सांसद नीरज शेखर ने मोदी जी को पत्र लिखकर चल रहे अभियानों के प्रति चिंता जताई
दिल्ली। राज्यसभा सांसद, नीरज शेखर, जो गृह मामलों की समस्त शक्तिशाली समिति के सदस्य भी हैं, ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से नेशनल कंपनीज लाॅ ट्राईब्यूनल के तहत कंपनियों के समाधान में बाधा डालने के उद्देश्य से स्वार्थी तत्वों द्वारा किए गए प्रयासों को संज्ञान में लेने का निवेदन किया है। अपने पत्र में समाजवादी पार्टी के नेता, शेखर ने कहा कि ऐसे स्वार्थी दलों, जिन्होंने प्रक्रिया में हिस्सा लिया, लेकिन जीत न सके, द्वारा कंपनियों के खिलाफ चलाए जा रहे उत्प्रेरित मीडिया अभियानों की वजह से एनसीएलटी की प्रक्रियाओं में बाधा आ रही है।
यह पत्र केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय जाँच ब्यूरो, इन्साॅल्वेंसी एण्ड बैंकरप्ट्सी बोर्ड आॅफ इंडिया एवं काॅर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को भी भेजा गया। अपने पत्र में नीरज ने आरोप लगाया कि उन्हें एक खबरी से सूचना मिली, जिसमें बताया गया कि मीडिया के कुछ तत्व एनसीएलटी में चल रहे विभिन्न समाधान मामलों के खिलाफ बदनाम करने की नीयत से झूठे अभियान चलाने में लिप्त हैं, ताकि कानून की प्रक्रिया में बाधा डाली जा सके। शेखर ने अपने पत्र में कहा, ‘‘कुछ विश्वसनीय स्रोतों से मुझे ज्ञात हुआ कि आईबीसी के तहत कुछ निष्पक्ष समाधान मामलों, जैसे एडुकाॅम्प साॅल्यूशंस एवं अन्य पर केंद्रित होकर बदनाम करने की नीयत से कुछ अभियान चलाए जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये कंपनियां राष्ट्रीय संपत्ति हैं, जिनमें हजारों कर्मचारी काम करते हैं एवं इन कंपनियों के समाधान आईबीसी कोड के तहत किए जा रहे हैं, ताकि उन्हें पुनः खड़े होने, हजारों कर्मचारियों की नौकरी बचाने और भारत की अग्रणी कंपनियों का पुनरोद्धार करने का मौका मिल सके और इस अधिनियम का उद्देश्य भी यही है।’’
निजी शिक्षा के क्षेत्र में तत्कालीन प्रमुख कंपनी, एडुकाॅम्प साॅल्यूशंस ने पिछले साल इन्साॅल्वेंसी के लिए आवेदन दिया था। अटलांटा में मुख्यालय वाली कंपनी, इबिक्स को बिक्री के लिए कंपनी का प्रस्ताव इस साल कंपनी के क्रेडिटर्स की समिति द्वारा 75 प्रतिशत वोटों के साथ पारित कर दिया गया।
शेखर ने अपने पत्र में कहा कि कानूनी प्रक्रिया को धता बताते हुए प्रतिस्पर्धियों द्वारा पैसे देकर एडुकाॅम्प के बारे में झूठी खबरें प्रचारित की जाने लगीं। ‘‘दुख की बात है कि न्यूज मीडिया के कुछ तत्व समाचार बनाने से पहले उनकी पूरी पड़ताल नहीं करते हैं और इन प्रेरित खबरों की विश्वसनीयता की जाँच नहीं करते।’’
शेखर ने आगे कहा कि यदि इन्साॅल्वेंसी कोड की भावना को खारिज कर प्रतियोगी तत्वों को ऐसे देशविरोधी काम करने दिया जाएगा, तो इस तरह की घटनाएं काॅर्पोरेट दुनिया में हलचल मचाकर लाखों नौकरियों का नुकसान कर सकतंी हैं। अपने पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपके कार्यालय से आग्रह करता हूँ कि आईबीसी कोड की भावना को सुरक्षित रखते हुए निष्पक्ष समाधान सुनिश्चित किया जाए, जो कानूनी प्रक्रिया के तहत हो और इस प्रक्रिया को स्वार्थी तत्वों द्वारा बाधित न करने दिया जाए।’’