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फिल्म ‘गांधी मेमोरेबिलिया’ का टीजर हुआ लाॅन्च

अपनी पहली फिल्म मन्टोस्तान जो कि कान फिल्म फेस्टिवल में चयनित हुई थी व पश्चात देश विदेश में कइ पुरस्कार जीतने के बाद एक लघु फिल्म रूद स्ट्रांग फेथ‘ जिसे पिछले माह ही रीलीज किये हैं। जो कि इस 2018 में कान फिल्म फेस्टिवल के लिये चयनित हुई है। अब पुनः पिता पुत्र डॉ. भानु प्रताप सिंह व आदित्य प्रताप सिंह की जोड़ी एक और रचनात्मक फिल्म‘गांधी मेमोरेबिलिया‘जो कि एम भारत अमेरिकी परियोजना है के साथ वापस आ रही है। जो कि हमार राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी के विचारो व् आज के आधुनिक युग में उनके प्रभाव पर आधारित है।
09 मई 2018 को ‘गांधी मेमोरेबिलिया‘ फिल्म का टीजर रिलीज किया गया और एक सप्ताह के भीतर यह टीजर फेसबुक, यू टृयूब और इन्स्टाग्राम सहित सभी सोषल साइट्स में यह टीजर ट्रेण्ड करने लगा और इसे इन्स्टाग्राम में 60 लाख लोगो ने देखा व पसन्द किया। और लगभग 10000 comments के साथ ही सिनेमा से जुड़े सभी सामाजिक मीडिया वोग्, बालीवुड सिनेमा, और र्कइ अन्य में यहरूझान आया। हालीवुड और बालीवुड से जुडे र्कइ मषहूर हस्तियों ने इस टीजर को पसंद किया व शेअर भी किया। यह स्पश्टतः महात्मा गांधी की प्रासंगिकता, लोकप्रियता और आज के समय में भी उनके महत्व को दर्षाता व साबित करता है।
टीजर के रीलीज के अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुये फिल्म के लेखक व निर्देषक डाॅ भानु प्रताप सिंह ने कहा कि ‘गांधी मेमोरेबिलिया‘ सिर्फ एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म नहीं है, ना ही उनकी सिर्फ जीवनी है। सच्चाई और अहिंसा के अलावा महात्मा गांधी के विचारों व आज के आधुनिक युग में भी उनके प्रभाव व संगिकता पर आधारित है।यह फिल्म डाॅ भानु प्रताप सिंह द्वारा लिखी व निर्देषित की र्गइ है। फिल्म की मुख्य अभिनेत्री डारिया कोषेलेवा, जो कि इस फिल्म में एक पापस्टार की भूमिका में है।और अपनी जिन्दगी में घटने वाली कुछ महत्वप पूर्ण घटनाओं के कारण महात्मा गांधी से प्रभावित होकर उनकी अनुयायी बन जाती है। और उनके विचारों और सिद्धा्रतो को अपनाकर अपने मूल देश जहाँ की स्थिती उन्नीसवी संदी के भारत व दक्षिण अफ्रीका की तरह रहती है। का स्वतंत्रा दिलाती है। डारिया कोषेलेवा ने जब फिल्म ‘गांधी मेमोरेबिलिया’ को जाइन किया तब वे महात्मा गांधी से अनजान थी परन्तु बाद में महात्मा गांधी से प्रभावित र्हुइ व वास्तविक जिन्दगा में भी उनकी अनुयायी बन गयी।
डाॅ भानु प्रताप सिंह जो कि पेषे से एक डाॅक्टर है। और उनके नाम चार पी.एच.डी. व एक डी.लिटहै। उन्होने एक पी.एच.डी. गांधियन थाट्स पर किया है। वे गांधी विशय पर सिक्के, डाक टिकट, कितबे व फोटो ग्राफ्स का संग्रह भी करते हैं। साथ ही उनका नाम इस संग्रह के लिये लिम्का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज है। उन्होने गांधी पर र्कइ किताबे भी लिखी है। आदित्य प्रताप सिंह जो कि पेषे से इंजिनियर है, व Aaditya Pratap Singh EntertainmentsPvt Ltd   में र्पाटनर हैं। उन्हे भी पिता की तरह सिक्के व डाक टिकट जमा करने का षौक है।यह फिल्म, आदित्य प्रताप सिंह के होम प्रोडक्शन ।  Aaditya Pratap Singh EntertainmentsPvt Ltdके द्वारा निर्मि त की जा रही है। पिता पुत्र भानु प्रताप सिंह व आदित्य प्रताप सिंह की जोड़ी 2019 में गांधीजी पर आधारित एकऔर बड़ी परियोजना के साथ आ रहे है।

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