राष्ट्रीय

EPS-95 पेंशन धारकों ने CBT सदस्यों के सामने किया भारी प्रदर्शन

नई दिल्ली। दिनांक 12.09.2018 को पूरे भारत के सभी CBT सदस्यों के कार्यालयों /निवास स्थानों के सामने EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत के नेतृत्व में EPS-95 पेंशन धारकों ने आत्मक्लेश आंदोलन किया, पेंशन धारकों ने अपनी मांगों के समर्थन में EPFO और CBT सदस्यों द्वारा कोई ठोस कार्यवाही न करने के विरोध में रोष व्यक्त कर ज्ञापण भी सौंपा। इसी श्रंखला में जलगांव (महाराष्ट्र) में श्री प्रभाकर बानासुरे, CBT सदस्य के निवास स्थान के सामने श्री अशोक राऊत राष्ट्रीय अध्यक्ष की उपस्थिति में आत्मक्लेश आंदोलन किया गया। आंदोलन में 5000 से अधिक पेंशन धारकों की उपस्थिति रही। श्री प्रभाकर बानासुरे स्वयं आंदोलनकारियों के बीच आये, निवेदन स्वीकार किया और पेंशन धारकों को संबोधित कर उनकी मांगों को आगामी CBT मीटिंग में उठाकर उन्हें पूर्ण करवाने का आश्वासन दिया।
ईपीएस-95 पेंशनर्स कम से कम 7,500 रुपये मासिक पेंशन और अंतरिम राहत के रूप में 5000 रुपये महंगाई भत्ते की मांग के लिए संघर्ष कर रहे ईपीएस पेंशनर बुधवार को देश भर में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में कामगारों के प्रतिनिधियों के घर और ऑफिस के सामने धरना दिया ।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में 44 सदस्य हैं, जिसमें से 10 कामगारों को नुमाइंदे है। ईपीएस पेंशनर बुधवार को इन्हीं कामगारों के प्रतिनिधियों के घर के बाहर धरना दिए और उनसे सवाल किया कि आप जब हमारी मांगों को अधिकारीयों के सामने उठा नहीं सकते तो क्या आप चाय पार्टी करने के लिए सीबीटी में हैं। ईपीएस पेंशनर्स इस महंगाई के जमाने में काफी मुसीबत झेल रहे हैं। उन्हें इस समय मात्र 200 से 2500 रुपये पेंशन हर महीने मिल रही है। अगर आप सीबीटी के सदस्य होकर हमारी आवाज नहीं उठा सकते तो आपको यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है। ईपीएफ राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने बताया कि, ‘ईपीएस पेंशनर्स इतने नाराज हैं कि अपने प्रतिनिधियों के मुंह पर कालिख भी पोत सकते हैं।’
गौरतलब है कि ईपीएस-95 से हर महीने इसके सदस्यों को कम से कम 200 से 1000 रुपये महीने पेंशन मिलती है। ईपीएस-95 योजना के तहत 60 लाख पेंशनधारक है, जिसमें से करीब 40 लाख सदस्यों को हर महीने 1500 रुपये से कम पेंशन मिल रही है और अन्य कर्मचारियों को 2 हजार रुपये से ढाई हजार रुपये मासिक पेंशन मिल रही है। कर्मचारियों का कहना है कि कमरतोड़ महंगाई के जमाने में इतनी कम पेंशन में महीने का खर्च चलना काफी मुश्किल है। ईपीएस-95 पेंशनर देश भर में देश भर में कामगारों के नुमाइंदे माने जाने वाले 10 सीबीटी के सदस्यों के घर हैदराबाद, नई दिल्ली, विशाखापटनम, जलगांव (महाराष्ट्र), लखनऊ, चंडीगढ़, नई दिल्ली और कोलकाता में दिया गया। जिन सीबीटी सदस्यों के घर और ऑफिस के सामने धरना गया उनमें श्री जी. संजीवा रेड्डी, श्री वृजेश उपाध्याय, श्री एम. जगदीश्वर राव, श्री प्रभाकर जी. बाणासुरे, श्री अशोक सिंह, श्री एडी नागपाल, श्री ए. के. पदमनाभन, श्री शंकर साहा और श्री रमन पांडे शामिल है।
ईपीएफ राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने बताया कि ईपीएस पेंशनर काफी समय से सम्मान योग्य पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनके किसी भी आंदोलन का सीबीटी में कामगारों के प्रतिनिधि सदस्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। इसलिए हम आंदोलन के लिए मजबूर है। विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने यह मुददा उठाया था और तत्कालीन यूपीए सरकार ने बीजेपी सांसद भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता में कमिटी बनाई थी। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट राज्यसभा को सौंपी थी और वर्तमान पेंशन को अमानवीय बताते हुए पेंशनर्स को कम से कम तीन हजार रुपये व महंगाई भत्ता दिए जाने की सिफारिश की थी, लेकिन अब तक इस कमिटी की सिफारिशों को लागू नहीं किया गया। केंद्र के पास पेंशनर्स से जमा किए गए फंड के तहत आज कम से कम 4 लाख करोड़ से अधिक रुपये जमा हैं, जिस पर सरकार ब्याज कमा रही है, लेकिन हकदारों को उनका हक नहीं मिल रहा है।
ये हैं कर्मचारियों की मुख्य मांगें. ईपीएफ राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत के नेतृत्व में संघर्ष समिति की मुख्य मांगे इस प्रकार है-
1. ईपीएफओ की ओर से 31 मई 2017 को जारी किए गए अंतरिम पत्र पेन-1/12/33/ईपीएस संशोधन/96/वॉल्यूम II/4432 को रद्द कर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ईपीएस-95 पेंशनर्स को उच्च पेंशन की सुविधा दी जाए।
2. कम से कम 7500 रुपये महीने मासिक पेंशन, अंतरिम राहत के रूप में 5000 रुपये महंगाई भत्ते की मांग।
3. जिन पेंशनर्स को ईपीएस-95 योजना में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें पेंशन योजना में भागीदार बनाया जाए।
4. ईपीएस-95 के सदस्यों और उनकी पत्नी को मुफ्त मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हो, 20 साल तक काम करने वाले पेंशनर्स को नियमानुसार दो साल का वेटेज दिया जाए।
5. ईपीएस की सदस्यता में बढ़ोतरी की जाए। ईपीएस का सदस्य बनने की उम्र 58 से बढ़ाकर 60 साल की जाए।
6. ईपीएस कर्मचारियों को मिलने वाली न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 की जाए।
7. पेंशन को डीए से जोड़ा जाए।
8. 5 साल की सर्विस होने पर ही पेंशन बनने के संशोधन को खत्म किया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *