मूवी रिव्यु

युवाओं को लुभाएगी लिव-इन पर आधारित कार्तिक और कृति की ‘लुका-छुप्पी’

फिल्म का नाम : लुका-छुप्पी
फिल्म के कलाकार : कार्तिक आर्यन, कृति सेनन, अपारशक्ति खुराना, पंकज त्रिपाठी, विनय पाठक, अतुल श्रीवास्तव और अन्य
फिल्म के निर्देशक : लक्ष्मण उटेकर
फिल्म के निर्माता : दिनेश विजान
रेटिंग : 3.5/5

निर्देशक लक्ष्मण उटेकर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘लुका-छुप्पी’ अब रिलीज़ हो चुकी है। फिल्म की कहानी ‘लिव-इन-रिलेशनशिप’ पर आधारित है। यह एक रोमांटिक काॅमेडी फिल्म है। हमारा भारतीय समाज और हमारी संस्कृति लिव-इन में रहने वाले लड़का-लड़की के रिश्ते को हमेशा से नकारता आया है। लेकिन शायद आज के आधुनिक दौर की वजह से भारतीय कानून ने ऐसे रिश्तों को मान्यता दे दी है बावजूद इसके कहीं न कहीं हम अपनी रूढ़िवादी सोच को बदल नहीं पाते क्योंकि हमारे संस्कार शायद हमें इसकी इजाज़त नहीं देता। खैर वक्त बदल रहा है, समाज बदल रहा है, रिश्ते बदल रहे हैं। जानते हैं कि लिव-इन पर बनी यह फिल्म कैसी है।

फिल्म की कहानी :
फिल्म की कहानी उ.प्र. के शहर मथुरा से शुरू होती है यहां पर गुड्डू (कार्तिक आर्यन) एक लोकल केबल चैनल में रिपोर्टर के तौर पर काम करता है। मथुरा के संस्कृति ग्रुप के ठेकेदार और नेता त्रिवेदी जी (विनय पाठक) की इकलौती बेटी रश्मि (कृति सनोन) जो दिल्ली से मीडिया की पढ़ाई करके आई है। इंटर्नशिप के तहत वह गुड्डू के लोकल केबल चैनल में आकर काम करती है। धीरे-धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ती हैं और प्यार हो जाता है। फिर कहानी में ट्विस्ट आता है रश्मि चाहती है कि वह दोनों लिव-इन में रहकर यह तय करें कि वह आगे जिंदगी साथ बिता पाएंगे या नहीं? ना नुकुर के बाद गुड्डू भी तैयार हो जाता है। रश्मि के पिता त्रिवेदी जी अभिनेता नाजिम खान के लिव इन का कड़ा विरोध कर उसकी फिल्मों को बैन करवा चुके हैं। अब उनके पार्टी के सदस्य प्रेमी जोड़ों को देखते ही उनका मुंह काला करने से नहीं चूकते। ऐसे में गुड्डू का दोस्त अब्बास (अपारशक्ति खुराना) तिकड़म लगाता है कि चैनल के लिए की जानेवाली एक स्टोरी के लिए वे लोग ग्वालियर जा ही रहे हैं, तो 20 दिन के इस असाइनमेंट में दोनों ग्वालियर में लिव इन करके एक-दूसरे को आजमा सकते हैं। ग्वालियर में मकान किराए पर लेकर दोनों शादीशुदा होने का नाटक करते हैं लेकिन साथ रहते-रहते आखिरकार वो शादी का फैसला कर ही लेते हैं। फिर कहानी में ट्विस्ट आता है गुड्डू के भाई का साला बाबूलाल (पंकज त्रिपाठी) दोनों को साथ देख लेता है और उन्हें मैरिड कपल समझकर गुड्डू के पूरे परिवार को ग्वालियर ले आता है। गुड्डू को कोसने के बाद दोनों के परिवार उन्हें शादीशुदा मानकर अपना लेते हैं, मगर गुड्डू और रश्मि की मुसीबत यह है कि दोनों ने शादी नहीं की है और अब दोनों किसी भी तरह यह कोशिश करते हैं कि वो किसी को बताए बिना चुपचाप शादी कर लें। आगे क्या होता है यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर का रूख करना होगा।

फिल्म में कृति सेनन और कार्तिक आर्यन की केमेस्ट्री जबर्दस्त है, दोनों हर दृश्य में छा गए हैं। अपारशक्ति खुराना अपने काॅमिक अंदाज़ से दर्शकों के चेहरों में मुस्कान लाने में कामयाब हुए हैं। बाबूलाल के किरदार में पंकज त्रिपाठी के जुमले आपको लोट-पोट करते हैं। कार्तिक आर्यन के पिता के रोल में दिग्गज अभिनेता अतुल श्रीवास्तव खूब जमे हैं। अरूण कुशवाहा ने भी अच्छा काम किया है। विनय पाठक हमेशा ही हर रोल में अच्छे लगते हैं चाहे वो काॅमेडी हो या सिरियस, इसमें उनकी अदाकारी तारीफ के काबिल है।

फिल्म का पहला भाग धीरे-धीरे आगे बढ़ता, इस भाग में कुछ खास घ्टित नहीं होता लेकिन फिल्म का दूसरा भाग आपको काफी पसंद आएगा उसमें ट्विस्ट भी काॅमेडी भी है और मनोरंजन भी है। इस भाग को बड़ी ही खूबसूरती से लिखा गया है। फिल्म का संगीत काफी अच्छा है जो आपको पसंद आएगा।

फिल्म क्यों देखें : फिल्म मनोरंजक है, आज के युवा वर्ग को फिल्म पसंद आएगी।

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