‘फैशन ही नहीं, भारत में बदलाव की आंधी बनेगी खादी’
भारत के प्रमुख बिजनेस स्कूलों में से एक एमडीआई, गुरुग्राम में 5 और 6 दिसंबर को 2 दिन की कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। एमडीआई ने इस कार्यशाला की मेजबानी राज्य केवीआईबी के अध्यक्ष एवं सीईओ और केवीआईबी के राज्य निदेशकों के लिए भारत सरकार के लघु और मध्यम उद्योग के मंत्रालय के तहत खादी और ग्रामाद्योग आयोग के सहयोग से की। इस कार्यशाला की शुरुआत भारत सरकार के लघु और मध्यम उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरिराज सिंह की ओर से दीप प्रज्जवलित कर और महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद की गई। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि भविष्य में भारत में खादी का प्रयोग सिर्फ फैशन के लिए ही नहीं होगा, बल्कि यह समूचे राष्ट्र में बदलाव की आंधी लाने का एक माध्यम बनेगी।
बदलती जरूरतों के अनुसार विकास
एमडीआई ने हमेशा काफी जागरूकता से आर्थिक विकास के प्रति काफी योगदान दिया है और सामाजिक महत्व के विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया है। इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए इस कार्यशाला का आयोजन एक खास विजन की योजना को विकसित करने के लिए किया गया। इसके लिए भविष्य के बाजारों और उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों, प्राथमिकताओं और रवैयों को ध्यान में रखकर किया गया। एमडीआई, गुरुग्राम में आयोजित इस दो दिन की कार्यशाला में खादी उद्योग में डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल की थीम पर भागीदारों को अनुभव और ज्ञान से समृद्ध किया। कार्यशाला के दूसरे दिन भागीदारों ने योग और ध्यान प्रोत्साहन और कार्य और जीवन में संतुलन पर आयोजित अलग-अलग सेशन में भाग लिया।
….ताकि गांव आत्मनिर्भर बन सकें
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ग्रामीण विकास से जुड़ी अन्य एजेंसियों के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में खादी और दूसरे ग्रामोद्योगों के विकास के लिए योजना बनाती है, उनका प्रचार-प्रसार करती है, योजनाओं को संगठित रूप देती है और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करती है। केवीआईसी के विस्तृत लक्ष्यों में रोजगार प्रदान करना, विक्रय योग्य वस्तुओं का उत्पादन, गरीबों को आत्मनिर्भर बनाना और ग्रामीण समुदाय में मजबूत कारोबारी भावना का निर्माण करना है।
‘गांवों को शहरों से जोड़ा जाए’
एमडीआई गुरुग्राम के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर सी.पी. श्रीमाली ने सभा में मौजूद माननीय भद्रजनों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘हमारा जोर शहरों से गांवों को जोड़ने पर होना चाहिए। इस दो दिन की वर्कशॉप से केवीआईसी को अगले पांच सालों के लिए अपने भविष्य की कार्ययोजना को बनाने में मदद मिलेगी।’
‘बदलते माहौल में प्रशिक्षण जरूरी’
केंद्रीय लघु और मध्यम उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘उत्पादों को आजकल के माहौल के अनुकूल बनाने और उपभोक्ताओं की पसंद को प्राथमिकता देने के लिए हमें अपने कर्मचारियों को कई आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के लिए विकसित करना’ उन्होंने खादी उद्योग और खादी ग्रामोद्योग की वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।
‘आम आदमी की सोच बदलनी होगी’
केंद्रीय लघु और मध्यम उद्योग के मंत्रालय में सचिव श्री अरुण कुमार पांडा ने कहा, ‘जिस तरह हमारी सोच के अनुसार तेजी से परिदृश्य बदल रहा है, इसमें विभिन्न नतीजे प्राप्त करने की उम्मीद बांधने के लिए हमें अपनी कार्यप्रणाली को व्यवस्था के साथ एकीकृत करना होगा। हमें आम आदमी की इस धारणा को बदलना होगा और उन्हें यह बताना होगा कि खादी को फैशनेबल उत्पाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।’
‘आइए, खादी को आम आदमी से जोड़ें’
केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा, ‘इस अवसर पर एमडीआई में मौजूद होने और इस दो दिन की कार्यशाला का हिस्सा बनने पर मुझे विशेषाधिकार और गर्व महसूस हो रहा है। खादी का क्षेत्र काफी बेहतर तरीके से विकसित हो रहा है। आइए, हम भारतीय नागरिकों में इसकी स्वीकार्यता को बढ़ाने के लिए मिलजुलकर काम करें।’
‘डिजिटल मीडिया से जुड़ेगी खादी’
एमडीआई में कार्यक्रम निदेशक प्रोफेसर कीर्ति शर्मा ने कहा, ‘खादी को केवल राष्ट्र और फैशन तक ही सीमित न कर इसे बदलाव का उपकरण बनाने का यह केंद्रीय लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय, केवीआईसी और एमडीआई का साझा प्रयास है। दो दिन की कार्यशाला में अलग-अलग सेशन में हुई चर्चा के दौरान उपभोक्ताओं की जरूरत को समझने और केवीआईसी तथा केवीआईबी के उत्पादों की मार्केटिंग के महत्व को प्रमुखता से रेखांकित किया गया। सेशन में हुए विचार-विमर्श के दौरान केवीआईसी तथा केवीआईबी के उत्पादों की मार्केटिंग में डिजिटल और सोशल मीडिया का गंभीरता से इस्तेमाल करने को भी प्रमुखता से उभारा गया।’
खादी विजन दस्तावेज-2022
राज्य केवीआईबी के अध्यक्ष और सीईओ और केवीआईबी के राज्य निदेशकों की दो दिवसीय संयुक्त कार्यशाला में खादी विजन दस्तावेज-2022 और ग्रामोद्योग दस्तावेज विजन-2022 पर भी चर्चा की गई। इस कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के खादी सेक्टर के 87 भागीदारों ने शिरकत की।