मूवी रिव्यु

दमदार विजुयल्स और ग्राफिक्स से भरपूर फिल्म 2.0 निराश नहीं होने देगी

फिल्म का नाम : 2.0
फिल्म के कलाकार : रजनीकांत, अक्षय कुमार, ऐमी जैक्सन, सुधांशु पांडेय, आदिल हुसैन आदि
फिल्म के निर्देशक : एस. शंकर
फिल्म के निर्माता : अलीराजा सुबासकरण, राजू महालिगंम
फिल्म की अवधि : 2 घंटे 30 मिनट
रेटिंग : 3.5/5

फिल्म 2.0’ साल 2010 ‘में आई फिल्म रोबोट का सीक्वल है। दर्शकों में इस फिल्म को देखने का काफी क्रेज़ था। फिल्म अब रिलीज़ हो चुकी है और दर्शकों को काफी पसंद भी आ रही है। निर्देशक शंकर के निर्देशन में बनी 2.0 के वीएफएक्स और ग्राफिक्स पर बहुत काम किया गया है। फिल्म का बजट 550 करोड़ रुपए है। साथ ही फिल्म को तमिल, तेलुगु और हिंदी में रिलीज किया गया है। अक्षय कुमार पहली बार दक्षिण भारत की कोई फिल्म कर रहे हैं।

फिल्म की कहानी :
फिल्म की कहानी शुरू होती है एक पक्षीविज्ञानी पक्षी राजन से जो हताश और निराश हालत में मोबाईल टावर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेता है। उसके बाद दिखाया जाता है कि फोन पर बात करते हुए सभी लोगों के फोन अचानक हवा में कहीं उड़ जाते हैं इसकी वजह से चारों तरफ हो हल्ला मच जाता है। इसी बीच एक-एक करके मोबाईल बिजनेस से जुड़े कुछ लोगों की अजीबोगरीब तरीके से हत्याएं हो जाती है। किसी को भी समझ नहीं आता कि आखिर यह हो क्या रहा है। इसके बाद फिल्म में एंट्री होती है वसीकरण (रजनीकांत) और उनकी असिस्टेंट नीला (एमी जैक्सन) की। नीला एक इंसान जैसी दिखने वाली रोबॉट है। सबके मोबाईल फोन्स एकसाथ उड़कर कहां चले गए इसके बारे में वैज्ञानिक वसीकरण (रजनीकांत) को भी इसका पता नहीं चल पाता। गृहमंत्री एस विजय कुमार (आदिल हुसैन) इसके लिए वसीकरण की मदद लेते हैं, जो मोबाइल गायब होने की वजह के बारे में पता करने की कोशिश करता है। वैज्ञानिक वसीकरण इस कारण का पता लगाने के लिए चिट्टी को लेकर आते हैं। फिल्म के दूसरे चरण में यानि इंटरवल के बाद पक्षी राजन (क्रो मैन) यानि अक्षय कुमार की एंट्री होती है। क्रो मैन इंसानों से बदला लेने के लिए मोबाईल इस्तेमाल करने वालों पर हमला करता है। क्योंकि मोबाइल फोन के रेडिएशन से पक्षियों को नुकसान पहुंच रहा है। चिट्टी और वसीकरण… दोनों मिलकर पक्षी राजन से लड़ने की तरकीब ढूंढते हैं। आगे क्या होता यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी ही पड़ेगी।

यह फिल्म साइंस फिक्शन ड्रामा है इसलिए हाल ही में रिलीज सभी फिल्मों से ये कुछ अलग है। इससे आपको कहानी एकदम अलग लगेगी। फिल्म में इस्तेमाल हुए वीएफएक्स और ग्राफिक्स काफी मजेदार है जो इसकी सबसे बड़ी खासियत है। देखकर लगता है कि इसपर काफी मेहनत की गई है। तकनीकी रूप से फिल्म में में कमी नज़र नहीं आती लेकिन अगर बात करें स्क्रिप्ट की तो यह यह थोड़ी कमज़ोर नज़र आई। स्क्रीनप्ले प्ले पर थोड़ा और काम किया जा सकता था।

बात करे एक्टिंग की तो अक्षय कुमार ग्रे शेड यानि नेगेटिव किरदार में नज़र आए हैं, इसमे ग्रे शेड किरदार उन्होंने बखूबी निभाया है। खिलाड़ी कुमार के फैंस को उनका ये ग्रे शेड काभी चौंकाने वाला है लेकिन पसंद भी आएगा। पूरी फिल्म उनके ही इर्द-गिर्द घूमती है। रजनीकांत ने पिछले किरदार को दोहराया है यह भी कह सकते हैं कि डॉ. वसीकरण और चिट्टी को जिया है रंजनीकांत ने। फिल्म में चिट्टी और चिड़िया के बीच की लड़ाई दिलचस्प है। रोबोट नीला के किरदार में एमी जैक्शन भी फिट बैठती हैं। हालांकि, जैसा कहा जा रहा था कि फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन का कैमियो भी होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ सिर्फ उनकी आवाज़ से ही काम चलाया गया है। आदिल हुसैन का रोल बहुत ज़्यादा बड़ा नहीं है पर जितने भी सीन उन्होंने किए हैं वहां उनका अनुभव दिखा। 6 से ज्यादा सीन उनके हिस्से में नहीं आए। सुधाशुं पांडेय का रोल कुछ ज़्यादा नहीं है।

फिल्म क्यों देखें ?: फिल्म में इस्तेमाल हुए वीएफएक्स और ग्राफिक्स की वजह से यह फुल पैसा वसूल 3D फिल्म है। खिलाड़ी कुमार को ग्रे शेड में देखना भी काफी दिलचस्प है। फिल्म के ज़रिये सोशल मैसेज दिया गया है|

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