स्वास्थ्य

साधारण बीमारियाँ और उनके घरेलू इलाज

-नीता मेहता
(आयुर्वैदिक एक्सपर्ट)

बच्चों में रात को बिस्तर पर पेशाब करना बच्चों में सामान्य माना जाता है। हालाँकि यह समस्या तीन साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा पाई जाती है तथा तीन से पांच साल के बच्चे इसके प्रति सजग हो जाते हैं तथा पांच साल के बाद बच्चे शारीरिक और भावनात्मक तौर पर पेशाब की समस्या पर काबू पा लेते हैं लेकिन इसके बाबजूद कई बच्चे बिस्तर पर पेशाब करते हैं तथा उनके मां-बाप इस समस्या से खासे परेशान दिखते हैं। यह समस्या शारीरिक या तान्त्रिक कमजोरी की वजह से होती है।
अगर आपका बच्चा भी बिस्तर गिला करता है तो आप उसे रात को सोने से पहले दो बादाम गिरी और पांच किशमिस 10 -12 दिन तक दें तथा इससे बच्चे की रात को बिस्तर गिला करने की बीमारी पर काबू पाया जा सकेगा।
1. बच्चों में ब्रोंकाइटिस या गले के सूजन की समस्या :
ब्रोंकाइटिस की समस्या फेफड़ों में हवा के प्रवाह में सूजन की बजह से पाई। यह विंड पाइप के बलगम या कफ आदि की वजह से बंद होने की वजह से होती है तथा इसमें सांस लेने में परेशानी तथा तेज खांसी आती है। बच्चों में यह रोग मुख्यता फ्लू संक्रमण, निमोनिआ, तापमान में अचानक बदलाव, तथा लम्बे समय तक खांसी जुकाम रहने से होता है। इस बीमारी के समाधान के लिए एक चम्मच लहसुन तेल को तीन चमच शहद में मिलाकर इस मिश्रण को दिन में तीन बार दीजिये तथा इससे बीमारी में राहत मिलेगी।
2. बच्चों में पेट दर्द :
बच्चों में पेट दर्द सामान्यता शरीर में गैस रुक जाने की वजह से होता है। यह मुख्यता एलर्जी, कमजोर पाचन तन्त्र, सर्दी जुकाम या बुखार तथा कब्ज इसके मुख्य कारण माने जाते हैं। इसकी वजह से बच्चों के आमाशय में तेज दर्द उभरता है, कब्ज की समस्या होती है, तथा आमाशय काफी कठोर और संकुचित हो जाता है। इसके प्रभावी इलाज के लिए एक कप पानी में एक चम्मच सौंफ को 3 मिनट तक उबालने के बाद 15 -20 मिनट तक ठण्डा होने दें। इस मिश्रण के एक या दो चमच्च बच्चे के दूध में डालने से कोलिक की समस्या से निजात मिलती है।
बच्चों में दांत निकलते समय बच्चों को दस्त या आतिसार की आम समस्या देखने में आती है। इसके समाधान के लिए एक चम्मच खजूर का पेस्ट शहद के साथ बच्चे को चटा दें तथा यह इस बीमारी का प्रभावी समाधान करेगी।
आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में ब्लड प्रेशर की बीमारी आम मानी जाती है। शरीर की धमनियां दिल से सभी अंगों और इन्द्रियों तक रक्त का संचार करती हैं। सामान्तया 120/80 ब्लड प्रेशर को सामान्य माना जाता है लेकिन जब ब्लड प्रेशर 140/90 या इससे ज्यादा पहुँच जाता है तो इसे उच्च रक्त चाप या हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है। हाई ब्लड प्रेशर के अनेक कारण होते हैं जिनमे नमक अधिक ग्रहण करना, तनाव पूर्ण जीवन शैली, अनुवांशिक तथा जीवन में अत्यंत क्रियाशीलता आदि प्रमूख कारण माने जाते हैं। शरीर में कमजोरी, नींद न आना, बेचैनी, सिर में दर्द, चक्कर आना, जल्दी थक जाना, पसीना, मन मचलना इसके मुख्य लक्षण माने जाते हैं। लेकिन कई बार यह बिना किसी लक्षण के होता है इसीलिए इसे साइलेंट किलर भी कहते हैं। उच्च रक्त चाप से दिल की बीमारी, फेफड़ों के रोग, आँखों की रौशनी में दोष सहित अनेक बीमारियाँ घर कर जाती हैं।
इसके घरेलू उपचार के लिए सबसे पहले आप नमक का कम उपयोग कीजिये और दिन में आठ दस गिलास पानी या तरल पदार्थ लीजिए। रोज सुबह उठते ही कच्चे लहुसन की एक कलि लीजिये तथा अगर आपके यहाँ कच्चा लहसुन मिलने में समस्या है या आप सुबह-सुबह कच्चे लहुसन का उपयोग करने में असहज महसूस कर रहे हैं तो आप दिन में कभी भी पानी के साथ दो लोग ग्रहण कर लीजिये।
एक चम्मच शहद, एक चम्मच अदरक जूस, एक चम्मच जीरा पाउडर मिला कर इसे दिन में दो बार लीजिए। दो महीने तक सुबह खाली पेट दिन में तीन बार एक गिलास कड़ी पत्ते के रस का जूस लें तथा इसके बाद केवल एक गिलास जूस मात्र सुबह ही लें। कड़ी पत्ते का जूस बनाने के लिए अपने मिक्सर में कड़ी पत्ते को धो कर डालिये तथा इसमें तीन चैथाई गिलास पानी मिलाइये तथा इसे अच्छे तरीके से मंथ कर छान लीजिये। इस मिश्रण में एक नीम्बू जूस मिला कर पी डालिये। उच्च रक्त चाप को काबू करने का यह काफी प्रभावी तरीका है। ताजे निर्मल धनिये का जूस दिन में तीन बार पीजिये। एक चैथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर को एक चैथाई कप दही में मिलाकर लगातार 48 दिन तक सुबह खाली पेट लेने से उच्च रक्त चाप की समस्या ठीक हो जाती है। एक कप अमलताश के पत्तों को दो गिलास पानी में जब तक उबालें जब पत्ते मुलायम न हो जाएँ। इसे छान कर ठण्डा होने दें तथा इस पानी को सुबह खाली पेट सेवन करें। हर रोज सुबह खाली पेट पक्के हुए पपीते का सेवन करने के बाद आगामी दो घण्टे तक कुछ भी ग्रहण न करें। उच्च रक्त चाप से पीड़ित व्यक्तियों को रोज सेब का सेवन करना चाहिए। एक कप मट्ठा या छाछ में एक चम्मच निम्बू जूस मिलाकर पीते रहने से ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है। वैज्ञानिक शोध से सामने आया है की रोज सुबह आधा चम्मच तरबूज गिरी खाने से रक्त चाप की समस्या ठीक होती है। नारियल पानी/लस्सी आदि का नियमित सेवन रक्त चाप को सामान्य बनाता है। मौसमी, आड़ू, संतरा, आलू बुखारा, आदि का सेवन उच्च रक्त चाप में सहायक होता है। अंत में उचित आराम, अच्छी नींद, तनाव मुक्त जीवन उच्च रक्त चाप को नियन्त्रण में रखते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *