अपार इंडिया के डिप्लोमा होल्डर्स कॉरपोरेट वर्ल्ड में अपनी स्किल्स से धूम मचाएं
अपार इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (स्कूल ऑफ वोकेशनल साइंस) ने दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी के माननीय वाइस चांसलर और हरियाणा स्किल डिवेलमेंट मिशन के मिशन डायरेक्टर श्री राज नेहरू ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस भव्य समारोह में श्री राज नेहरू ने युवा प्रतिभाशाली छात्रों को बधाई दी, जो प्रोफेशनल वर्ल्ड में कदम रखने के लिए तैयार है। संस्थान से पासआउट होने वाले छात्र, जिन्होंने पीजी एचआर और एडमिनिस्ट्रेशन, बैंकिंग, फाइनेंस और डिजिटल मार्केटिंग का कोर्स किया है, को दीक्षांत समीरोह में डिप्लोमा प्रदान किए। इन सभी छात्रों को प्लेसमेंट मिल चुका है। अपार इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन्स के संस्थापक अध्यक्ष, मशहूर शिक्षाविद और परोपकारी श्री आर. के जैन ने शिक्षा के क्षेत्र में वर्षों से जुटाए गए ज्ञान को छात्रों के साथ साझा किया और संस्थान से पास आउट होने वाले छात्रों को अच्छा प्रोफेशनल और बेहतर इंसान बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
अपार इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रही प्रोजेक्ट डायरेक्टर मिस सुरभि जैन और निदेशक श्री अपार जैन ने जोर देकर कहा, “टीआईएसएस से अपार इंडिया के ग्रेजुएट्स की अपनी एक अलग प्रफेशनल पहचान होती है, अलग मूल्य और अलग विचारधारा होती है, जो उन्हें जिंदगी भर नई-नई चीजें सीखने को प्रेरित करती हैं और जिससे वह इस तरह वह अपने कैरियर मे दूसरों से अलग हटकर शानदार काम करते हैं।“
समारोह का समापन करते हुए श्री जैन ने कहा, “अपार इंडिया गर्व से घोषणा करता है कि संस्थान से पास आउट होने वाले सभी छात्रों को पहले ही कैंपस प्लेसमेंट से जॉब मिल चुकी है क्योंकि उन्हें कोर्स के दौरान एकीकृत ट्रेनिंग कार्यक्रमों के तहत प्रशिक्षण दिया जा चुका है। एक साल के डिप्लोमा प्रोग्राम में छात्रों ने 300 घंटे क्लासरूम में बिताए और एक साल के डिप्लोमा कार्यक्रम के तहत 600 घंटे अलग-अलग इंडस्ट्रीज में बिताए। हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।“
श्री नेहरू ने प्रतिभाशाली छात्रों को पुरस्कार किए और उन्हें शैक्षिक सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह संस्थान मे ली गई शिक्षा से कॉरपोरेट वर्ल्ड में अपना अलग मुकाम कायम करेंगे। श्री नेहरू ने दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्रों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए अपील की कि संस्थान से डिप्लोमा लेकर पासाउट होने वाले छात्र संस्थान के मूल्यों और यहां लिए गए प्रशिक्षण को पूरी तरह अपने दिल में उतार लें और बाहरी दुनिया का सामना पूरे आत्मविश्वास से करें। उन्होंने कहा कि संस्थानों को मानवीय सेवा को प्राथमिकता देने वाले प्रोफेशनल्स तैयार करने चाहिए और लोगों को गरीबी, अभाव की जिंदगी और बेरोजगारी से लड़ाई में सक्षम बनाना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर छात्रों को भारतीय संविधान के वैभवशाली इतिहास की भी जानकारी दी। उन्होंने बेहतर प्रोफेशनल बनाने के लिए नालंदा और तक्षशिला जैसी यूनिवर्सिटीज के निर्माण के विजन को सामने रखा। उन्होंने छात्रों को भारतीय संस्कृति और इतिहास को समझने के लिए प्रोत्साहित किया। उनका कहना था कि छात्रों को गर्व होना चाहिए कि उन्होंने भारत में जन्म लिया और यहीं उनका पालन पोषण हुआ।
श्री नेहरू, जो देश के सबसे कम उम्र के वाइस चासंलर थे। उन्होंने नेशनल स्किल इको सिस्टम में बदलाव के सपने को पूरा करने के लिए अपना अच्छा खासा और आकर्शक करियर छोड़ दिया। उन्होंने इस तरह के संस्थानों की महत्ता को उभारा और देश के विकास में उनकी ओर से दी जाने वाली सेवाओं का महत्व बताया। उन्होंने खुशी जताई कि टीआईएसएस और अपार इंडिया जैसे संगठनों ने लगातार बदलती सामाजिक जरूरतों और इंडस्ट्रीज के वर्क कल्चर के अनुसार तरह-तरह के कोर्सेज का विकास किया है। संस्थान ने लोककेंद्रित और इकोलॉजिकल रूप से स्थिर समाज के निर्माण में मदद की है, जो सभी के सम्मान, समानता, सामाजिक न्याय और सामाजिक अधिकारों को बढ़ावा देता है और उनकी रक्षा करता है। इसमें समाज के उपेक्षित और वंचित वर्गों के साथ हाशिए पर रह रहे समाज का विशेष ध्यान रखा जाता है।