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तमाम कलाकार ऐसे हैं, जिन्हें ऐसा सुनहरा मौका नहीं मिलता : ईशान खट्टर

सुंदर-सलोने उभरते अभिनेता ईशान खट्टर एवं प्रतिभाशाली अभिनेत्री मालविका मोहनन और फिल्म के निर्देषक माजिद माजीदी के साथ 20 तारीख को रिलीज हो चुकी फिल्म ‘बियाॅन्ड द क्लाउड्स’ के लिए दिल्ली आए थे। ईशान अभिनेता शाहिद कपूर के छोटे भाई हैं। अभिनेता ईशान खट्टर ने अपनी फिल्म के बारे में बताया कि ‘माजिद मजीदी जैसे इंटरनेशनल ख्याति प्राप्त निर्देशक की पहली हिंदी फिल्म का हिस्सा होना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। ‘बियांड दि क्लाउड्स’ की कहानी मुंबई की पृष्ठभूमि पर आधारित है। फिल्म में भाई-बहन की दिल को छू देने वाली कहानी को सामने रखा गया है।’ हिंदी भाषा की फिल्म ‘बियांड द क्लाउड्स’ का नाम अंग्रेजी में रखने के बारे में ईशान ने बताया, ‘चूंकि इस फिल्म को पूरे विश्व में प्रदर्शित किया जा रहा है, इसलिए इस फिल्म का नाम ऐसा रखा है, जिसे हर देश का दर्शक समझ सके, लेकिन कोई सख्त या कठिन अंग्रेजी नाम नहीं रखा गया है। यह एक यूनिवर्सल फिल्म है। ‘बियॉन्ड द क्लाउड्स’ पाकिस्तान सहित 34 देशों में रिलीज हुई है। यह फिल्म गल्फ कॉरपोरेशन काउंसिल (जीसीसी) के देशों- ईरान, दुबई, कुवैत, ओमान, बाहरेन और कतर की 70 स्क्रींस पर दिखाई जाएगी। जीसीसी देशों के अलावा इस फिल्म की ओपनिंग अमेरिका, कनाडा, नीदरलैंड्स, बेल्जियम, मालदीव, लग्जमबर्ग, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, साउथ अफ्रीका, मलेशिया, जापान, कोरिया और इंडोनेशिया में भी होगी।’
फिल्म की कहानी एवं इसमें काम करने के अनुभव के बारे में ईशान खट्टर ने कहा, ‘तमाम कलाकार ऐसे हैं, जिन्हें ऐसा सुनहरा मौका नहीं मिलता। माजिद मजीदी की यह फिल्म काफी जटिल है। मेरे किरदार में कई लेअर हैं, लेकिन मुझे कोई डर नही लगा, क्योंकि इस फिल्म ने मुझे चुना था, मैंने इस फिल्म को नहीं चुना। जब मुझे यह फिल्म मिली, तब और आज भी मैं इस स्थिति में नहीं हूं कि मैं माजिद मजीदी की फिल्म को चुन सकूं। मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि जब माजिद मजीदी ने मेरा आॅडिशन लेकर मुझे इस फिल्म के लिए चुना, उस वक्त उन्हें नहीं पता था कि मैं फिल्मी परिवार से संबंध रखता हूं। माजिद सर मेरे लिए पिता के समान हैं। जब तक आपके साथ उनका इक्वेशन न बन जाए, वह आपसे बात नहीं करते हैं। एक बार उनके साथ आपकी ट्यूनिंग बैठ गई, तो वह आपको इंसानों की तरह प्यार करने लगते हैं। वह पारिवारिक इंसान हैं और उनके लिए रिश्ते बहुत अहमियत रखते हैं। यही वजह है कि वह अपनी फिल्मों में भी रिश्तों को बड़ी खूबसूरती से पेश करते हैं। जहां तक फिल्म ’बियांड द क्लाउड्स’ की कहानी की बात है, तो ‘बियांड द क्लाउड्स’ की कहानी के केंद्र में बचपन में ही अनाथ हो चुके एक उन्नीस वर्ष के लड़के आमीर और उसकी बहन तारा है। आमीर ड्रग्स के अवैध धंधे से जुड़ा हुआ है, क्योंकि उसे रातों रात बहुत बड़ा इंसान बनना है। तारा अपने भाई को हर मुसीबत से बचाने के लिए प्रयत्नशील रहती है, लेकिन एक दिन पुलिस तारा को ही गिरफ्तार कर जेल में डाल देती है। कुछ दिन में ही तारा को अहसास हो जाता है कि वह जेल की काल कोठरी में मरना नहीं चाहती, लेकिन उनकी जिंदगी की रोशनी पर तो बादल छाए हुए हैं। कुल मिलाकर यह फिल्म भाई-बहन के बीच के रिश्ते और उनके बीच के गठबंधन की बात करती है। फिल्म पारिवारिक रिश्तों की बात करती है। इसमें मैंने आमीर का किरदार निभाया है।’

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