सुबह के सिरदर्द को नजरअंदाज न करें
कुुछ समय पहले ऋतिक का इलाज ट्री फैनिंग तकनीक से किया गया था। इस तरह के इलाज में शरीर के किसी भी हिस्से में एक छेद करके इलाज किया जाता है जो सिर से लेकर नाखून तक हो सकता है। इस स्थिति में मरीज को राहत देने के लिए शरीर की ऊपरी सतह के नीचे मशीनों से दबाव बनाया जाता है। इलाज की इस प्रक्रिया में ट्रीफिन नाम का औजार प्रयोग किया जाता है, इसी औजार की मदद से सिर में छेद किया जाता है। यह चोट लगने की वजह से होने वाली समस्या के कारण मस्तिष्क में होता है जिसकी सर्जरी की जाती है, जिसे सबडुरल हेमटोमा कहते है, जोकि सिर पर चोट लगने से मस्तिष्क की नसों से खून के रिसने के कारण होती है। एक समय मौत का दूत माने जाने वाले ब्रेन ट्यूमर का उपचार आज रेडियो सर्जरी, कीमोथैरेपी, रेडियेशनथैरेपी के अलावा कंप्यूटर आधारित स्टीरियोटौक्सी एवं रोबेटिक सर्जरी जैसी नवीनतम तकनीकों की बदौलत अत्यंत कारगर, सुरक्षित एवं काफी हद तक कष्टरहित हो गया है। नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल के न्यूरो एंड स्पाइन डिपाटमेंट के डायरेक्टर डाॅ. सतनाम सिंह छाबड़ा का कहना है कि ब्रेन ट्यूमर के सफल उपचार के लिये उसकी यथा शीघ्र पहचान आवश्यक होता है इसलिए मरीज को ब्रेन ट्यूमर होने का तनिक भी शक होने पर न्यूरो चिकित्सक के पास जाने में विलंब नहीं करना चाहिये।
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार
ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं, हालांकि इसे कैंसर के आधार पर मुख्य रूप से दो वर्गों कैंसरजन्य और कैंसर रहित ट्यूमर में विभाजित किया गया है। बच्चों को ज्यादातर कैंसर वाले, 20 से 40 साल के लोगों को ज्यादातर कैंसर रहित और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादातर कैंसर वाले ट्यूमर होते हैं।