# हिमाचल प्रदेश के समाजसेवक ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र, कहा, उनके पास गरीबी की समस्या का समाधान
हिमाचल प्रदेश के मशहूर समाजेसवी जयप्रकाश ने देश में गरीबी, बेरोजगारी और रिटायर्ड कर्मचारियों की परेशानियों का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि जब एक केंद्र और राज्य सरकार का कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर होता है तो उसे सिर्फ 300 छुट्टियों का लाभ मिलता है। अगर किसी कर्मचारी की छुट्टियां 400 या उससे भी ज्यादा हो तो भी उसे 300 छुट्टियों का ही ही लाभ मिलता है। 22 साल की उम्र में नौकरी शुरू करने वाला सरकारी कर्मचारी 35-36 साल तक काम करके 720 छुट्टियां बचाता है, लेकिन उसे 300 छुटिट्यां ही मिलती हैं। इस तरह एक सरकारी कर्मचारी को 400 छुट्टियों का नुकसान होता है। इसलिए कर्मचारी अपने कार्यकाल में अपनी ज्यादातर छुट्टियां लेने के चक्कर में रहते हैं। इससे दफ्तर की हाजिरी कभी 100 फीसदी हाजिरी पूरी होती। अगर सरकार कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 300 से ज्यादा छुट्टियां देना सुनिश्चित करे तो दफ्तर में कर्मचारियों की संख्या पूरी होने की पूरी संभावना रहेगी।
पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने देश में गरीबी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि भारतीय अपनी सभ्यता और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं, जिससे देश में गरीबी बढ़ती जा रही है। अगर सरकार गरीबी की परिभाषित करे और इससे निपटने के लिए कदम उठाए तो गरीबी को मिटाया जा सकता है। उन्होंने लिखा है कि मेरे पास गरीबी की परिभाषा है और इसका समाधान भी है। मैं अपने गरीबी हटाने के विचार को देश के किसी गरीब गांव में लागू करना चाहता है। वहीं उन्होंने कश्मीर पर कांग्रेस नेता पी. चिंदबरम के राष्ट्रविरोधी और आपत्तिजनक बयान के मुद्दे पर उन पर कार्रवाई करने की मांग भी चुनाव आयोग से की है।