जहां महिलाओं की बादशाहत कायम है – पर्दे के आगे और पर्दे के पीछे
कलर्स ने हमेशा महिलाओं के अधिकार और उनके सशक्तिकरण की हिमायत की है – चाहे वह चैनल पर दिखाए जाने वाले शो के माध्यम से हो या उन कार्यक्रमों के माध्यम से हो जिनका यह समर्थन करता है। चाहे सशक्त महिलाओं की दास्तान सुनाना हो या उड़ान, लाडो – वीरपुर की मर्दानी और शक्ति से लेकर पिंकाथन – जो ‘महिलाओं की भलाई’ का संदेश फैलाते हों – जैसे घटनाचक्रों वाले रोचक आख्यान हों, चैनल ने ऐसी महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में काम किया है जिनके पास समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति है – जो फेमिना मिस इंडिया के प्रति इसके समर्थन में परिलक्षित होता है। महिला सशक्तिकरण को वास्तविकता बनाने और यहां तक कि इसे सेलिब्रेट करने की दिशा में यह प्रवृत्ति कलर्स के अग्रणी अभिनेताओं की वास्ताविक जिंदगियों में देखी जाती है।
कलर्स के ‘उड़ान में सूरज की अग्रणी भूमिका निभाने वाले विजयेंद्र कुमारिया हरेक दिन यह सुनिश्चित करते हैं कि वे अपनी छोटी बेटी किमाया के साथ नाश्ते करें, जो सिर्फ डेढ़ साल की है। वह अपने पिता को साथ देती है, और यहां तक कि उनके साथ उनकी कार तक जाती है और तब तक इंतजार करती रहती है जब तक कि वह काम के लिए अंतिम रूप से निकल न लें। उन्होंने कहा, ‘जब से मेरी बेटी हमारी जिंदगी में आई है, मेरी जिंदगी खूबसूरत हो गई है। वह मेरी जिंदगी में किस्मत लेकर आई है। मैं उसके साथ केवल तभी समय बिता पाता हूं जब हम नाश्ता करते हैं और मैं इस बात का ख्याल रखता हूं कि मैं इसे मिस नहीं करूं।’ काम खत्म होने के तुरंत बाद, वह घर के लिए तेजी से निकल पड़ते हैं ताकि अपनी बेटी के सोने से पहले वह उसके साथ थोड़ा भी समय बिता पाएं। वह यह बात स्वीकार करते हैं कि बेटी के आगमन ने उनका जीवन पहले से अच्छा बना दिया है। शो उड़ान ने हमेशा यह बात दर्शाइ है कि महिलाओं को किस प्रकार सशक्त किए जाने और वे जिन अधिकारों की हकदार हैं वे उन्हेंा दिए जाने की जरूरत है।
अपनी पत्नी, जो एक कामयाब स्टाइलिस्ट है, के बारे में बात करते हुए अधिक महाजन, जो लाडो-वीरपुर की मर्दानी में डॉ. विशाल के चरित्र का चित्रण करते हैं, ने कहा, ‘मेरी पत्नी मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण महिला है। वह एक शानदार इंसान है जिसने अत्यन्त, कड़ी मेहनत के साथ इंडस्ट्री में अपनी स्वमयं की जगह बनाई है। आज वह एक मशहूर स्टाइलिस्ट है, जो एन्टरटेन्मेंट इंडस्ट्री के चोटी के सेलिब्रिटियों को फैशनेबल बनाती हैं और मुझे उस पर अत्यधिक गर्व है। मैं नेहा महाजन के पति के रूप में जाना पसंद करता हूं।’ उन्होंने आगे कहा, “अपनी जिंदगियों में महिलाओं को संजोकर रखने की और उन्होंने प्यार दिए जाने की जरूरत है।” इस महिला दिवस, अधिक ने अपनी पत्नी के लिए कुछ खास योजना बनाई है। वह उसे अंडमान के शार्ट ट्रिप पर ले जाएंगे। उन्होंने उसके लिए खाना पकाने तक की योजना बनाई है।
युवराज उर्फ लाड़ो-वीरपुर की मर्दानी के शालीन मल्होत्रा का मानना है, ‘जब हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, तो हम समाज को मूलतरू यह कहने की कोशिश कर रहे होते हैं कि महिलाएं फिलहाल कम सशक्तण हैं। मेरा मानना है कि महिलाएं श्रेष्ठतर लिंग हैं और वे पहले से ही सशक्त हैं। वे प्यार, देखभाल, कड़ी मेहनत और स्नेह की प्रतीक हैं। वे सबसे सबल हैं। मैं नहीं चाहता कि लोग इस विषय के बारे में खाली वर्ष के एक दिन बात करें और बाद में इसके बारे में भूल जाएं। मैं चाहता हूं कि वे इसमें विश्वास करें और महसूस करें और अपनी जिंदगियों में महिलाओं के प्रति सम्मान दर्शाएं।’
महिलाओं सर्जक और पोषक दोनों हैं। वे वह लोग हैं जो हमारे देश के भविष्य का निर्धारण करती हैं और वे किसी से कम नहीं हैं। इस महिला दिवस, आइए प्रण लें कि हम हमेशा अपनी माताओं, बहनों, बेटियों और अपनी जिंदगियों की अन्य सभी महिलाओं के लिए उपलब्ध रहेंगे और जब कभी भी उन्हें ऐसा लगे कि उनके सपने असंभव हैं तो हम उन्हेय हल्के से प्रोत्सा हित करें और उन्हें अपने आपका सर्वश्रेष्ठक रूप बनने में उनकी सहायता करें।