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नहीं मिला करोड़ों का बकाया पेमेंट, (एमईएसबीएआई) के मजदूरों के रोटी-रोजी को खतरा

नई दिल्ली। एमईएस बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमईएसबीएआई) के सदस्यों ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 28 अक्टूबर तक बकाया लगभग 1600 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान नहीं किया गया तो वे सुरक्षाबलों की इमारतों में चल रहे सभी तरह के निर्माण कार्यों, मेंनटेनेंस और रिनोवेशन वर्क को बंद कर देंगे। अगर ठेकेदारों का जल्द ही पेमेंट न किया गया तो निर्माण साइट्स पर लाखों कंस्ट्रक्शन वर्कर बेरोजगार हो जाएंगे और रक्षा परियोजनाएं ठप हो जाएंगी।
एमईएसबीएआई को पिछले डेढ़ साल से रक्षा संबंधी कार्यों के लिए अपने बकाए का भुगतान मिलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस समय एमईएसबीएआई की पूरे देश में 73 शाखाएं हैं। एमईएसबीएआई इकलौती ऐसी एसोसिएशन है, जो रक्षा मंत्रालय से मान्यता प्राप्त है। एमईएसबीएआई भारतीय सेनाओं की सभी तीनों विंग की आधारभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए कंस्ट्रक्शन, मेनटेनेंस और रिनोवेशनका काम भी करती है। ये केवल सुरक्षाबलों के लिए इमारतों का निर्माण ही नहीं करती, सुरक्षा बलों के लिए रनवे भी बनाती है। एमईएसबीएआई मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज को प्रशिक्षित और विश्वासपात्र वर्कर की सप्लाई करती है और रक्षा बलों के इस्तेमाल केलिए फर्नीचर भी बनाती है।
एमईएस बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया को लंबे समय से पेमेंट न मिलने के कारण उनके लिए अपने परिवार का पालन-पोषण करना काफी मुश्किल हो गया है।
एमईएस बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष परवीन महाना ने बताया, “हमारी एसोसिएशन के सदस्यों को पेमेंट न मिलने पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले डेढ़ साल से यही स्थिति बनी हुई है। भुगतान न होने का मसला विभाग के इंजीनियर इन चीफ, रक्षा राज्य मंत्री, रक्षा मंत्री और पीएमओ के सामने उठा चुके हैं। हालांकि सरकार ने अब तक कोई राहत नहीं दी है। इसी मुद्दे पर एसोसिएशन के सदस्य 1 फरवरी 2018 को भी हड़ताल कर चुके है। पैसों के अभाव में हमारे मेंबर्स श्रमिकों को भुगतान करने के लिए बैंको से लोन लेकर भुगतान कर रहे है और काम जारी रखने के लिए बाजार से मटीरियल खरीदने में भी परेशानी आ रही है।
एमईएसबीएआई के महासचिव बलबीर सिंह विज ने कहा, “कॉन्ट्रैक्टर्स के बिलों का समय से पेमेंट काफी जरूरी है क्योंकि पेमेंट के बिना कॉन्ट्रैक्टर्स न तो रक्षा कार्यों पर निगरानी रखने की स्थिति में होंगे और न तो कर्मचारियों और श्रमिकों को कोई भुगतान कर सकेंगे। रक्षा संबंधी कार्यों की सारी योजना गड़बड़ा जाएगी और इसके गंभीर नतीजे होंगे। पेमेंट न मिलने पर वह दिन-प्रतिदिन की जरूरत भी नहीं पूरी कर सकेंगे।
एसोसिएशन का दावा है कि रक्षा निर्माण कार्य के लिए लगभग 1600 करोड़ रुपये की धनराशि का उनका भुगतान नहीं किया गया है। एसोसिएशन ने रक्षा मंत्रालय से मांग की है कि कॉन्ट्रैक्टर्स को जल्द से जल्द राहत प्रदान करने के लिए पिछले साल के करोड़ों रुपये के बकाया पेमेंट क्लियर किया जाए। आबंटित बजट के बाहर कोई भी टेंडर स्वीकार न करने का अफसरों को निर्देश दिया जाए। अगर इस साल की बजट राशि पूरी तरह खर्च हो गई हो तो मंजूर किए गए कार्यों, रख-रखाव और विशेष मरम्मत के लिए टेंडर स्वीकार करने पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। एसोसिएसन ने कॉन्ट्रैक्टर्स को अब तक पेमेंट न मिलने का मुद्दा मीडिया के माध्यम से उठाने का फैसला किया है। फेस्टिव सीजन शुरू हो गया है, लेकिन ठेकेदारों को अब तक कोई भुगतान नहीं किया गया है। अगर 28 अक्टूबर तक फंड रिलीज नहीं किए जाते और कॉन्ट्रैक्टर्स की पेमेंट नहीं की जाती तो ऐसी स्थिति में बिल्डर्स के पास रक्षा संबंधी कार्यों को रोकने के सिवा और कोई विकल्प नहीं होगा। भुगतान न मिलने की स्थिति में कॉन्ट्रैक्टर्स 29 और 30 अक्टूबर 2018 हड़ताल करेंगे।

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