मनोरंजन

शो ‘जिंदगी के क्रॉसरोड्स’ एक बेहतरीन काॅन्सेप्ट है : कुशल पंजाबी

जिंदगी के क्रॉसरोड्स जल्द ही सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होगा। इसमें जल्द ही जिंदगी की नाटकीयता से प्रेरित ऐसी कहानियों को प्रस्तुत किया जाएगा, जो जिंदगी को बदल सकती है। हर एपिसोड में एक नई कहानी दिखाई जाएगी और जब तक नायक कोई ‘क्रॉसरोड’ की स्थिति में फैसला नहीं ले लेता, तब तक उस मुद्दे पर स्टुडियो ऑडियंस हर पहलू पर चर्चा करेगी। यह ऑडियंस हमारे देश का प्रतिनिधित्व करती है। वह यह ही बताएगी कि हममें से ज्यादातर यदि ऐसी स्थिति में फंसते तो क्या करते। लोकप्रिय टीवी स्टार राम कपूर इस शो को होस्ट करेंगे और लोगों से अपनी राय को व्यक्त करने के लिए उकसाते नजर आएंगे। इस दौरान वे उनके जवाबों के पीछे के ‘क्यों’ में भी जाएंगे और ऑडियंस से शो में दिखाई गई कहानी के सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे। यह एक रोचक फॉर्मेट तो है ही सप्ताह के रोजमर्रा के दिनों में प्राइम टाइम पर कभी ऐसा शो नहीं दिखाया गया है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति इससे बेस्ट कंटेंट की उम्मीद ही करेगा।
एक ऐसी ही कहानी दिखाई जाएगी ‘एडॉप्शन’ यानी बच्चे के दत्तक ग्रहण के मुद्दे पर। इसमें हैंडसम कुशल पंजाबी आपको एक पिता की भूमिका में नजर आएंगे। यह कहानी एक दंपती के एडॉप्शन से जुड़ी दुविधा के इर्द-गिर्द घूमती है। यह कहानी सामयिक तो है ही, दर्शकों को भी बांधे रखती है।
शो के बारे में कुशल पंजाबी ने कहा, ‘जिंदगी के क्रॉसरोड्स एक बेहतरीन काॅन्सेप्ट है। जब मैंने कहानी सुनी तो मुझे वह बहुत अच्छी लगी। हर व्यक्ति अपनी जिंदगी में किसी न किसी वक्त दोराहे पर खड़ा होता है। ऐसी परिस्थिति का सामना करने के लिए सहज और स्वाभाविक होकर फैसले लेने पड़ते हैं और दिल की सुननी पड़ती है। मैं खुद भी एक पिता हूं और मैं जिस एपिसोड में मैंने काम किया, उससे मैं खुद को जुड़ा हुआ महसूस कर रहा हूं। इस एपिसोड की शूटिंग से मेरे अंदर का व्यक्ति हिल गया है। इस कहानी ने मेरे विचारों को झकझोर कर रख दिया है और मैं दूसरे बच्चे को एडॉप्ट करने का सोचने लगा हूं। जिन बच्चों के माता-पिता नहीं होते, उनके बारे में सोचकर महसूस किया कि हम कितने ताकतवर हैं और छोटे-छोटे से अंदाज में ही सही लेकिन उनकी जिंदगी में अपना योगदान दे सकते हैं।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या कभी उन्होंने खुद को अपने व्यक्तिगत जीवन में किसी दोराहे पर खड़ा पाया है, तब उन्होंने कहा, ‘वह भी एक वक्त था, जब मुझे बीमारी हुई थी और डॉक्टरों ने कुछ महीनों के लिए आराम करने को कहा था। वह जरूरी था। मेरी सेहत के लिए वह वक्त की दरकार थी। इसका मतलब यह भी था कि मुझे एक्टिंग असाइनमेंट्स छोड़ने थे। मुझे तो यह भी नहीं पता था कि मैं दोबारा सीरियल की शूटिंग कर सकूंगा। इस तरह के विचार मुझे नीचे खिंचते। मुझे पता नहीं था कि मैं क्या करूं। जब मैं रिकवरी कर रहा था, तब भविष्य अंधकारमय लगता था। तब मैंने अपने विचारों को शब्दों में ढालना शुरू किया। उस लेखन ने ही मुझे उस समय के तनाव से बाहर निकाला बल्कि एक फीचर फिल्म और दो शॉर्ट फिल्म्स का आइडिया भी मिला, जो बेहद सफल रहीं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *