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तीन साल से डिप्रेशन में थीं दीपिका पादुकोण

अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने गुरुवार को कहा कि डिप्रेशन से उनकी लड़ाई उनके लिए बहुत बुरा अनुभव था और वो हमेशा डरती हैं कि कहीं उन्हें फिर से यह बीमारी ना हो जाए। दीपिका गुरुवार को इंडियन इकोनॉमिक समिट में मानसिक बीमारी पर बात कर रही थीं, उन्होंने कहा- मैं यह नहीं कह सकती कि मैं डिप्रेशन से पूरी तरह उबर चुकी हूं। मेरे दिमाग में हमेशा यह रहता है कि यह बीमारी फिर से वापस आ सकती है, यह मेरे लिए बहुत ही बुरा अनुभव था। जब मैं उस दौर में थी, तब मेरी मां ने मुझमें डिप्रेशन के लक्षण देखे और उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक हो जाएगा, अगर मेरी मां और काउंिसलर मेरा साथ नहीं देतीं, तो मैं इतनी जल्दी उबर नहीं पाती।
उन्होंने कहा कि पहले मैं दवाइयां भी नहीं खाना चाहती थीं। मुझे अब भी लगता है कि यह बीमारी मुझे फिर से हो जाएगी। फिल्में करते वक्त भी यह फीलिंग मुझमें रहती है, आज भारत में आत्महत्या की दर बहुत ज़्यादा है। एक दिन भारत खुशनुमा देशों में से एक हो सकता है। मैंने ‘द लव लिव लॉफ फाउंडेशन’ लोगों को यह बताने के लिए बनाया कि आप जैसा महसूस करते हैं, वो ठीक है।
मैं उस स्टेज पर पहुंच चुकी थी, जहां मैंने महसूस किया कि क्यों मैं लोगों को यह नहीं बता सकती कि मैं क्या फील करती हूं, जब मैंने मदद लेने का निर्णय लिया, तब मैं ट्रीटमेंट, मेडिकेशन और लोगों से शेयर करने में पीछे नहीं हटी, अगर मैं अपने काउंसिलर के साथ कंफर्टेबल नहीं होती, तो उनसे अपना इलाज नहीं करवा पाती। संस्थानों के लिए यह जरूरी है कि वो जैसे शारीरिक बीमारी का इलाज करते हैं, वैसे ही मानसिक बीमारी का भी करें। ट्रीटमेंट के पहले और बाद की खासियत यह है कि अब मैं अपना ख्याल रख सकती हूं।
उनसे पूछा गया कि क्या डिप्रेशन के बारे में खुलकर बोलने से उन्हें कुछ फिल्मों के ऑफर खोने पड़े, इस पर उन्होंने कहा- हो सकता है कुछ लोग हो, जिन्होंने यह सोच कर मुझे फिल्में ऑफर ना की हो कि यह डिप्रेस है और एक्टिंग नहीं कर पाएगी। हो सकता है, मुझे पता नहीं, मैं खुश हूं कि मैं वो फिल्में चुन पाती हूं, जिसमें मैं काम करना चाहती हूं। सबके पास यह लग्जरी नहीं होती कि वो कहां काम करना चाहते हैं और कब काम करना चाहते हैं।
दीपिका ने कहा कि स्कूल के पाठ्यक्रम का हिस्सा मेंटल हेल्थ भी होना चाहिए, इससे बच्चों को जुड़े मिथ का भी पता चलेगा, उन्होंने बताया- फिजिकल एजुकेशन मेरे स्कूल के पाठ्यक्रम का हिस्सा था, लेकिन मेंटल हेल्थ पर बात करने के लिए कोई नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि वर्कप्लेस पर डिप्रेशन को नॉर्मल तरीके से देखना चाहिए, जो डिप्रेशन से गुज़र रहे हैं, उनके लिए माहौल नॉर्मल रखना चाहिए।
जब दीपिका खुद डिप्रेशन से गुज़र रही थीं, तब उन्होंने इसके बारे में पब्लिक में बात करने की क्यों सोची? इस पर उन्होंने कहा कि मैं चाहती थी कि भारत में इसके प्रति लोगों का नज़रिया बदले। फिल्मों की बात करें तो दीपिका, संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ में नजर आएंगी। फिल्म में उनके साथ शाहिद कपूर और रणवीर सिंह हैं, फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होगी।

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