शिक्षा

एडवटाईजिंग में मिलेगी क्रिएटिविटी से कामयाबी

– मोहित सोनी
(सीओओ, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्किल काउंसिल)
आज के आधुनिक युग और उम्र में विज्ञापन हमारे दैनिक जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। आज हम जिस दुनियां में रहते हैं उसमें घर हो या बाहर लगभग हर जगह विज्ञापन यानी एडवटाईजिंग में घिरे होते हैं। टेलीविजन, रेडियों, अखबार, षाॅपिंग माॅल, मोबाइल एवं शहर की दीवारों पर विज्ञापन हमारा ध्यान खींचते रहते हैं। असल में एडवटाईजिंग की दुनियां बहुत बड़ी है, इसमें प्रिंट, रेडियों, टेलीविजन, इंटरनेट/आॅनलाइन, मोबाइल, आउटडोर एडवटाईजिंग तक एक विस्तृत कार्यक्षेत्र है। कोई प्रोड्क्ट हो या कंपनी या फिर राजनीतिक दल किसी का भी काम विज्ञापन के बिना नहीं चलता है और एक छोटे से विज्ञापन को तैयार के लिए कई लोगों की जरुरत होती है जाहिर है इसमें कैरियर के कई विकल्प भी मौजूद है। आपमें अगर क्रिएटिविटी यानी रचनात्मकता है और कुछ अलग करना चाहते हैं तो इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। ऐसा लगता है कि काॅर्पोरेट दुनियां उनके लिए पर्याप्त नहीं थी और विज्ञापन हमारे जीवन की छोटी और महत्वपूर्ण चीजों में भी क्रिप्ट हुए है। साबुन या मोबाइल खरीदने के लिए विज्ञापन पर भरोसा करना पड़ता है। ऐसा लगता है किम विज्ञापन के बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है। कोई भी व्यापार, लेनदेन उचित विज्ञापन व विपणन के बिना नहीं बढ़ सकता है। आज दो या तीन मिनट के विज्ञापन तैयार करने में करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं।
मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्किल काउंसिल के सीओओे मोहित सोनी के मुताबिक एडवटाईजिंग यानी विज्ञापन की दुनियां इतनी व्यापक है कि घर हो या बाहर हर जगह कोई ना कोई विज्ञापन आपको अपनी ओर आकर्षित करने के लिए तैयार दिखता है, आपने कभी सोचा है कि आपका ध्यान अपनी ओर खींचने में लगे ये विज्ञापन आखिर बनते कैसे है, विज्ञापन असल में रचनात्मकता के साथ शब्द, आवाज एवं चित्र के बेहतरीन मेल से बनते है, इनका आधार होता है अधिक एवं चित्र के बेहतरीन मेल से बनते है। इनका आधार होता है अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना, विज्ञापन की यह रचनात्मक दुनियां आज बड़े पैमाने पर लोगों को उनके हुनर के साथ आगे बढ़ने का मौका दे रही है। जानिए इस क्षेत्र से जुड़े कैरियर विकल्पों के बारे में :-

रचनात्मकता है पहली सीढ़ी :- एक मैकिंग में कैरियर के लिए सबसे पहले है रचनात्मकता इसके साथ ही काम के प्रति जुनून में काम करने की क्षमता एवं धैर्य जैसे गुण भी जरुरी है, आप अगर इस क्षेत्र मंे कैरियर बनाना चाहते हैं तो अपनी रत्चनात्मकता, जुनून और धैर्य की क्षमता को इस और कदम आगे बढ़ायें।

चुनौतीपूर्ण है यह कार्यक्षेत्र :- एक मेकिंग एक चुनौती भरा कैरियर है। विज्ञापन बनाते हुए एड मेकर्स के सामने हर बार एक नई चुनौती होती है किसी उत्पाद या संदेष की ओर कैसे लोगों का ध्यान खींचा जाए, उसे लोकप्रिय बनाया जाए, प्रोड्क्ट को कैसे पंच लाइन दी जाए, जो कि हर जुबान की लाइन बन जाए। इसके लिए एक पूरी टीम कार्य करती है, जिसमें काॅपीराइट्स और आर्ट डायरेक्टर्स की अहम भूमिका होती है। काॅपी राइटर पंच लाइन लिखते हैं, यही आर्ट डायरेक्टर विजुअल पर कार्य करते है। इलेक्ट्राॅनिक या प्रिंट के विज्ञापन में पंच लाइन और दृष्यों में सामंजस्य की खास अहमियत होती है।

यहां हैं जाॅब के मौके :- विज्ञापन जगत मंे कैरियर बनाने के कई विकल्प मौजूद हैं, इस क्षेत्र में विज्ञापन एजेंसियों समेत प्राइवेट एंड मेकिंग कंपनियों से लेकर सरकारी और गैर सरकारी कंपनियों के विज्ञापन विभाग होते हैं। इसके अलावा अखबारों, पत्रिकाओं, रेडियों और टीवी के एडवाईजिंग विभाग, मार्केट रिसर्च कंपनी आदि में जाॅब के मौके होते है।

चुन सकते हैं ये भूमिकाएं :-

काॅपीराइट :- कल्पना एवं विस्मयकारी लेखन कौषल के संयोजन से कोई व्यक्ति एक बेहतरीन काॅपीराइटर बन सकता है। काॅपी राइटर का मुख्य काम एडवटाईजिंग के लिए स्क्रिप्ट, जिंगल, स्लोगन, पंच लाइन आदि लिखना होता है। काॅपी राइटर की मुख्य जिम्मेदारी किसी विचार को शब्दों का एक बेहतरीन आधार प्रदान करना होता है।

विजुलाइजर :- एक मेकिंग के दौरान शब्द को दृश्य में बदलने का काम विजुलाइजर करते हैं, विजुलाइजर काॅन्सेप्ट पर काम करने के साथ यह तय करते हैं कि विज्ञापन किस तरह दिखाया जाएगा और उसके ले आउट तैयार करते हैं।

कार्यकारी : कार्यकारी पक्ष में शामिल है, ग्राहक सेवा, बाजार, अनुसंधान और मीडिया अनुसंधान।

क्रिएटिव : रचनात्मक टीम में काॅपीराइट लेखक, स्क्रिप्ट लेखक, विजुअलाइजर, रचनात्मक निर्देशक, फोटोग्राफर, टाइपोग्राफर, एनिमेटर्स आदि षामिल है। रचनात्मक विभाग विभिन्न मीडिया प्रारुपों में वास्तविक विज्ञापन बनाता है।

मीडिया प्लानर :- मीडिया में विज्ञापन के बजट को बांटने, विज्ञापन के प्रसारण या प्रकाशन/दिन/समय तय करने का काम मीडिया प्लांनिंग यूनिट करती है, मीडिया प्लानर इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। समाचार पत्र और मैगजीन में किस पेज और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया में कौन से चैनल और प्रोग्राम में विज्ञापन देना है। यह फैसला भी मीडिया प्लानर करते हैं।

रिसर्चर :- विज्ञापन एजेंसियां अक्सर मार्केट ट्रेंड लोगों की पसंद, प्रतिद्वंदी उत्पादों के अध्ययन के लिए रिसर्च कराती है, इस रिसर्च से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग संबंधित उत्पाद/सेवा के विज्ञापन तैयार करने या बाजार की जरुरत के अनुसार संषोधित करने के लिए किया जाता है। इसमें रिसर्चर अहम भूमिका निभाते हैं।

प्रमुख कोर्स और संस्थान :- किसी भी विषय में ग्रेजुएशन के बा एडवटाईजिंग एंड कम्युनिकेशन/मार्केटिंग एंड एडवटाइजिंग/मैनेजमेंट में डिप्लोमा या पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। इसके साथ ही एमबीए करने का भी विकल्प है, इसके लिए देश के कुछ प्रमुख संस्थान है। इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली, मीडिया एंड सेक्टर स्किल काउंसिल, नई दिल्ली, सरदार पटेल काॅलेज आॅफ कम्युनिकेशन एंड मैनेजमेंट, नई दिल्ली, भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली आदि प्रमुख इंस्ट्टीयूट है।

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