अब सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर रहेगी पुलिस की नजर
रेवाड़ी। वर्तमान समय में बदलती जीवनशैली और तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन के बढ़ते प्रभाव से बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इसमें खासकर कैंसर सहित अन्य बीमारियों का सर्वाधिक प्रभाव है। यह जानकारी पुलिस सभागार में संबध हैल्थ फाउंडेशन(एसएचएफ), फोर्टिस फाउंडेशन व पुलिस की और से बुधवार को तंबाकू के दुष्प्रभाव व कोटपा पर जागरुकता कार्यशाला में निकलकर सामने आई। जिला पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल के निर्देश पर हुई इस कार्यशाला में जिलेभर के पुलिस निरीक्षक, उपनिरीक्षक व पुलिस उपाधीक्षकों ने भाग लिया।
जिला पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल ने बताया कि दिन प्रतिदिन जो माहौल में बदलाव आ रहा है उसमें अच्छाई के साथ बुराई भी होती है और इसको समय पर समझना जरुरी है। खासतौर पर युवा वर्ग को जो कि तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों का उपयोग किसी न किसी रुप में करते है जो कि इनके विकास में भी बाधक है। ये नशे शारीरिक व मानसिक रुप से बड़ा प्रभाव डालते है। इसलिए युवाओं को इससे दूर रहना चाहिए। इसकी शुरुआत हम अपने पुलिस थानों से ही करेंगे। इसके लिए उन्होने जिले के पुलिस अधिकारियों से अपील किया कि वे कोटपा 2003 की गाइडलाइन का सभी पुलिसथानों में पालन करें।
उन्होने कहा कि वर्तमान में सबड़े बड़ा चैलेंज पेसिव स्मोकिंग है। पेसिव स्मोकिंग किस तरह से आपकी जिंदगी को प्रभावित करती है इस पर भी जानकारी दी। सभी को स्वस्थ वातावरण और स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है। इसलिए जो लेाग सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करतें है, उससे पर्यावरण दूषित होता है और जबकि नाॅन स्मोकर को भी स्वच्छ हवा लेने का संवैधानिक अधिकार है, इसलिए हम सभी का मौलिक कर्तव्य है कि उनके अधिकारों का हनन नही हो। इसके लिए सभी को मिलकर सामूहिक रुप से प्रयास करनें होंगे, तभी सभी को स्वच्छ वातावरण मिल पायेगा। सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट इत्यादि का सेवन करने से नाॅन स्मोकर को बहुत अधिक नुकसान होता है। इसके लिए सभी को साथ मिलकर इस अभियान में सहयेाग करना होगा, तभी हम इस सिटी को स्वच्छ और स्वस्थ बना पाएंगे।
पुलिस अधिकारियों ने ली शपथ
डीएसपी गजेंद्र कुमार ने पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों को न लेने की शपथ दिलाई। शपथ के बाद सभी अधिकारियों ने हमेशा इस संकल्प को याद रखने व युवाओं को इससे बचाने का भी भरोसा दिलाया।
इस अवसर पर संबध हैल्थ फाउंडेशन के जमना प्रसाद ने बताया जिलेभर के पुलिस अधिकारियों को इसके लिए कोंटपा एक्ट में किस प्रकार से कार्यवाही हो इसके लिए जानकारी दी गई है। जिले के समस्त पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके बाद सभी का सामूहिक प्रयास है कि आम जनता में तथा सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों का उपभोग कम हो। उन्होंने बताया कि सभी पुलिस थानों के द्वारा जागरुकता अभियान के बाद नियमित रुप से कोटपा एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी। ताकि युवाओं को इस प्रकार की बुराई से बचाया जा सके।
बढ़ रहें है कैंसर रोगी
वर्तमान में अस्पतालों में कैंसर के जो रोगी बढ़ रहे है। इन दिनों अस्पतालों में जो इससे पीड़ित आते है उनमें पहले की अपेक्षा कम उम्र के लोग आ रहे है। इसलिए यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है। तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों में निकोटिन होता है जो कि हेरोइन से भी अधिक खतरनाक होता है। इनमें केवल 5 प्रतिशत से कम लोग ही निकोटिन को छोड़ पाते है। इसलिए हम सभी को मिलकर इसके लिए सकारात्मक ढंग से काम करना होगा। इसलिए पुलिस अधिकारियों का भी दायित्व बनता है कि वे इसे रोकने के लिए सिगरेट एंव अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा 2003) का पूरी तरह से अनुपालना कराएं। जिससे कि बच्चों व युवाओं को इससे बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि किशोर उम्र के जो लड़के लड़कियां धूम्रपान करते है, उनमें से एक तिहाई से अधिक तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित होकर दम तोड़ देतें है। अकेले हरियाणा में करीब 28 हजार लोग प्रतिवर्ष बेमौत इससे मर रहे है। करीब 43 लाख लोग हरियाणा में तंबाकू का सेवन करते हैं। ग्लोबल एडल्ट टोबेको के सर्वे के अनुसार भारत में तंबाकू की लत 17 साल की उम्र में लग जाती है। ग्लोबल यूथ टोबेको के सर्वे में सामने आया कि भारत के 20 प्रतिशत से अधिक बच्चे तंबाकू के उत्पादों का प्रयोग करते हैं। प्रदेश में करीब 116 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादों के सेवन की शुरुआत करते है, इनमें भी अधिकतर स्कूल व कालेजों में अध्ययन करने वाले शामिल है।
उन्होने कहा कि सभी आधुनिक और प्रगतिशील राज्यों ने अपने नागरिकों के लिए एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के लिए कोटपा कानून को कड़ाई से लागू किया है। कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों की पुलिस ने तंबाकू की खपत को कम करने में सराहनीय भूमिका निभाई है। कोटपा एक्ट की धारा 4, 5, 6अ, 6ब, 7 व (किशोर न्याय अधिनियम) जेजे एक्ट के बारे में जानकारी दी। वंही पुलिस अधिकारियों को बताया गया कि सार्वजनिक स्थानों पर कोटपा एक्ट में की जाने वाली कार्यवाही का प्रभावी असर सामने आता है। इसलिए पुलिस के द्वारा चलाए जाने वाले अभियान में इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही हो।
उन्होने बताया कि शिक्षण संस्थाअेां के आस पास एक सौ गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। इसलिए शिक्षण संस्थाओं के आस पास भी इसी अभियान के दौरान कार्यवाही की जायेगी।
ये है सार्वजनिक स्थल
सार्वजनिक स्थान जैसे शासकीय कार्यालय, मनोरंजन केंद्र, पुस्तकालय, अस्पताल, स्टेडियम, होटल, शॉपिंग मॉल, कॉफी हाउस, निजी कार्यालय, न्यायालय परिसर, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, सभागृह, लोक परिवहन, शिक्षण संस्थान, टी-स्टॉल, ढाबा और अन्य सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। इन स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर 200 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
इस कार्यशाला में पुलिस के अधिकारी, संबध हैल्थ फाउंडेशन के मोहम्मद आमिर खान, पुलिस के अधिकारी व जवान सहित अन्य लोग उपस्थित थे।