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अनु मलिक ने अपने पहले शूट को देखने के लिए 5 रूपए चुराए थे

मुम्बई मौकों और सपनों का शहर है। रोज यहाँ पर लाखो लोग अपने सपनों की तलाश में आते हैं, फिर चाहे वह बड़े हो छोटे, कुछ न कुछ करने की तलाश उन्हें यहाँ पर ले आती है। इंडियन आइडल का सीजन 10 भी बहुत जोर शोर से सोनी एंटरटेनमेंट टेलीवीजन पर शुरू हुआ है, इसमें संगीत जगत की जानी मानी हस्तियाँ कंटेस्टेंट की प्रतिभाओं से हैरान रह गईं, जिन्होनें इस खिताब को पाने के लिए ऑडिशन दिया, फिर चाहे वह अनुमलिक हों, विशाल डडलानी हो या फिर नेहा कक्कड़। इनमे से कुछ की कहानियों ने ज्यूरी पैनल की तीनों सेलिब्रिटीज को भी भावुक कर दिया। संगीत गुरु अनुमलिक भी भावुक हहो गए क्योंकि उन्हें मुम्बई में अपने शुरुआती दिन याद आ गए।
अनुमलिक, जिन्होंने इंडस्ट्री में खुद का एक मुकाम बनाया है, उन्होंने अपने शुरुआती दिनों की कहानी साझा की। जिस व्यक्ति ने हिंदी सिनेमा को इतने बेहतरीन गाने दिए, उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने अपने शुरुआती दिन काटे थे। इन्हीं प्रतिभाशाली गायकों की तरह वे भी काम की तलाश में मुम्बई आए थे, संगीत में कुछ करने के लिए, अपना नाम कमाने की चाह लिए, उन्होंने अपने पहले म्युजिक वीडियो बारिश का मौसम की शूटिंग की यादें ताजा की, उन्होंने कहा कि उन्केसंघर्ष के दिन ऐसे थे कि उनके पास अपना दिन काटने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए थोडा बहुत मामूली पैसा भी नहीं होता था। मगर उन्हें अपनी काबिलियत पर यकीन था कि एक न एक दिन जरूर ही उनकी यह मेहनत रंग लाएगी। दुर्भाग्य से अनु मालिक ने अपने पिता की जेब से पांच रूपए चुराए थे जिससे वे वीडियो की शूटिंग देखने जा सकें।
सेट से एक स्रोत ने बताया कि अनु जी, आज जहां पर हैं वहां पर आने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। संगीतकार और गायक अनु मलिक के लिए यह सब आसान नहीं था, मगर उन्होंने अपने जूनून और जिद्द के आगे हार नहीं मानी और यह उनका जूनून ही था जिसने उन्हें संगीत में यह मुकाम दिलाया, जिस तरीके से उन्होंने अपने संगीतकार बनने के शुरुआती दिनों के संघर्ष की यादें बताईं, वह रुला देने वाली थीं। वे कभी पैसे नहीं चुराना चाहते थे, मगर वह एक मासूम कदम था, जिसने उन्हें आज यहाँ तक पहुंचा दिया, उन्होंने अपने पिता की जेब से पांच रूपए चुराए थे और शूट देखने के लिए टैक्सी की थी, वे अपने उन अनुभवों के लिए शुक्रगुजार हैं, जिसने हर कदम पर उन्हें सिखाया। यह जानना बहुत ही प्रेरक है कि अनु जी ने कैसे इतनी संगीतमय सफलता हासिल की।”

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