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नेचर बाजार में आयोजित दस्तकार पूरबी और प्राकृति मेले की झलक

दस्तकार, दिल्ली टूरिस्म के साथ भागीदारी में हाथ से तैयार की गए उत्पाद, प्राकृतिक उत्पादों और ट्रेडिशनल उत्पाद प्रस्तुत किया है जो की आसाम, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड से है, जो की पूरबी और प्राकृति मेला, नेचर बाजार में आयोजित किया गया है। इस मेले में बहुत चीजो को प्रस्तुत किया है जैसे की कपड़े, टोकरी, लोक कला, टेराकोटा उत्पादों और तोह और नेचर प्रोडक्ट्स भी जो की घर, मन, शरीर और टेस्ट आनंदित करते है।
मेले का फोकस उत्पादों पर होगा जैसे कि बोडो और ट्राइबल वीवस- हथकरघा अतिरिक्त ताने तकनीक का उपयोग करता है और विभिन्न रंगों के कपास वस्त्रों और बेहतरीन गुणवत्ता के रेशम वस्त्रों को शामिल करता है, जमदानीस – बंगाल के बेहतरीन मस्तूल वस्त्रों में से एक, सदियों से दक्षिण रुपशी, नारायणगंज, ढाका जिला, बांग्लादेश में उत्पादन किया गया यमूँज ग्रास- परंपरागत कोलिंग तकनीक का प्रयोग पारंपरिक और समकालीन उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है। सूखे घास के माध्यम से, केन और बम्बू उत्पाद: घर के भीतर और बाहर दोनों के लिए उपयोग के लिए केन, बांस और विकर फर्नीचर के लिए बहुत लोकप्रिय सामग्री हैंय कालीघाट और पट्टचित्र फोक आर्टय बाटिक सरिस और डुपट्टास य सिरेमिक, क्ले, टेराकोटा और स्टोन पॉटरी य फिलीग्रीद्य
मेला का आकर्षण नेचुरल उत्पाद है जैसे की रीसाइकल्ड पेपर उत्पाद य पौधे और प्लांटर्स य आर्गेनिक सब्जियां, फलों, केक, चॉकलेट, अचार, जेम, जूस य हर्बल और आर्गेनिक ब्यूटी और स्किनकेयर और वैलनेस उत्पाद य हिमालयन नमक और शुगर य न्यूट्रीशस अनाज, मसाले, पिने के उत्पाद य हैल्थकेयरे उत्पाद
दस्तकार की संस्थापक लैला तायबजी कहती हैं कि, ‘उत्तर पूर्वी और पूर्वी भारत में कई सांस्कृतिक धन हैं, उनकी अनूठी शिल्प परंपराओं के साथ, लेकिन गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों की अपेक्षा तुलनात्मक रूप से बहुत कम जानकारी है। उत्तर पूर्व के बोल्ड लाल, काले और सफेद कपड़ों के डिजाइन से लेकर नाजुक वोवन जो की वेस्ट बंगाल के बम्बू बास्केटरी और मैट्स में श्रेष्ठा है। पूर्वी भारत के शिल्प की तलाश में एक सूक्ष्म, कौशल और सांस्कृतिक का अनुनाद है। यह सब प्राकृतिक और जैविक उत्पादों की एक अनुकरणीय श्रेणी के साथ संयुक्त है।’
इस मेला में इकात, कान्था और सुजनी कढ़ाई वाली साड़ी, दुपट्टास और स्टॉल्स से लेकर विभिन्न प्रकार के उत्पादों की विविधता हैय मणिपुर से मजबूत ट्राइबल वीवस, असम के बोडो जनजाति द्वारा हाथों से बुने हुए लुमेनिसेंट एरी और मुगा रेशम और ओडिशा और बंगाल के बुनकरों द्वारा पारंपरिक साड़ी भी उपलब्ध हैं।
खाने के शौकीन के लिए पूरबी और प्राकृति मेला भारत भर से विभिन राज्यों के भोजन को प्रस्तुत किया गया है जैसे की महाराष्ट्र, कश्मीर, राजस्थान, बिहार, हरियाणा और कई अन्य।
पूरबी और प्रकृति मेला सप्ताहांत पर एक जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शन का प्रदर्शन करेंगे, यह मेला 19 मार्च 2018 तक प्रदर्शित रहेगा।

-शबनम नबी 

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