फिल्म समीक्षा
फिल्म का नाम : पलटन
फिल्म के कलाकार : जैकी श्रॉफ, अर्जुन रामपाल, सोनू सूद, गुरमीत चौधरी, हर्षवर्धन राणे, लव सिन्हा, सिद्धांत कपूर, सोनल चौहान, दीपिका कक्कड़, ईशा गुप्ता
फिल्म के निर्देशक : जे.पी. दत्ता
फिल्म की अवधि : 2 घंटा 34 मिनट
रेटिंग : 2.5/5
बॉर्डर, एल ओ सी कारगिल और रिफ्यूजी जैसी देशभक्ति से भरपूर फिल्में बनाने वाले निर्माता-निर्देशक जे.पी. दत्ता इस बार फिल्म ‘‘पलटन’’ लेकर आए हैं। यह फिल्म 1967 के नाथुला पास में चीन के साथ भारत की हुई छोटी सी लड़ाई पर आधारित है। जिस तरह बार्डर में कई बाॅलीवुड कलाकारों को लिया गया था ठीक उसी तरह इस फिल्म को भी कई सारे अभिनेताओं को मिलाकर बनाई गई है। फिल्म देखते वक्त कहीं न कहीं आपको फिल्म बार्डर की झलकियां याद आ जाएंगी।
फिल्म की कहानी :
फिल्म की कहानी 1962 के चीन के द्वारा नाथुला पासिंग पर हमला करने से शुरू होती है, जिसकी वजह से हमारे 1383 जवान शहीद हो गए थे। हजारों घायल और लापता भी हुए थे, जिसके बाद बॉर्डर पर सगत सिंह (जैकी श्रॉफ) के कहने पर लेफ्टिनेंट कर्नल राय (अर्जुन रामपाल) के देख-रेख में मेजर हरभजन सिंह (हर्षवर्धन राणे), लेफ्टिनेंट अत्तर (लव सिंहा), कैप्टन पृथ्वी डागर (गुरमीत चौधरी), मेजर बिशन सिंह (सोनू सूद) और हवलदार पराशर (सिद्धांत कपूर) सीमा की सुरक्षा करने में लग जाते हैं। नाथुला पोस्ट की सुरक्षा का काम बिशन को दिया जाता है। चीनी सेना से बार-बार छोटी मोटी लड़ाई होती रहती है, बाद में फेंसिंग बनाने के कारण बात बढ़ने लगती है। इसी बीच कहानी फ्लैशबैक और प्रेजेंट में चलती रहती है, जिसकी वजह से सभी अपने-अपने परिवार को याद करते हैं। जंग छिड़ती है, कई सारे जवान शहीद हो जाते हैं और अंत में चीनी सेना समझौता कर लेती है।
फिल्म में इंटरवल से पहले के भाग को काफी लंबा खींचा गया है। फिल्म की कास्टिंग पर थोड़ा और ध्यान देने की ज़रूरत थी क्योंकि इतने बड़े मैदान पर सैनिक बहुत ही कम दिखाए गए हैं। फिल्म में इमोशन तो है लेकिन ‘‘बार्डर’’ की तरह यह आपको रूला नहीं पाती है। फिल्म में सोनू सूद, अर्जुन रामपाल, गुरमीत चैधरी, लव सिन्हा, सिद्धांत कपूर, हर्षवर्धन राणे जैसे कलाकारों ने बढ़िया काम किया है। जैकी श्राॅफ के रोल को थोड़ा और बढ़ाया जा सकता था तो उनका किरदार और भी दमदार हो जाता।
फिल्म क्यों देखें : फिल्म में युद्ध के दृश्य अच्छे से दर्शाए गए हैं जो आपको इमोशनल भी करते हैं। 1967 में चीन और भारत के बीच हुई इस छोटी सी जंग के बारे शायद ही सबको पता है इसलिए भी एक बार इस फिल्म को देखा जा सकता है।