभ उठाने में सक्षम होंगे। इस परियोजना के लिए कार्यान्वयन अवधि काम शुरू होने से 12 महीनों की है।
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री विनायक देशपांडे ने कहा “केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया पहल के तहत हम इस प्रतिष्ठित परियोजना को हासिल कर काफी खुश हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि एक बार यह परियेजना पूरी हो गई तो यह राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्नपूर्ण योगदान देगी और इससे स्थानीय लोगों की जिंदगी और आसान बनेगी।
सीएचआईपीएस (छत्तीसगढ़ इंफोनेट प्रमोशन सोसाइटी) इस छत्तीसगढ़ भारतनेट फेज2 प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए प्राथमिक निकाय होगा।
प्रस्तावित ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को घरों, संस्थानों और उद्यमों को मापनीय बैंडविथ देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। अंडरग्राउंड ओएफसी लगाने के अलावा, टाटा प्रोजेक्ट्स आईपी-एमपीएलएस कोर नेटवर्क, रेडियो नेटवर्क भी बनाएगा और स्टेट नेटवर्क ऑपरेशंस सेंटर (एस-एनओसी) स्थापित करेगा। इसके अलावा इस नेटवर्क के अगले 8 साल के लिए ऑपरेशंस, संचालन, रखरखाव और सेवा प्रावधान किया जाएगा।

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