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विश्व हृदय दिवस पर इस बार हृदय की सुरक्षा का संकल्प लें

लंबी उम्र तक जीने और हमेशा सक्रिय और आनंद रहने के लिए स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती पर अधिक ध्यान देना होगा। अंग्रेजी की पुरानी कहावत ‘हेल्थ इज वेल्थ’ आज भी सौ प्रतिशत सच है क्योंकि सेहत आपकी सबसे महत्वपूर्ण पूंजी है। हालांकि आज बहुत-से लोगों की दिनचर्या इसके ठीक विपरीत है। भागदौड़ की जिन्दगी के साथ काम और परिवार की जिम्मेदारियों का तनाव बहुतों को स्वस्थ नहीं रहने देता है। ऊपर से खान-पान की खराब आदतें और आधुनिक जीवनशैली ने स्वस्थ रहना और कठिन कर दिया है। हमारी लाइफस्टाइल सेहत के लिए मुसीबत बन गई है। इससे तनाव, हताशा, घबराहट या अन्य प्रकार की मानसिक समस्याएं होती हैं जिनसे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
भारत में स्वास्थ्य सेवा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। साथ ही, लोगों के जीने की औसत उम्र बढ़ गई है परंतु लोगों की लाइफस्टाइल बदलने से गैर-संक्रामक बीमारियों और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य जगत पर आई विभिन्न रिपोर्टों से यह तथ्य सामने आया है कि दिल की बीमारी 30 की उम्र के बाद भयानक रूप से आम समस्या बन गई है। इसलिए इस दुश्मन से निपटना जरूरी है ताकि हम लंबी उम्र तक जीने का मजा ले सकें।
‘विश्व हृदय दिवस’ आने वाला है। यह इस समस्या पर मंथन का अवसर होगा और इस दिन आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव का संकल्प ले सकते हैं। इस बार ‘विश्व हृदय दिवस’ पर अपने दिल की सेहत का खयाल रखने का संकल्प लें।
हालांकि हम में अधिकांश लोग स्वस्थ जीवन की दिशा में शुरूआती कदम बढ़ा चुके हैं पर आज जरूरत है कुछ सामान्य उपाय करने की जिनका आप नियमित पालन कर सकें। सही और संतुलित आहार और हर साल नियमित स्वास्थ्य जांच कराने से आपको स्वस्थ जीवनशैली का लाभ मिलेगा। स्वस्थ रहने के लिए लाइफस्टाइल में थोड़े बदलाव करने के साथ आपको आकस्मिक घटनाओं और आपातकालीन चिकित्सा के लिए भी तैयार रहना होगा और इसके लिए सबसे जरूरी है आपके दिल की सुरक्षा।
दिल की बीमारियों का इलाज महंगा होता है और इसमें हमारी जेब ढीली पड़ जाती है। दवाइयों का खर्च, चिकित्सक का परामर्श और अस्पताल में भर्ती होने का खर्च सीधे हमारी जमा-पूंजी से निकल जाता है। आज दिल की बीमारियों के अनगिनत खतरे हैं लिहाजा कम उम्र से ही दिल की सेहत का हाल जानना जरूरी है। इसके लिए नियमित जांच और यदि जरूरत हुई तो आवश्यक उपचार करना होगा वरना आपका दिल खुश नहीं रह सकता है। इतना ही नहीं, आज हार्ट केयर इंश्योरेंस प्लान लेना भी जरूरी है ताकि दिल की बीमारियों के इलाज के लिए जरूरी खर्च की पहले से व्यवस्था रहे।
-सुश्री अंजलि मल्होत्रा, चीफ कस्टमर मार्केटिंग एवं डिजिटल ऑफिसर, अवीवा लाइफ इंश्योरेंस बताती हैं कि यदि आप एक अच्छा हार्ट केयर इंश्योरेंस प्लान चुनते हैं तो अचानक दिल की बीमारी के इलाज के खर्च का बोझ आप और आपके परिवार पर नहीं पड़ेगा। याद रहे, दिल की बीमारी का इलाज बहुत महंगा होता है और खास कर यदि परिवार आपकी कमाई पर चलता है तो आपकी यह बीमारी पूरे परिवार को आर्थिक चपेट में ले लेगी। आपको इस मुसीबत से बचाने के लिए अवीवा लाइफ इंश्योरेंस ने ‘अवीवा हार्ट केयर’ प्लान की परिकल्पना की जिसके तहत आपको दिल-धमनी की 19 छोटी, मध्यम और गंभीर बीमारियों के लिए बीमा कवर उपलब्ध है। इस प्लान का सबसे बड़ा आकर्षण प्रीमियम थोड़ा बढ़ा कर पत्नी (या पति) को भी बीमा कवर प्रदान करना है। यह प्लान इलाज के खर्च पर ध्यान दिए बिना आपको एकमुश्त राशि का भुगतान कर देता है और एक पॉलिसी के अंदर कई बार क्लेम लेने की सुविधा देता है। और यदि किसी गंभीर इलाज पर मूल बीमित राशि पूरी खर्च हो जाती है तो भी पॉलिसी के लाभ दुबारा बहाल करने का विकल्प भी होगा। इस प्रोडक्ट को 2017 के लिए ‘प्रोडक्ट ऑफ द ईयर’ चुना गया क्योंकि इसमें कई इनोवेटिव फीचर हैं जो इसे अन्य प्रोडक्ट से हट कर एक अलग पहचान देते हैं।
इसलिए यह जानते हुए कि दिल की बीमारियों के इलाज का खर्चा बढ़ता ही जा रहा है आपको चाहिए उपयुक्त राशि का स्वास्थ्य बीमा जो आपके दिल की सेहत और परिवार की आर्थिक स्थिति सुरक्षित रखेगा। और बीमा लेना के लिए विश्व हृदय दिवस से बेहतर अवसर हो नहीं सकता! आज ही इस दिशा में एक कदम बढ़ा कर खुद की सेहत और परिवार की खुशियों का बीमा करा लें। याद से एक सही हार्ट केयर प्लान चुन लें।

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