गरीब बच्चों को ‘सुरक्षित स्पर्श, असुरक्षित स्पर्श’ से करवाया परिचित
नई दिल्ली। सेक्स और प्रजनन जैसे विषयों के बारे में खुले में बात करने पर अभी भी भारत में काफी रोक टोक लगाया जाता है। दूसरी ओर, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, हमारे देश में हर 15 मिनट में एक बच्चे का यौन शोषण किया जा रहा है।
इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, यौन स्वास्थ्य और शिक्षा के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, दीपालय, दिल्ली-एनसीआर में सबसे बड़ा परिचालन एनजीओ ने प्रतिशांधी (दिल्ली स्थित, युवाओं द्वारा परिचालित एक संस्था) के साथ हाथ मिलाया है। हाल ही में ‘सुरक्षित स्पर्श, असुरक्षित स्पर्श’ पर एक कार्यशाला आयोजित किया गया दीपालय व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र, ककरोला, द्वारका सेक्टर -15 में यह वर्कशॉप 7 से 10 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए डिजाइन की गई थी। भरत विहार क्षेत्र की झोपड़पट्टी इलाको में रहने वाले कुल 43 बच्चों ने कार्यशाला में भाग लिया। श्रीमती अनीता राणा, असिस्टेंट मैनेजर प्रोग्राम और दीपालय के कुछ अन्य कर्मचारी इस अवसर पर मौजूद थे।
इस कार्यक्रम का का मुख्य उद्देश्य उपस्थित बच्चों को असुरक्षित और अवांछित स्पर्श से निपटने के तरीके से वाकिफ करना। यदि आवश्यक हो और खतरनाक परिस्थित्तियो का समाना करना पड़े तो वह कैसे जूझेंगे, ताकि बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराधमूलक घटनाएं रोका जा सके। इस वर्कशॉप के फैसिलिटेटर नियाती और मेधा ने शरीर के प्राइवेट अंगो के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आगे बताया कि विभिन्न प्रकार के मानव स्पर्श की पहचान कैसे करें। छात्रों को यह महसूस करवाया कि प्रत्येक व्यक्ति के पास उनका कम्फर्ट जोन और गोपनीयता है जिसे सम्मान करना जरूरी है।
वक्ताओं ने ‘कंसेंट’ के महत्व पर भी चर्चा किया और अगर किसी को यौन उत्पीड़न या परेशान किया जा रहा है तो क्या करना है वह भी बताया। अंत में, बच्चों ने इस विषय से जुड़े कुछ सवाल भी पूछे और चॉकलेट वितरण करके उन्हें प्रोत्साहित किया गया। यह सत्र इन बच्चों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ क्यूंकि पहले उन्हें इन मुद्दों के बारे कुछ भी पता नहीं था।