ऋतिक व राकेश रौशन ने मुम्बई में शहीद भगत सिंह को उनकी 110वीं वर्षगाँठ पर श्रद्धांजलि अर्पित की
युवाओं के दिलों की धड़कन ऋतिक रौशन और उनके पिता, अनुभवी फिल्मकार राकेश रौशन राष्ट्रीय उद्देश्य में योगदान करने के लिए शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 110वीं वर्षगाँठ के अवसर पर मुम्बई में आयोजित ‘बसंती चोला दिवस’ के विशाल देशभक्तिपूर्ण आयोजन में भाग लिया। यह समारोह एनजीओ शहीद भगत सिंह सेवा दल और एसबीएस फाउंडेशन द्वारा
संगठन के संस्थापक सरदार जीतेन्दर सिंह शंटी, मुम्बई क्षेत्र की प्रेसीडेंट श्रीमति उल्का नायर और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री हनुमान लखोटिया की देख-रेख में आयोजित किया गया। बाॅलीवुड सेलेब्रिटी ऋतिक रौशन एवं राकेश रौशन इस देश के महानतम शहीदों में से एक भगत सिंह को उनकी 110वीं वर्षगाँठ पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
ऋतिक रौशन ने कहा कि, ‘मुझे इस देशभक्तिपूर्ण आयोजन में शामिल होकर और भगत सिंह जी को उनके वर्षगाँठ समारोह में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करके गर्व का अनुभव हो रहा है। इस महान देशभक्तिपूर्ण उद्देश्य और इस विशेष समारोह के लिए मैं सरदार जीतेन्दर सिंह शंटी और एनजीओ शहीद भगत सिंह सेवा दल एवं एसबीएस फाउंडेशन से जुड़े सभी लोगों को धन्यवाद देता हूँ।’
अनुभवी अभिनेता, निदेशक एवं निर्माता राकेश रौशन ने कहा कि, ‘जन-गण के हृदय में बसे शहीद भगत सिंह जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए ऋतिक रौशन के साथ ‘बसंती चोला दिवस’ में आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। हम उनकी विरासत के प्रति सलाम और सम्मान व्यक्त करते हैं।’
मनवता के अभियान के शहीद भगत सिंह सेवा दल एवं एसबीएस फाउंडेशन नामक संस्था के संस्थापक, जीतेन्दर सिंह शंटी ने कहा कि, ‘सर्वप्रथम हमें यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमने इस वर्ष मानवता की सेवा के अपने 21 साल पूरे कर लिए हैं। हमें अमर शहीद भगत सिंह के सिद्धान्तों से ऊर्जा और समर्थन मिलता है। हम हर साल भगत सिंह जी की वर्षगाँठ दिल्ली में मनाते रहे है ं, लेकिन इस साल ऋतिक रौशन और राकेश रौशन जी के सहयोग से हम इस विशाल समारोह का मुम्बई में ‘बसंती चोला दिवस’ के रूप में आयोजित कर रहे हैं।
यह उनकी उदारता है कि उन्होंने हमारे विनम्र अनुरोध को स्वीकार किया और व्यस्तताओं के बावजूद अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की। एनजीओ, शहीद भगत सिंह सेवा दल एवं एसबीएस फाउंडेशन दो दशकों से मानवता की सेवा में सक्रिय है और अब यह (क) आपात सेवा (ऐम्बुलेंस सेवा, रक्तदान), (ख) मृतक का निष्पादन (शवों की अंतिम क्रिया, अर्थी/शव वाहन एवं रेफ्रीजेरेटेड मोबाइल ताबूत), (ग) आपदा प्रबंधन (आपात प्रतिक्रिया, बचाव एवं राहत, मानवीय सहयोग, शिविर, भोजन, स्नान, पानी, सफाई, स्वास्थ्य सेवाएँ) जैसी सेवाएँ निःशुल्क उपलब्ध करा रहा है। मानव प्रजाति के लिए ये अत्यंत बुनियादी सेवाएँ हैं, जिनकी ओर सरकारी प्राधिकारियों या व्यक्तियों या किसी संगठन का ध्यान कम ही जाता है। इसलिए यह एनजीओ अपनी कार्यसूची के साथ हृदय से मानवता की सेवा में