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3 साल में 8 बड़े विवाद, जिनकी वजह से सिक्का को देना पड़ा इंफोसिस के CEO पद से इस्तीफा

अपने तीन साल के कार्यकाल में इंफोसिस के पूर्व सीईओ विशाल सिक्का के साथ विवाद भी जुड़े रहे। सिक्का ने अपने त्यागपत्र में बाहरी लोगों के कंपनी के रोजाना के कामकाज में दखल का आरोप लगाया है। लेकिन इसके उलट एक कहानी और भी है।
सिक्का की इंफोसिस के सीनियर मैनेजमेंट से पिछले तीन सालों में कई मौकों पर नहीं बनी। इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति से भी उनका विवाद रहा, जो की मीडिया में भी काफी सुर्खियों में रहा। आज हम आपको बताने जा रहे वो 8 बड़े विवाद जिनकी वजह से सिक्का को अपनी नौकरी से इस्तीफा देना पड़ा।
1. इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने अपने एक ई-मेल अपने सहयोगियों से कहा था कि उन्हें कंपनी के तीन स्वतंत्र निदेशकों ने कहा था, कि सिक्का चीफ टेक्नोलॉजी ऑफीसर ज्यादा लगते हैं ना कि सीईओ। उनका व्यवहार सीईओ जैसा नहीं है।

2. मूर्ति ने पिछले छह महीने में कई बार कार्पोरेट गर्वनेंस के मुद्दे पर कई बार आलोचना की थी। उन्होंने कंपनी के बोर्ड पर आरोप लगाया था, कि इंफोसिस अपने काम करने के तरीके में किसी तरह की कोई जवाबदेही नहीं रख रही हैं, जो कि इस तरह की बड़ी कंपनी में रखने की बहुत जरुरत है।

3. फरवरी में मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि सिक्का ने इंफोसिस में काम करने के तरीके को काफी बदल दिया था। सिक्का ने कंपनी के मैनेजमेंट में काफी बदलाव किए। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर काम करने पर जोर देना, 2020 के लिए गोल सेट करने से लेकर के 20 डॉलर बिलियन के रेवेन्यु को 30 फीसदी के मार्जिन पर लेकर के आना और कर्मचारियों की रेवेन्यु को 49 हजार डॉलर से बढ़ाकर के 80 हजार डॉलर कर दिया था।

4. अगस्त में इस तरह की खबरें आई थीं, जिनमें कहा गया था कि कंपनी के बोर्ड और मूर्ति का सिक्का के मैनेजमेंट से विवाद चल रहा था। सिक्का और मूर्ति ने पिछले पांच महीने में किसी तरह की कोई बात नहीं की है।

5. सिक्का के सीईओ बनने के बाद से मार्च 2017 तक कंपनी से 10 सीनियर लोग इस्तीफा दे चुके हैं, जो कि एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट के पद पर थे।

6. इंफोसिस ने मार्च 2021 तक अपनी रेवेन्यु को 20 बिलियन डॉलर करने का टारगेट लिया था, लेकिन इसकी जानकारी कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में कहीं भी नहीं दी गई थी।

7. हालांकि विवादों के बीच सिक्का ने अपना टारगेट पूरा करने में कोई कमी नहीं होने दी। पिछले दो सालों में कंपनी की ग्रोथ काफी काबिले तारीफ रही है। 2015-16 में इसमें 9.1 फीसदी की ग्रोथ रही और 2016-17 में यह 7.4 फीसदी रहा। इन दो सालों में इंफोसिस की ग्रोथ टीसीएस और विप्रो से काफी आगे रही थी।

8. एक जमाने में इंफोसिस 140 बिलियन डॉलर की आईटी इंडस्ट्री में सबसे आगे थी। लेकिन सिक्का के सीईओ पद संभालने के बाद टीसीएस, विप्रो जैसी बड़ी कंपनियां उसके काफी क्लाइंट्स को अपनी तरफ ले गई। उस वक्त सिक्का कंपनी को ऑटोमेशन, एनालिटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की तरफ फोकस कर रहे थे। तब सिक्का ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि मैं क्षत्रिय हूं जो कि आखिरी दम तक खड़ा होकर के लड़ेगा।

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