मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाइवेज ने डियाजियो इंडिया और इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन के साथ साझेदारी की
नई दिल्ली। भारत में सड़क सुरक्षा के प्रति अपनी वचनबद्धता को मजबूत करते हुए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाइवेज (एम.ओ.आर.टी.एच) ने आज डियाजियो इंडिया के साथ अपनी हिस्सेदारी की घोषणा की। यह घोषणा इसने इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आई.आर.टी.ई) के साथ साझेदारी में विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए अपनी किस्म के पहले ‘सुरक्षा का रास्ता- जिम्मेदार युवकों की तरफ’ (रोड टू सेफ्टी- टूवर्डस रिस्पांसिबल यूथ) प्रोग्राम की लॉन्च के लिए की। संरचित प्रशिक्षण प्रोग्रामों की कमी के कारण बालिग ड्राइवरों की तुलना में 2 गुना नए युवक ड्राइवर दुर्घटना और सड़क हादसों का शिकार होते हैं। यह अनोखी सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी लर्नर’स लाईसेंस के लिए अप्लाई करने वाले विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए एक औपचारिक स्वरचित प्रशिक्षण प्रोग्राम पेश करने की एक कोशिश है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य अगले 3-5 वर्षों में देशभर में 500 से अधिक विश्वविद्यालय तक पहुंचना है जिसमें पहले साल इसका उद्देश्य 50 विश्वविद्यालय में 100 प्रोग्रामों का आयोजन करना है।
देश में अपनी किस्म के इस पहले प्रोग्राम का उद्घाटन श्री मनसुख मांडविया, माननीय यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट, मिनिस्ट्री ऑफ ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज (एम.ओ.आर.टी.एच) द्वारा अगस्त में श्रीमती लीना नंदन, एडीशनल सेक्रेट्री एम.ओ.आर.टी.एच, श्री अभय दामले, ज्वाइंट सेक्रेटरी, एम.ओ.आर.टी.एच समेत अबंती शंकरनारायणन, चीफ स्ट्रेटजी एंड कॉरपोरेट अफेयर ऑफिसर, डियाजियो इंडिया और रोहित बालूजा, प्रेजीडेंट, इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आई.आर.टी.ई) की मौजूदगी में किया गया।
इंडस्ट्री रिपोर्ट के अनुसार भारत में विश्व स्तर पर 12.5% (1,45,000 से अधिक प्रति साल) सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें हर 4 मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है। चिंताजनक रूप से इस तरह की सड़क दुर्घटनाओं में शामिल 72ः पीड़ित लोग 15 से 44 वर्ष की आयु के होते हैं जिनमें तेज रफ्तार, गलत ड्राइविंग और शराब पी कर ड्राइव करना 1.5% सड़क दुर्घटनाओं के लिए और 4.6% मौतों के लिए मुख्य कारण है।
‘सुरक्षा का रास्ता- जिम्मेदार युवकों की तरफ’ प्रोग्राम बालिग युवकों में व्यवहारिक बदलाव और जिम्मेदार ड्राइविंग के लिए जागरूकता ला कर सड़क सुरक्षा के गंभीर मुद्दे के हल के लिए उठाया गया एक कदम है। 4-घंटे चलने वाला यह प्रोग्राम एक लंबा और परस्पर मापांक है जिसे आई.आर.टी.ई के वरिष्ठ संकाय सदस्यों द्वारा संचालित किया जाता है और यह रक्षात्मक ड्राइविंग, शराब पी कर ड्राइव करने के बुरे प्रभाव, तेज गति से ड्राइव करने और हैलमेट पहनने जैसे ड्राइविंग के विभिन्न तत्वों को कवर करता है।
इस साझेदारी के बारे में बात करते हुए श्री मनसुख मांडविया, माननीय यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट, मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज (एम.ओ.आर.टी.एच) ने कहा, “हाल ही के समयों में हमने सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों, खासकर युवकों के मामले में एक चिंताजनक वृद्धि देखी है, इस लिए सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा को अधिक महत्व देना जरूरी है। गलत ड्राइविंग, सीट बेल्ट न लगाना, हैलमेट न पहनने जैसे सुरक्षा मापों की उचितता की कमी सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली वृद्धि के कुछ मुख्य तत्व हैं। 2022 तक सड़क दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करने के उद्देश्य के साथ हमें अपनी किस्म के पहले ‘सुरक्षा का रास्ता- जिम्मेदार युवकों की तरफ’ प्रोग्राम को लॉन्च करने की बहुत खुशी है।”
इस प्रोग्राम के बारे में बात करते हुए अबंती शंकरनारायणन, चीफ स्ट्रेटजी और कार्पोरेट अफेयरस ऑफिसर, डियाजियो इंडिया ने कहा, “डियाजियो के सिग्नेचर “सुरक्षा का रास्ता- युवकों की तरफ” अभियान के हिस्से के तौर पर हम भारतीय सड़कों पर ड्राइव करने वाले युवक ड्राइवरों की शुरुआती शिक्षा पर निर्देशित एक उद्देशित हस्तक्षेप को पेश करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। क्योंकि नए ड्राइवर, हमारे युवक भारत की सुरक्षित सड़कों के लिए बहुत महत्व रखते हैं, इस लिए यह बहुत जरूरी है कि वे शुरुआत में ही सड़क सुरक्षा की सबसे बेहतर गतिविधियों को समझ और अपना लें। हमें मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाइवेज के साथ और ऐसे विश्वविद्यालयों के साथ सांझेदारी करने की बहुत खुशी है जो इस प्रोग्राम को सहयोग देंगे। हम यकीन करते हैं कि सड़क सुरक्षा के प्रति राष्ट्रीय अभियान के लिए यह डियाजियो को सहयोग देगा।”
डॉ. रोहित बालूजा, प्रेजीडेंट, इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आई.आर.टी.ई) ने कहा, “हमारी युवक पीढ़ी भारतीय सड़क हादसों से सबसे अधिक प्रभावित होती है। उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव कोशिश की जानी चाहिए। यह प्रोग्राम युवकों को जागरूक करने के साधन का इस्तेमाल करता है ताकि वे सुरक्षात्मक तौर से सड़क को इस्तेमाल कर सकें। मैं देश भर में इस प्रोग्राम को पहुँचाने के लिए डियाजियो इंडिया द्वारा दिए गए सहयोग का, और मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाइवेज की सांझेदारी और उनके द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के लिए उनका बहुत आभारी हूँ।”