एनजीटी ने चरखी दादरी में बालू खनन की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बनाई
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने हरियाणा के चरखी दादरी जिले में अनियंत्रित बालू खनन और स्टोन क्रशिंग की शिकायत की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस टीम को निर्देश दिया कि वो मौके की जांच करें और एक महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करें। एनजीटी ने इस कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक-एक प्रतिनिधि को शामिल किया है। इस कमेटी की नोडल एजेंसी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड होगी। एनजीटी ने इन विभागों को निर्देश दिया है कि कमेटी के लिए अपने प्रतिनिधियों को जल्द नामांकित करें। पिछले 31 अगस्त को एनजीटी ने एक कमेटी का गठन किया था, जिसमें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खनन विभाग, वन विभाग और चरखी दादरी के उपायुक्त शामिल थे। इस कमेटी ने पिछले 11 फरवरी को एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि छिड़काव इत्यादि के लिए पर्याप्त उपकरण लगाए गए हैं और हवा की अच्छी गुणवत्ता बरकरार रखी गई है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता विनोद कुमार जांगड़ा के वकील ने इस रिपोर्ट का विरोध करते हुए कुछ फोटो दिखाए, जिसमें अवैध खनन गतिविधियों को अंजाम देते हुए दिखाया जा रहा है। जांगड़ा ने याचिका में कहा है कि चरखी दादरी में अनियंत्रित खनन और स्टोन क्रशिंग का काम चल रहा है। इससे हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। इसे रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है।