शिक्षा

स्टार्ट योर स्टार्टअप

– डॉ रूपक वशिष्ठ
(सीईओ, अपेरल मेड-अप व होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल)
डिजिटलाइजेशन से दुनियां तेजी से बदल रही है। ऐसे में एक अच्छा आइडिय आपका ही नहीं दूसरों का भी भविष्य सुधार सकता है, क्योंकि छोटे स्टार्टअप से भी रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं…………
देष में स्टार्टअप षुरु करने का दौर चल रहा है, जिसके पास जितना अच्छा आइडिया उतना ही वो कामयाब हो रहा है। डिजीटलीकरण के इस माहौल में दुनियां तेजी से बदल रही है। इंटरनेट की क्रांति से सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है। ऐसे में एक अच्छा सा आइडिया न सिर्फ आपका बल्कि दूसरों का भी भविश्य सुधार सकता है, क्योंकि छोटे स्टार्टअप से भी रोजगार के नए अवसर पैदा होते है। जिससे कई लोगों के जीवन जीने की गुणवता में सुधार आता है। ऑनलाइन षॉपिंग बेवसाइट फिलफ्कार्ट, स्नैपडील, पेटीएम और ओयो रुम्स जैसे स्टार्टअप कारोबार की सफलता का राज भी एक नया आइडिया ही है। गौर करने वाली बात यह है कि ये कारोबारी युवा है। देश के प्रधानमंत्री भी चाहते हैं कि युवा, उद्मिमता में अपने हाथ आजमाएं और मुल्क की इकॉनामी में भागीदार बनें। अगर आपके पास भी लीक से हटकर सोचने की आदत है तो उसे स्टार्टअप में बदल सकते हैं।

क्या होता है स्टार्टअप :- स्टार्टअप एक नई कंपनी होती है, जिसे यूथ स्वयं या दो तीन लोगों के साथ मिलकर पूंजी का निवेष कर कंपनी षुरु करने के साथ उसका संचालन भी करते है, इसमें ऐसे प्रोडक्ट को लांच किया जाता है, तो मॉर्केट में उपलब्ध नहीं होता है या फिर कठिनाई से मिलता है। अपने नए आइडिया के बल पर उसी वस्तु को लोगों तक आसानी से पहुंचाने वाले मंच का निर्माण करते है। स्टार्टअप का यही प्लेटफार्म उन्हें पैसा और षोहरत देता है। यद्यपि स्वरोजगार से जीविका कमाने के लिए उस व्यवसाय, संस्था या संगठन के संचालन में उस व्यक्ति के खुद का प्रयास होता है। किसी व्यवसाय को स्थापित करने के लिए व्यवसायिक का विचार काफी महत्व रखता है। एक स्टार्टअप न केवल नए नए विचारों की खोज कर अपने व्यवसाय को समृद्ध करते है, बल्कि अन्य बहुत से व्यक्तियों को रोजगार भी प्रदान करता है।

भारत के लिए क्यों मायने रखता है स्टार्टअप :- स्टार्टअप भारत के लिए नया नहीं है, लेकिन स्टार्टअप की नई नीतियों ने इसमें जान फूंक दी है। नैसकाम की रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 4200 स्टार्टअप है। भारत सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन से ही स्टार्टअप के मामलें में पीछे हैं। साल 2020 तक देश में 11 हजार से ज्यादा स्टार्टअप तैयार होने का अनुमान है। हमारे देश में स्टार्टअप षुरु करने वाले युवा उद्यमियों की औसत आयु 28 वर्श है। यहां रोजाना तीन-चार स्टार्टअप स्थापित होते हैं। युवा षक्ति का स्टार्टअप में कदम रखना, सरकारका व्यापार पॉलसियों में सकारात्मक रुख दुनियाभर के निवेषकों की अपनी ओर खींचने में कामयाब हो रहा है।

सरकार भी कर रही है मदद :- भारत युवाओं का देश है। युवा जो कार्य करने की ठान लें उसको अंजाम तक पहुंचाने का माद्दा रखते है। मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्टअप इडिया सरकार के ये तीनों प्रोजेक्ट देश के उद्योग जगत में एक क्रांति है, जिससे भारत की कारोबारी छबि वैष्विक मंच पर निखर कर आयेगी। स्टार्टअप के षुरुआती तीन साल के मुनाफे को टैक्स से मुक्त रखा गया है। साथ ही इंस्पेक्षन भी नहीं किया जाएगा।

स्टार्टअप की कैटेगरी :- कंपनी को स्टार्टअप की कैटेगरी में चयनित होने के लिए एक प्रकियां के दौर से गुजरना पड़ता है। कंपनी पांच साल से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। कंपनी का टर्न ओवर 25 करोड़ रुपये से कम नहीं होना चाहिए। साथ ही कंपनी का प्राइवेट लिमिटेड या पार्टनषीप कर्म के रुप में रजिस्ट्रेशन होना जरुरी है। कंपनी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने पर कानूनी पेंच फंसने लगते हैं।

कैसे मिलेगा लोन :- बिजनेस को बढ़ाने के लिए अगर आपको पैसों की जरुरत है तो आपको बैंक से लोन लेना पड़ेगा। इसके लिए जरुरी है कि आपकी कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ हो। इसके बाद कंपनी का मिनस्ट्री ऑफ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज की गाइडलाइन के मानको पर खरा उतरना होगा।

कैसे सोचें स्टार्टअप/कैसे करें पहला कदम :- यह सहीं है कि स्टार्टअप के लिए एक नई सोच की जरुरत होती है, लेकिन आपको आइडिया नए होने के साथ ही लोगों के लिए के कितना फायदेमंद है इसका आकलन करना जरुरी है। इसलिए एंटरप्रेन्योर बनने से पहले मार्केट का अच्छी तरह रिसर्च कर लें। टारगेट बनए और कंपनी खोलने के लिए कदम रखें। इसके लिए जानकारों से सलाह मशविरा लेना भी न भलें। अपने आइडिया पर जमकर मेहनत करें साथ ही हौसला बनाएं रखें तभी सफल एंटरप्रेन्योरशिप के सफर का लुत्फ उठा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *