खरीदारी करते हुए बिल जरूर देखें, वरना आपका लुटना तय
अगर आप किसी ब्रांडेड अथवा बडे़ प्रतिष्ठान में खरीददारी करते हैं तो कंप्यूटर से तैयार बिल जरूर चेक करें। खरीदे गए आइटम पर पि्रंट दाम और वसूली गयी राशि का मिलान भी करें, क्योंकि नामी कंपनियां भी छूट के नाम पर हेराफेरी करने से पीछे नहीं हैं।
पहली जुलाई से जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद तमाम कंपनियों ने छूट और ऑफर शुरू किए हैं। ब्रांडेड और सामान्य आइटमों पर छूट की बरसात होने लगी है जो तीस सितंबर तक चलने की संभावना है। छूट और सेल के खेल की आड़ में कुछ बड़े प्रतिष्ठान और सामान्य बाजार में ग्राहकों से ठगी शुरू हो गई है। कंप्यूटर से बनाए जा रहे बिलों में हेराफेरी हो रही है।
बार कोड से हेराफेरी
कहने को तो कारोबारी ब्रांडेड आइटमों पर छपे बार कोड को स्कैन कर कंप्यूटर से बिल बनाकर ग्राहकों को थमाते हैं, लेकिन इसमें हेराफेरी हो रही है। गिने चुने लोग ही आइटम पर लिखे दाम, बिल, टोटल और चुकाए गए दाम का मिलान करते हैं, इसी का फायदा कारोबारी उठा रहे हैं। शायद ही किसी ग्राहक को टैक्स स्लैब की जानकारी हो, इसलिए टैक्स दरें भी मनमानी वसूली जाती हैं