सिख सुधार पर चर्चा करने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय पंजाब फोरम’ ने की बैठक
नई दिल्ली। वेव सिनेमा के अध्यक्ष डॉ. राजू चड्ढा ने दिल्ली में आयोजित सिख समुदाय के सामाजिक सुधारों पर आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय पंजाब मंच’ की प्रेस काॅन्फे्रंस की सराहना की। बैठक का मुख्य उद्देश्य सिख समुदाय में होने वाली शादियों और अन्य धार्मिक समारोहों में कुछ बड़े एवं सकारात्मक बदलाव करना था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया के साथ महत्वपूर्ण चर्चा करने के लिए कई प्रमुख लोग मौजूद थे, जिनमें वेव सिनेमा के अध्यक्ष डॉ. राजू चड्ढा, गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एस. मनजीत सिंह जीके, गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के महासचिव एस. बलबीर सिंह काकर समेत सिख समुदाय से संबंधित प्रमुख व्यक्तित्व शामिल थे। खास बात यह है कि सभी सिख सुधारों पर चर्चा करने और सिख विवाहों पर व्यय को नियंत्रित करने के लिए एक साथ एक मंच पर आए।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 12 दिसंबर, 2016 को सिख शादियों और अन्य धार्मिक समारोहों में बड़े बदलाव करने के लिए शीर्ष में से एक लगभग पांच सिख पुजारियों ने एक ऐतिहासिक संकल्प पारित किया था, जिसका भारत और दुनिया भर में सिख समुदाय के लिए व्यापक प्रभाव पड़ा है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य समारोहों में सादगी वापस लाने और परिवारों पर वित्तीय बोझ कम करना है। इसलिए, फिर से यह बैठक सिख समुदाय के लिए घोषित सिख सुधारों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए हुई, साथ ही साथ उनके विवाह अनुष्ठानों पर गंभीर चर्चा भी हुई। कई लोगों ने इस तथ्य का गंभीरता से विश्लेषण किया और इसे सकारात्मक रूप से स्वीकार करना शुरू कर दिया। शादी के कार्ड पर पैसे खर्च करने के बजाय लोग ई-कार्ड आमंत्रण पसंद करते हैं।
वेव समूह के अध्यक्ष डॉ. राजू चड्ढा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण और समुदाय के बारे में चर्चा करने के लिए पैनल के सदस्यों को शादी के कार्ड के वितरण के लिए आधुनिक संचार विधियों का उपयोग करना चाहिए। परिवारों द्वारा अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के दरवाजे पर कार्ड वितरित करने में बहुत समय और पैसा खर्च किया जाता है। अगर कार्ड कूरियर या ई-मेल या व्हाट्सएप मैसेंजर द्वारा भेजे जाते हैं, तो समय और पैसा के अतिव्यय को कम किया जा सकता है। इस संबंध में कुछ गंभीर कदम उठाने के लिए हम अकाल तख्त भी को पत्र लिखेंगे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हाल ही में प्रिंस हैरी की रॉयल शादी में किसी चर्च को समारोह स्थल पर आमन्त्रित नहीं किया गया था, बल्कि वे खुद चर्च गए थे और वहीं शादी के सारे अनुष्ठान पूरे किए थे। इसी तरह हम सबको भी अपने धार्मिक एवं सामाजिक अनुष्ठान गुरुद्वारा में पूरे करने चाहिए, लेकिन इस दौरान हमें इसका भी ख्याल रखना चाहिए और गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान नहीं हो। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई व्यक्ति अमीर या गरीब है, बल्कि हर किसी को गुरुद्वारा आना चाहिए और सम्मानित अनुष्ठानों का पालन करना चाहिए।’