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भरतनाट्यम प्रस्तुति से गीता चंद्रन ने गुरू को दी श्रृद्धांजलि…

नई दिल्ली। सोमवार की शाम राजधानी के सांस्कृतिक कलाप्रेमियों के लिए अनोखा अनुभव लेकर आई। नाट्य वृक्ष की संस्थापक-अध्यक्ष पद्मश्री गीता चंद्रन ने अपनी गुरु स्वर्गीय श्रीमती स्वर्ण सरस्वती को श्रद्धांजलि देते हुए स्वर्णा के नाम से एकल सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी। दिल्ली के कॉपरनिकस मार्ग स्थित कमानी ऑडिटोरियम में हुई इस प्रस्तुति में नट्टुवनर एस. शंकर, के. वेंकटेश्वरन, मनोहर बलातचंदीरेन, जी. राघवेंद्र और रजत प्रसन्ना ने सहयोगी कलाकारों की भूमिका निभाई।
मौके पर केन्द्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद बतौर मुख्यातिथि उपस्थित थे, उनके अतिरिक्त प्रख्यात नृत्यांगना सोनल मान सिंह, माधवी मुद्गल आदि सहित कई गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।
गीता चंद्रन ने तंजावुर भरतनाट्यम के देवदासी स्वरूप की प्रस्तुति दी। यह नृत्य उन्हें गुरु श्रीमती स्वर्ण सरस्वती ने सिखाया था। पारंपरिक भरतनाट्यम के सभी तत्वों को समाहित करते हुए गीता चंद्रन ने अपनी प्रस्तुति में दासी नृत्य की महक बिखेरी। अपनी गुरु को याद करते हुए गीता चंद्रन ने बताया कि स्वर्णा सरस्वती नृत्य व संगीत के बड़े घराने से थीं। वह प्रसिद्ध गायक राजामणि अम्मल की पुत्री और प्रख्यात नृत्यांगना अमृता एतिराजा अम्मल की प्रपौत्री थीं। 1931 में 10 साल की उम्र में उन्होंने अरंगेत्रम के जरिये भरतनाट्यम प्रस्तुति के क्षेत्र में कदम रखा था। 1967 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। कला के क्षेत्र में यह सबसे बड़ा सम्मान है।
गीता चंद्रन एक विख्यात कलाकार हैं, जिन्होंने अपने गुरुओं से मिले ज्ञान को निखारते हुए नृत्य के प्रति अपने निजी विचारों को भरतनाट्यम में समाहित किया। उन्होंने पांच साल की छोटी उम्र से ही भरतनाट्यम सीखने की शुरुआत कर दी थी। गीता चंद्रन युवा पीढ़ी के लिए सच्ची प्रेरणा हैं। वह कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सांस्कृतिक संस्थानों व विश्वविद्यालयों में बतौर बोर्ड सदस्य सक्रिय हैं। कई प्रसिद्ध स्कूलों, कॉलेजों के सलाहकार बोर्ड और भारत सरकार की समितियों में भी उन्हें स्थान दिया गया है। नई दिल्ली में अपनी अकेडमी नाट्य वृक्ष के माध्यम से वह युवाओं को शिक्षा की सतत यात्रा के रूप में भरतनाट्यम की अपार क्षमताओं से परिचित करा रही हैं। 2007 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
विश्व शौचालय दिवस पर शुरू किया अभियान
नृत्यांगना गीता चंद्रन ने विश्व शौचालय दिवस के मौके पर एक जागरूकता अभियान की शुरुआत भी की। उन्होंने लोगों से शौचालय स्वच्छ रखने की अपील भी की। उन्होंने कहा, ‘स्वच्छ शौचालय आपका अधिकार है, इसी तरह आपके बाद आने वाले का भी अधिकार है कि उसे स्वच्छ शौचालय मिले।’ गीता चंद्रन के अभियान के समर्थन में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, ‘स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश में कई शौचालय खुले हैं। आज जरूरत है लोगों को इनके प्रयोग के लिए जागरूक करने की। लोगों की मानसिकता बदलनी होगी। लोगों को सफाई के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

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