आयकर विभाग ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर कर लगाने के लिए नए मानदंड प्रस्तावित किए
नई दिल्ली। आयकर विभाग ने देश में स्थायी परिसर के साथ काम करने वाली डिजिटल कंपनियों समेत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिये कर आकलन के नये तौर-तरीके का बृहस्पतिवार को प्रस्ताव दिया। इसके तहत घरेलू बिक्री, कर्मचारियों की संख्या, कंपनी की संपत्ति और उपयोक्ताओं की संख्या आदि जैसे कारकों पर गौर किया जाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की प्रॉफिट एट्रिब्यूशन टू परमानेंट इश्टेबलिशमेंट इन इंडियापर बनी समिति ने प्रस्ताव दिया है कि यदि कोई बहुराष्ट्रीय कंपनी वैश्विक स्तर पर नुकसान में चल रही हो या वैश्विक मुनाफा दो प्रतिशत से कम हो तब भी ऐसा माना जाएगा कि उसकी भारतीय इकाई को दो प्रतिशत मुनाफा हुआ है और इसी के आधार पर उसका कर का आकलन किया जाए।
समिति ने कहा कि इसका लक्ष्य भारत के राजस्व हितों की उन स्थितियों में रक्षा करना है जब किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी की घरेलू इकाई वैश्विक स्तर की तुलना में अधिक मुनाफा अर्जित कर रही हो।समिति ने प्रस्ताव दिया कि घरेलू कर देनदारी का आकलन करने के लिये किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी की बिक्री, कर्मचारियों की संख्या और देश में उसकी संपत्ति जैसे कारकों पर गौर किया जाना चाहिये। रिपोर्ट में कहा गया कि यदि कंपनी डिजिटल क्षेत्र की हो तो उसमें चैथे कारक उपयोक्ताओं की संख्या पर भी गौर किया जाना चाहिये। सीबीडीटी ने इस रिपोर्ट पर विभिन्न संबंधित पक्षों से 30 दिन के भीतर अपने सुझाव और टिप्पणियां देने को कहा है।