शिक्षा

नौकरी के रास्ते खोलेंगे शॉर्ट टर्म कोर्स

– डॉ रूपक वशिष्ठ
(सीईओ, अपेरल मेड-अप व होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल)
विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए गए है, अमूमन छात्र आगे की पढ़ाई के लिए मनमाफिक विषय और काॅलेज में प्रवेश के लिए जूट जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी छात्र होते है, जो शॉर्ट टर्म कोर्स करके नौकरी पाना चाहते है, ऐसे में जरुरी है कि अपनी रुचि के अनुसार कोर्स करें, जिसमें जाॅब के साथ-साथ उस क्षेत्र में आगे बढ़ते रहने की संभावनाएं प्रबल हों……….12वीं करने के बाद कैरियर संभावनाओं के दरवाजें खुलने शुरू हो जाते हैं, ऐसे में छात्रों के मन में यह सवाल आता है कि फिर ऐसे में कौन सा कोर्स करें, जिसमें जल्दी नौकरी मिल जाए, यदि थोड़ा धैर्य के साथ संभावनाओं को तलाशें , तो इसकी सीमा व्यापक है और काफी कम समय में छात्र प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने के साथ साथ एक अच्छी नौकरी करने के काबिल हो जाते हैं, यह तय करना अहम होता है कि कोर्स को करने के परिणाम तुरंत दृष्टिगोचर होते है, या फिर संस्थान से कोर्स करने के मार्किट वैल्यू अधिक होती है, आज का समय स्किल डेवलपमेंट का है और जिसके पास बाजार से जुड़े स्किल्स है, उनके पास नौकरी के कई आॅफर हैं, युवाओं में स्किल्स है, उनके पास नौकरी के कई आॅफर है, युवाओं में स्किल्स को बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार के नेशनल स्किल डेवलपमेंट काॅरपोरेशन ने तमाम संस्थाओं के साथ मिलकर कौशल विकास से जुड़े कई कोर्स लांच किए हैं।
यदि आपके शहर में सुबह या शाम की शिफ्ट में कोई संस्थान शॉर्ट टर्म प्रोफेशनल कोर्स संचालित करता हो, तो आप पारंपारिक स्नातक कोर्स में प्रवेश लेने के साथ साथ प्रोफेशन शॉर्ट टर्म कोर्स भी कर सकते हैं, इन कोर्सो में प्रवेश के लिए विज्ञापन स्थानीय समाचार पत्रों में अक्सर प्रकाशित होते रहते हैं, इसलिए इन विज्ञापनों में ध्यान देना आवश्यक है।
कौन से करें कोर्स :- 
वर्तमान में यह देखा जा रहा है कि अधिकतर छात्र किसी कोर्स में प्रवेश लेने के बजाय डिप्लोमा में प्रवेश लेते हैं, देश के तमाम संस्थान विभिन्न विषयों में डिप्लोमा कोर्स संचालित करते हैं और तो छात्र कालातंर में सोचते हैं कि वो डिग्री लें, लेटरल एंट्री के जरिए अपनी डिग्री हासिल करते हैं, डिप्लोमा का कोर्स जहां एक वर्ष का होता है, वहीं सर्टिफिकेट की डिग्री दो महीनें से लेकर छः महीनें में हासिल की जा सकती है, छात्रों के सामने एक और विकल्प है कि वे पत्राचार के द्वारा स्नातक के कोर्स में एडमिशन लेें और साथ ही कोई शॉर्ट टर्म कोर्स करें, जिससे स्नातक कोर्स में क्लास करने की जरुरत न पड़े, सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्सो की फीस अधिक नहीं होती है और एक सामान्य छात्र इस कोर्स को कर सकता है।
किन विषयों की है मांग :- 
कैटरिंग, बिजनेस मैनेजमेंट, फाइन आर्ट, इंटीरियर डिजाइन, कंप्यूटर एप्लीकेशन, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, इंजीनियरिंग जैसे विशयों में डिप्लोमा फायदेमंद है, देश में योग के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है और आजकल तमाम काॅरपोरेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को फिट रखने के लिए योगा इंस्ट्रक्टर रखने लगी है, इस कारण यदि योगा में आपकी दिलचस्पी है, तो नौकरी की काफी संभावनाएं है, कई संस्थान बीपीओ स्किल्स का भी प्रशिक्षण देते हैं, इस कोर्स को करने के बाद काॅल सेंटर में काम आसानी से मिल जाता है, फैशन टेक्नोलाॅजी की दुनियां में भी काफी काम हो रहा है और इस फील्ड में एंट्री शॉर्ट टर्म कोर्स करने के बाद आसानी से हो सकती है, जिन्हें आतिथ्य सत्कार में आनंद आता है, वे बार टेडिंग का कोर्स कर सकते हैं, विदेषी भाशा सीखनें का अपना अलग ही मजा है और संबंधित कोर्स करने के बाद छात्र बतौर अनुवादक काम कर सकते हैं।
और भी है कोर्स :- 
नर्सिग, साइकोथेरेपी, मेडिकल लैब तकनीषियन, रेडियोलाॅजी लैब टेक्नीशियन , इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल, सिविल, आईटी इंजीनियरिंग में डिप्लोमा फायदेमंद है। काॅमर्स के छात्र बैकिंग, इंडस्ट्रियल एकाउंटेंसी, फाइनेसियल एकाउंटिंग, इंश्यॉरेंस आदि से जुड़े शॉर्ट टर्म कोर्स कर सकते हैं, आर्ट्स के छात्र जेम्स एंड जुलरी आरजे, ब्रांडकास्ट जर्नलिज्म, एडिटिंग एंड प्रोडक्शन , फिल्म मेकिंग एंड डायरेक्षन, एअरपोर्ट मैनेजमेंट आदि में जुड़े शॉर्ट टर्म कोर्स कर नौकरी पा सकते हैं।

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