सामाजिक

झारखंड के रांची में होगा ‘लोकमंथन’ के दूसरे संस्करण का आयोजन

नई दिल्ली। भारत के विभिन्न प्रांतों में लोककला, गीत-नृत्य, कहानियों में आज भी संवाद मौजूद है, यह काफी सशक्त है और इसी विचार का प्रवाह, भारत का विचार है लोकमंथन। यह कहना है प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे नंद कुमार का। नंद कुमार ने यह बात खेलगांव में आयोजित किये जाने वाले तीन दिवसीय महासम्मेलन लोकमंथन की पूर्व संध्या पर आयोजित प्रेस वाता में कही। इस मौके पर राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा एवम् लोकमंथन की सेन्ट्रल कमेटी के सदस्य उमेश उपाध्याय भी उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय चिंतकों-विचारकों का संगठन प्रज्ञा प्रवाह आगामी 27 से 30 सितम्बर तक झारखंड के रांची में राष्ट्रवादी विचारकों और कर्मयोगियों के द्वैवार्षिक सम्मेलन ‘लोकमंथन’ का दूसरा संस्करण आयोजित करने जा रहा है। ‘लोकमंथन’ के रांची संस्करण में ‘भारतबोध: जन-गण-मन’ (द आइडिया ऑफ भारत: नेशन – सोसायटी – माईंड) विषय पर चर्चा और विमर्श होगा। नंद कुमार ने कहा कि 26 सितंबर को एक चित्र प्रदर्शनी लगायी जाएगी। इसमें झारखंड के बिरसा मुंडा से लेकर केरल के शंकराचार्य तक 108 महापुरुषों के चित्र लगाए जाएंगे। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू कार्यक्रम के ग्रंथ का विमोचन करेंगी।
प्रो. राकेश सिन्हा ने बताया ‘लोकमंथन 2018’ का मुख्य लक्ष्य कला से लेकर पर्यावरण तक विभिन्न विषयों पर बहु-स्तरीय चर्चा का मंच उपलब्ध कराना है। ‘लोकमंथन’ के पहले संस्करण का आयोजन पिछले वर्ष भोपाल में हुआ था जिसमें देश-काल-स्थिति (द प्रेजेंट नेशनल सेनारयो) पर चर्चा की गई थी। ‘लोकमंथन’ के विचार की कल्पना राष्ट्र प्रथम की अवधारणा से जुड़े विचारकों और कर्मशीलों के महासम्मेलन के रूप में की गई है। जो ना सिर्फ बुद्धिजीवियों और लेखकों, अपितु हमारी कला और संस्कृति के जीवंत क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते चित्रकारों, मूर्तिकारों, नर्तकों और संगीतकारों से समृद्ध एक बौद्धिक मेला बने। लोकमंथन बुद्धिजीवियों और कर्मशीलों के बीच सम्पर्क पुर्नस्थापित करने का प्रयास भी है।
नंद कुमार ने बताया कि महासम्मेलन में सभी भागीदारों के लिए सकारात्मक परिणामों को लक्षित बहुस्तरीय चर्चाएं होंगी। इस बार ‘लोकमंथन’ की केंद्रीय विषय-वस्तु है ‘भारत-बोधः जन-गण-मन’। भारत का विचार क्या है, राष्ट्र और समाज की हमारी अवधारणा क्या है, भारत का मानस क्या है, क्या था, क्या होना है और किस दिशा में इसे जाना चाहिए? इस सभी विषयों पर चर्चा होगी। विचार-विमर्श के दौरान सम्बन्धित विषयों पर भी प्रकाश डाला जाएगा। इसके साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, स्थानीय प्रशासनिक मॉडल (व्यवस्था), जिन पर हम चलते हैं और जिन पर चलना चाहिए, पर भी चर्चा होगी। वर्तमान संदर्भ में बेलाग आत्मावलोकन का भी प्रयास किया जाएगा।
माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू 27 सितंबर शाम 4 बजे खेलगांव में इस महासम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। वक्ता के तौर पर हमने कईं विशिष्ट बुद्धिजीवियों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया है। इनमें प्रख्यात चिंतक रंगा हरि जैसे दिग्गजों की उपस्थिति का सौभाग्य हमें मिलने जा रहा है। माननीय अध्यक्ष, लोकसभा श्रीमति सुमित्रा महाजन 30 सितंबर को समापन समारोह को संबोधित करेंगीं।

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