शिक्षा

फोटोग्राफी में मिलेगी क्रिएटिविटी से कामयाबी

-मोहित सोनी
सीओओ (मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्किल काउंसिल)
फोटोग्राफी एक शौक भी है और बेहतर करियर आॅप्शन भी। यह एक ऐसी कला है, जिसको एक स्वरुप में नहीं बांटा जा सकता है, जिस तेजी से मीडिया और मनोरंजन का क्षेत्र विकसित होता जा रहा है, उसी गति से फोटोग्राफी का कार्य क्षेत्र भी बढ़ता जा रहा है। प्रिंट मीडिया हो, इलेक्ट्राॅनिक मीडिया हो अथवा मनोरंजन से संबंधित अन्य कोई क्षेत्र हो सभी में फोटोग्राफी महज़ रोज़गार का साधन नहीं है, अपितु एक कला भी है।
स्टिल फोटोग्राफी तथा वीडियों फोटोग्राफी दोनों में ही विजुअल के सहारे स्टोरी को अभिव्यक्त करना होता है। इसमें महारत हासिल करने के लिए फोटोग्राफर के रुप में विभिन्न विषयों की जानकारी रखनी पड़ती है। तभी विजुअल के रुप में उसको दर्शा सकते हैं। वीडियो फोटोग्राफी करते समय फोटोग्राफर को साउंड, क्रिएटिविटी, कैमरे से जुड़ी जानकारियां, लाइट और फोटोग्राफी तकनीक की जानकारी होनी चाहिए। एक फोटोग्राफर को रचनात्मक होना भी बेहद जरुरी है, ताकि वह एक ही स्थिति को विभिन्न रुपों में उभार से। इसके साथ ही उसे आसपास के वातावरण के प्रति सजग होना चाहिए। फोटोग्राफर को हर तरह के कैमरों और लाइट्स, आउटडोर एवं इंडोर शूटिंग का भी बेहतर ज्ञानकारी होनी चाहिए।

फोटोग्राफी का पाठ्यक्रम सामान्यत :-
कैमरे के ईद-गिर्द ही घूमता है। इसमें छात्रों को कैमरा एवं उसकी कार्यविधि से लेकर प्रमुख पार्ट्स के बारे में बताया जाता है। उसे फोटो खींचने के विभिन्न तरीकों के साथ-साथ फोटो से निकलने वाले संदेश के बारे में खास ध्यान दिया जाता है। छात्रों को बताया जाता है कि किस फोटो को किस कोण से लेना है। किस चीज को अधिक फोकस करना है। फोटोग्राफी एक ऐसी विधा है, जो अभ्यास करते रहने से ही आती है। फोटोग्राफी का कार्यक्षेत्र बहुत फैला हुआ है। इसलिए फोटोग्राफर को किसी विशेष क्षेत्र का विशेषज्ञ बनना पड़ता है। इसमें से कुछ प्रमुख क्षेत्र इस प्रकार है।

प्रेस फोटोग्राफर या फोटो जर्नलिस्ट :-
किसी भी अखबार या पत्रिका में छपी किसी खबर की ओर आपकी निगाहें पहले फोटोग्राफ से शुरु होते हुए ही गुज़रती है। दरअसल वह फोटो जर्नलिस्ट ही होता है। जो खबर को महसूस कर उन नेचुरल पिक्चर्स को आपके लिए प्रस्तुत करता है, जिन्हें देख स्थिति का वास्तविक ज्ञान हो सकता है। फोटो का हमारे मन मस्तिष्क पर कितना गहरा असर होता है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि कोई भी पाठक किसी लेख पर नज़र दौड़ाने से पहले ही तस्वीर देख समझ जाता है कि लेख क्या कहने जा रहा है। सबसे जरुरी बात कि उसमें किसी भी घटना को कैमरे में कैद करने के लिए चीते जैसी फुर्ती होना चाहिए, क्योंकि अगर चूक गए जो हो सकता है फिर वह मौका कभी ना मिले। फोटो जर्नलिस्ट जिस किसी भी पब्लिकेशन के लिए काम कर रहे हो या उनकी जिम्मेदारी है उस संस्थान के लिए साफ व स्पष्ट फोटों खींचे, जो व केवल हाई क्वालिटी के हो, बल्कि जिनसे बनावट नहीं, बल्कि सच्चाई झलकती हो और पाठकों के सामने एक अर्थपूर्ण संदेष पहुंचाती हो, इसके अलावा समाचारों को ध्यान में रखकर फोटो खींचे जाते हैं और कभी कभी जोखिम लेते हुए भी फोटोग्राफी करनी पड़ती है।

मेडिकल तकनीकी फोटोग्राफी :-
बाजार में मेडिकल और अन्य तकनीकी पुस्तकों तथा जर्नलों के लिए जिस तरह के फोटोग्राफ्स की आवश्यकता होती है, उसकी कमी यही फोटोग्राफर पूरा करते हैं। रिसर्च, इंजीनियरिंग, साइंस आदि से संबंधित फोटोग्राफ्स इसी क्षेत्र का हिस्सा है।

फीचर फोटोग्राफी :-
आजकल न्यूज के साथ फीचर में भी अच्छे चित्रों की महत्ता बढ़ गई है। इसमें वाइल्ड लाइफ, लाइफ स्टाइल, टूरिज्म, मार्केट से जुड़े फोटोग्राफ हाथों हाथ बिकते हैं।

कमर्शियल फोटोग्राफी :-
कमर्शियल फोटोग्राफी में फोटोग्राफर को कई तरह के कैमरों पर हाथ अजमाने पड़ते हैं। इसके प्रमुख क्षेत्रों में मर्चेडाइजिंग, इंटीरियर्स तथा इंडस्ट्रियल होते है। यह फोटोग्राफी इंडोर तथा आउटडोर दोनों रुपों में होती है।

फैशन फोटोग्राफी :-
फैशन फोटोग्राफरों की आज जबर्दस्त डिमांड है। फोटोग्राफी के फील्ड में आने वाला हर छात्र फैशन फोटोग्राफी में महारत हासिल करना चाहता है। माॅडलिंग में नित नए सितारों को उभारने में फोटोग्राफरो की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। केवल पेशेवर माॅडल ही नहीं फिल्म अभिनेता और अभिनेत्रियां भी लगातार माॅडलिंग कर रहे हैं।

नेचर एंड वाइल्ड फोटोग्राफी :-
नेचर और वाइल्ड लाइफ से जुड़े फोटोग्राफरों की मांग इन दिनों काफी बढ़ गई है। ज्योग्राफिक एवं डिस्कवरी चैनल के अलावा भी अन्य कंपनियों ने भी नेचर एवं वाइल्ड लाइफ पर आधारित मैगजीनों को लांच किया है, जिसका उद्देश्य इंसान को प्रकृति एवं जंगली प्राणियों से जोड़ना है। वाइल्ड लाइफ एवं नेचर फोटोग्राफी में शोहरत एवं दौलत के साथ रोमांच भी मौजूद हैं गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व तक फोटोग्राफी में करियर बनाने के लिए किसी विशेष कोर्स की आवयकता नहीं थी, लेकिन आज इस क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने इसे एक पाठ्यक्रम का रुप दे दिया है।

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