‘पार्टीशन 1947’ के ये डायलॉग्स सुन आप भी फिल्म देखने को हो जाएंगे मजबूर…
‘पार्टिशन: 1947’ यानी विभाजन की कहानी.. उस लकीर की कहानी जिसने दो मुल्कों को आपस में बांट दिया। एक भारत बन गया और दूसरा पाकिस्तान।
गुरिंदर चड्ढा ने फिल्म की कहानी लिखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। फिल्म की कहानी भारत के आखिरी वायसरॉय लॉर्ड माउंटबैटन पर आधारित है। माउंटबैटन को भारत को आजादी दिलाने के लिए बुलाया जाता है। फिल्म में आलिया यानी हुमा कुरैशी और मनीष दयाल यानि जीत के बीच प्यार को दिखाया गया है। फिल्म में दिखाया गया है कि लॉर्ड माउंटबैटन और उनकी पत्नी लेडी एडविना के मन में भारत के लोगों के प्रति कितनी संवेदना है।
इन सबसे हटकर फिल्म में कुछ देखना या सुनना चाहते हैं तो फिल्म के डायलॉग्स जरूर सुने..
‘हम हिंदुस्तान को उसकी आजादी लौटाने आए थे, न कि उसके टुकड़े करने’
‘नए मुल्क अमन में पैदा नहीं होते’
‘हम सभी भाइयों की आत्माएं एक हैं.. धर्म के नाम पर हमें बांटना ईश्वर की मर्जी के खिलाफ है’
‘तुम आने वाला कल ला रहे हो.. ‘हम’ ला रहे हैं.. तो कहीं बात और बिगड़ न जाए..’
‘हमारा मकसद है हिन्दुस्तान को आजादी दिलाना.. जितना शांतिपूर्वक उतना अच्छा’
‘कभी कभार सर्जरी ही मरीज को बचा सकती है’
‘आपके हाथ खून से रंगे है.. पर देखिए तलवार तो आपके हाथ में है’