Tuesday, April 16, 2024
Latest:
मनोरंजन

सोनी सब के कलाकारों ने अलौकिक अनुभवों के बारे में बात की

1. करणवीर शर्मा (मंगलम दंगलम में अर्जुन)
कल्पना कीजिये कि मैं रात के समय जयपुर के एक बेहद मशहूर होटल के कमरे में पहुंचता हूं। पूरे दिन की थकान के बाद मैं थोड़ा रिलैक्स होने की कोशिश कर रहा था और बेड पर जाने वाला था। तभी मेरे चेहरे पर एक तेज हवा का झोंका आया। तो मैंने एसी को बंद करने की कोशिश की, लेकिन आश्चर्य की बात थी कि यह ऑन ही नहीं था। मैंने खिड़कियां देखी, लेकिन वहां भी कुछ नहीं था। आखिरकार यह एक होटल का कमरा था जहां वेंटिलेशन का बहुत ज्यादा स्कोप नहीं होता। इससे मैं दंग होने के साथ ही डर भी गया, आखिरकार मैंने मेरे कमरे को बदलने की सोची। मैं भूत और इस तरह की चीजों में विश्वास नहीं करता लेकिन उस दिन मुझे कुछ असामान्य, सा जरूर महसूस हुआ। हो सकता है कि मैं बहुत ज्यादा थका होउंगा या ऐसा नहीं भी हो सकता है। इसलिए, यह एकमात्र अलौकिक गतिविधि थी जिसका मैंने अपनी जिंदगी में अनुभव किया।
हालांकि, भगवान की कृपा है कि मेरा कभी भी किसी भूत से सामना नहीं हुआ, और यदि कभी ऐसा होता है तो मुझे उम्मीद है कि भूत का सेंस ऑफ ह्यूमर शानदार होगा।

2. पंकज बेरी (तेनालीरामा में तथाचार्या)
मेरे साथ एक घटना घटी जब मैं चंडीगढ़ में ड्रामैटिक्स में एमए कर रहा था। मैंने जैसे ही अपनी रिहर्सल खत्म की, मैं एक बस में पंजौर में अपने घर के लिए निकल पड़ा। रात के साढ़े बारह बजे थे और मुझे 12 किलोमीटर की यात्रा करनी थी। क्योंकि मैं बहुत थका हुआ था, इसलिए मैं बस में सो गया और मेरे शहर से 4 किलोमीटर आगे निकल गया। काफी लंबे समय तक पूछताछ करने के बाद, मुझे पंजौर वापस जाने के लिए परिवहन का कोई साधन नहीं मिला तब मैंने पैदल जाने का फैसला किया। उस दिन काफी ठंड थी और घोर अंधेरा था और मुझे कुछ समय तक कोई भी नहीं दिखा। जब मैं चल रहा था, तो मुझे अचानक महसूस हुआ कि कोई मेरा पीछा कर रहा है। मैं उसे देखने के लिए पीछे मुड़ा लेकिन वहां कोई नहीं दिखाई दिया। ऐसा फिर हुआ पर फिर वहां कोई नहीं था। बाद में, मैंने पाया कि एक शैडो मेरे साथ चल रही है और मैं डर गया। मैं जितना तेज हो सकता था, उतनी तेज भागा और मैं हनुमान चालीसा पढ़ता जा रहा था और मैंने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा। मैं पूरे रास्ते भागता रहा और मेरे घर के सामने ही जाकर रुका और मैं बहुत जोर-जोर से हांफ रहा था।
मुझे कभी पता नहीं चला कि वह शैडो क्या थी लेकिन मैं उस रात को नहीं भूल सकता।

3. नीलू कोहली (बैंड बाजा बंद दरवाजा में सरिता)
मैं ऐसी इंसान हूं कि ऐसी किसी चीज पर कभी भरोसा नहीं करती लेकिन मेरे साथ सेट पर एक घटना हुई। काफी साल पुरानी बात है हम एमबीसी स्टूडियो में ‘भाभी’ की शूटिंग कर रहे थे। उस स्टूरडियो में, हम उपलब्ध ता के अनुसार अलग-अलग मेकअप रूम का इस्तेमाल करते थे और उनमें मेकअप रूम का एक ऐसा सेट था, जिसके बारे में हर कोई कहता था कि वह भुतहा है। लेकिन मैं तो मैं थी, मैंने कभी भी ऐसी चीज पर भरोसा नहीं किया है। एक बार मुझे और मेरे दो अन्य साथी कलाकारों को दो सीन का ब्रेक मिला था और हम अपने छोटे से मेकअप रूम में आराम कर रहे थे। कुछ देर बाद जब मैं सो रही थी, मेरा मेकअप मैन आया और उसने यह कहकर मुझे जगाया कि मेरा टच अप करना है तभी मैंने खटखटाने की आवाज सुनी थी। मेरी तुरंत ही यह प्रतिक्रिया थी कि मैंने जोर से अपने साथी कलाकारों से पूछा जोकि मेरे कमरे के पीछे थे कि वह खटखटा क्यों रहे हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा करने की बात से इनकार कर दिया। जब मैं और मेरे मेकअप मैन कमरे से बाहर आये तो वह खटखटाहट और बढ़ गयी और हम देख सकते थे कि मेकअप रूम का बंद दरवाजा थरथरा रहा है। यह देखकर कि दरवाजा बाहर से बंद है, मैंने अंदाजा लगाया कि कोई अंदर बंद है और मैंने वॉचमैन को यह ना कहकर कि अंदर भूत है, ताला तोड़ने को कहा। दरवाजा खोलने पर हमने पाया कि अंदर कोई नहीं है और सभी बहुत डर गये। आज भी मैं जब उस दिन को याद करती हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *