पूर्ण राज्य के मुद्दे पर दिल्ली की जनता को गुमराह कर रहे केजरीवाल : मनोज तिवारी
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जा को लोकसभा चुनावों में मुख्य मुद्दा बनाए जाने पर मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जनता से झूठ बोलकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल सरकार ने चार साल के अपने कार्यकाल में एक भी काम नहीं किया तभी उन्हें जनता के बीच ऐसे झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है। अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए केजरीवाल पूर्ण राज्य का राग अलाप रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के पूर्ण राज्य की सबसे बड़े दुश्मन केजरीवाल हैं।
26 जनवरी को परेड को रोकने की कोशिश कर व संवैधानिक संस्थाओं पर बार-बार हमला करके केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के दावे को गहरी चैट पहुंचाई है। तिवारी ने कहा कि जनता ने 70 में 67 सीटे देकर केजरीवाल को प्रचण्ड बहुमत के साथ सत्ता में बिठाया लेकिन जनता को केवल धोखा मिला। वाई-फाई, सीसीटीवी, प्रदूषण, स्वच्छ पानी, नई बसें व बसों में मार्शल, सड़कों पर नई बसें, महिला सुरक्षा व अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने व संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने के एक भी चुनावी वायदे को केजरीवाल सरकार ने पूरा नहीं किया। शिक्षा के नाम पर केवल बड़े-बड़े दावे किए और पिछले तीन शैक्षणिक सत्र वर्ष 2016-17-18 में 9वीं व 11वीं कक्षा के 5,16,951 छात्रों को बोर्ड परीक्षा का परिणाम बेहतर दिखाने के लिए दिल्ली सरकार ने फेल कर दिया है।
मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल ने पिछले चार सालों में एक भी नया कॉलेज नहीं खोला है जबकि चुनावी वायदे में कहा था कि 20 नए कॉलेज खोले जाएंगे। वर्ष 2017-18 के शैक्षणिक सत्र के 10वीं कक्षा का परिणाम 68 प्रतिशत रहा जो पिछले 10 वर्षों में सबसे खराब है। वर्ष 2016-17 के अकादमिक सत्र के मुकाबले 10वीं कक्षा का परिणाम 23.42 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई। तिवारी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े-बड़े दावे करने वाले केजरीवल जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने में विफल साबित हुए हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 10 प्रतिशत आरक्षण को भी केजरीवाल द्वारा रोका गया। निगम चुनावों में अपनी हार से बौखालाएं केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से हार का बदला लेने के लिए केन्द्र की योजनाओं को दिल्ली में रोका है। सवाल यह उठता है कि केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना और 10 प्रतिशत आरक्षण को दिल्ली में लागू करने में केजरीवाल को पूर्ण राज्य की क्या जरूरत है।