अम्बेडकर से जुड़े स्थलों को भाजपा ने दिया महत्व : योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि सिर्फ भाजपा ने ही बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर से जुड़े स्थलों को सम्मान देकर उन्हें पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया है। योगी ने अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर यहां आयोजित कार्यक्रम में कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। पहली बार अम्बेडकर से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों को महत्व दिया गया। उनकी जन्मभूमि को, इंग्लैंड में रहकर जहां उन्होंने शिक्षा अर्जित की थी उस स्थल को, दिल्ली में उनके राजकीय आवास को, नागपुर में दीक्षा भूमि को और मुम्बई में उनके अंतिम संस्कार स्थल को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर के व्यक्तित्व और कृतित्व के प्रति देश आभार व्यक्त कर सके, ऐसी भावना सदैव प्रधानमंत्री की रही है, इसलिये इन पंचतीर्थों को विकसित करके अम्बेडकर से जुड़े इन स्थलों के माध्यम से अनुसूचित जाति, जनजाति, वंचितों और गरीबों के लिये इस सरकार ने अनेक कार्यक्रम शुरू किये हैं।
योगी ने कहा कि अम्बेडकर ने इंग्लैण्ड में जहां शिक्षा प्राप्त की थी, उस भवन को केन्द्र तथा महाराष्ट्र सरकार ने लेकर उसमें भारत से जाने वाले अनुसूचित जाति, जनजातियों के बच्चों के पढ़ने और उनके लिये विशेष छात्रवृत्ति लागू की है। साथ ही स्टैंडअप योजना के जरिये इस देश की प्रत्येक बैंक शाखा को अनुसूचित जाति, जनजाति एवं महिला उद्यमियों को स्वावलम्बन की ओर अग्रसर करने के लिये 10 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक की धनराशि उपलब्ध कराने के लिये प्रेरित किया गया । सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही ऐसे 33 हजार उद्यमी प्रतिवर्ष लाभान्वित हो पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ संविधान के शिल्पी के रूप में अम्बेडकर को सर्वोच्च सम्मान प्रदान करते हुए प्रदेश के हर सरकारी कार्यालय में बाबा साहब अम्बेडकर की तस्वीर सम्मानजनक ढंग से स्थापित की जाए, इसकी व्यवस्था हम प्रदेश में पूरी तत्परता के साथ करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘ हम लोगों की भावनाएं है कि अम्बेडकर से जुड़े सभी स्थलों को सम्मानजनक स्थान मिले। प्रदेश में किसी भी तरह के सामाजिक या आर्थिक भेदभाव का कोई स्थान नहीं है। प्रदेश में भाईचारे की स्थापना हो, इसके लिये सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’ योगी ने कहा कि मध्यकाल में देश में भेदभावकारी कुरीतियों के कारण पैदा हुई सामाजिक विकृति का दुष्परिणाम बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को भी भुगतना पड़ा। मध्य प्रदेश के महू जैसी छोटी जगह पर जन्मे अम्बेडकर ने उन सामाजिक बुराइयों को सहन करते हुए भी समाज के सामने एक मानक स्थापित करते हुए दुनिया में शिक्षा की उच्चतम डिग्री हासिल की और भारत वापस आकर देश में संविधान के शिल्पी के रूप में अभूतपूर्व योगदान दिया,वह अविस्मरणीय और अभिनन्दनीय है।