लाइफस्टाइल

टीनएजर मां-बाप से छिपाते हैं कुछ ऐसी बातें

इस मॉडर्न जमाने में ज्यादातर मां-बाप वर्किंग हैं। व्यस्त रहने के कारण वह बच्चों की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते। अगर आप पैरेंटस की बजाए दोस्त की तरह अपने बच्चे से अटैच हैं तो वह अपने मन की सारी बातें आपको बताता है लेकिन कई बार कुछ बच्चे अपने मां-बाप से कुछ चीजें छिपाते हैं, खासकर टीनएजर।
स्मार्ट पैरेंट्स तो इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि ऐसी स्थिति में बच्चों की आदत को कैसे बदला जाए लेकिन अगर आप उनसे अटैच नहीं हैं तो आपको उनके मन की बात जानने में समय लगेगा क्योंकि उन्हें इस बात का डर होता हैं कि कहीं उनकी पिटाई न हो जाए। टीनएजर बच्चों की उम्र नाजुक होती है। इस उम्र में उनके मन में बहुत से विचार आते हैं। कई दोस्त बनते हैं, अच्छा यहीं हैं कि अगर वह कुछ गलत करते हैं तो उन्हें प्यार से बैठकर समझाया जाए।

अफेयर : टीनएज में बच्चों के अफेयर आम बात है लेकिन वह इस बात को अपने पैरेंट्स या समाज के डर से छिपाते हैं। इससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि बच्चे को आजादी दें ताकि वह आपसे सब कुछ शेयर कर सकें और बचपन से ही इसकी आदत डालें।

सीक्रेट पार्टीज : मां-बाप के जाते ही बच्चे दोस्तों के साथ सीक्रेट पार्टीज करते हैं। सीक्रेट पार्टीज का मतलब ही यहीं है कि वह आजादी चाहते हैं। जब उन्हें मां-बाप से यह आजादी नहीं मिलती तो वह इसे बाहर ही ढूंढने की कोशिश करते हैं।

स्कूल बंक : बच्चे कई कारणों से स्कूल से भागते हैं। स्कूल बंक करने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं और वह पैरेंट्स को इसका कारण तभी बताएंगे, जब उनका व्यवहार दोस्ताना होगा।

चैटिंग : आज के इस तकनीकी युग में मोबाइल तो हर किसी के पास है। बच्चे अपने मोबाइल में दोस्तों की फ्रेंड लिस्ट भी छिपाते हैं और सीक्रेट चैटिंग करते हैं। बच्चों की इस तरह की गतिविधियों पर मां-बाप को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि यह आदतें खतरनाक हैं जो उन्हें आगे चलकर मुसीबत में डाल सकते हैं।

खास दोस्त : कुछ पैरेंटस बच्चों को कहते हैं कि आपका वो दोस्त अच्छा नहीं है उसके साथ मत रहा करो लेकिन बच्चों के लिए उन दोस्तों से दोस्ती तोड़ना मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में वह मां-बाप से उन दोस्तों के कोंटेक्ट छिपाते हैं ताकि उन्हें पता न चले कि अभी भी वे उन फ्रेंड्स के साथ हैं इसलिए अच्छा होगा कि पैरेंट्स बच्चों को सीधे दोस्तों के बारे में मना करने से पहले उनकी दोस्ती को गौर से समझें, फिर कोई निर्णय लें।

गलत आदतें : टीनएजर हर नई चीज को आजमाना चाहते हैं। इस उम्र में वह स्मोकिंग, शराब, ड्रग्स आदि गलत आदतों के शिकार भी हो जाते हैं और ऐसी बातें वह मां-बाप को कभी भी नहीं बताते। इसका उपाय यही है कि अपने बच्चों को समय दें और उन्हें समझें।

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