सर्दियों में डायबिटीज के प्रति सर्तकता बरतें
-डा. संजीव भंबानी
डायरेक्टर एंडोक्रायनोलॉजी, मैक्स सुपर हाॅस्पिटल वैशाली
आज मधुमेह डायबिटीज का रोग काफी विस्तृत हो गया है, पर इसका इलाज करने से पहले यह जान लेना जरूरी है मधुमेह किन कारणों से उत्पन्न होता है। इस बीमारी का उपचार करने से पूर्व ऐसी कोशिश करना भी आवश्यक है कि इससे बचा जाये। यहां पर इसी तरह के अनेक प्रश्नों का उत्तर दिया जा रहा है।
मधुमेह क्या है?
मधुमेह होने का कारण है शरीर में इन्सुलिन जमा होने में रुकावट आना। इन्सुलिन वह मात्रा है जो शरीर को भोजन के माध्यम से ऊर्जा प्रदान करता है। हम जो भोजन लेते हैं उसकी सर्वाधिक मात्रा का ग्लूकोज बनता है – जो शूगर का रूप है। इसका हमारे शरीर में ऊर्जा के लिए उपयोग होता है। हमारे पेट के पास पैक्रिमास नामक एक अंग है जिसमें इन्सुलिन नामक हाॅर्मोन का निर्माण होता है जो हमारे रक्त में से हमारी मांस पेशियों तथा अन्य टिस्यूज के लिए ग्लूकोस पहुंचाने में सहायक होता है। डायबेट्स मेलीटस एक पुरानी अवस्था है और यह तब उत्पन्न होती है जब मैक्रियास अंग पर्याप्त मात्रा में इन्सूलिन का प्रभावी ढंग से शरीर में उपयोग नहीं हो पाता. इसका परिणाम यह होता है कि व्यक्ति जो भोजन करता है उसके लिए वह आवश्यक इन्सूलिन का उपयोग नहीं कर पाता। इससे रक्त का ग्लूकोज स्तर प्रभावित होकर असामान्य स्थित उत्पन्न कर सकता है।
क्या मेरे लिए भी जोखिम है?
जी हां, अवश्य, कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी मध्ुमेह की जकड़ में आ सकता है। यदि आपका वजन अधिक है और वंश से मधुमेह का अतीत रहा है तो यह जोखिम और बड़ा है। धूल व बेचैनी भरी गर्मी से राहत पाने के लिए हम सभी लोग सर्दी का बेसब्री इंतजार करते रहते हैं। सर्दी में खाने की तो जैसे आजादी सी मिल जाती है। गरम लजीज व्यंजन खाने को देखकर सबकी लार टपकने लगती है, लेकिन डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अपनी लार पर काबू रखना होता है। हालांकि पूरे विश्व के डाॅक्टर अब यही प्रयास कर रहे हैं कि डायबिटीज से पीड़ित लोग अपनी समस्या का परे रखते हुए एक आम जीवन जी सकें।
मिथ्य 1- सर्दियों में डायबिटीज बढ़ जाता है-
डायबिटीज किसी मौसमी बीमारी जैसे सर्दी जुकाम के जैसा नहीं है। हालांकि बहुत सी यूरोपियन देशों की पत्रिकाओं के अनुसार सर्दियों के मौसम में किशोरों में डायबिटीज टाइप-1 की उत्पत्ति अधिक देखी गई है, इसके कारणों का सही ढंग से अभी तक नहीं पता चल पाया है। भारत में ऐसा कुछ पाया नहीं गया है। प्रीडायबिटीक फेज से पीड़ित बहुत से लोग सर्दियों में सांस लेने की समस्या के चलते हास्पिटल में भर्ती होते हैं और फिर डायबिटीज से पीड़ित पाए जाते हैं।
मिथ्य 2- डायबिटीज पीड़ितों को मिठाइयां नहीं खानी चाहिए-
एक संतुलित आहार की आवश्यकता सभी को होती है, खासकर डायबिटीज पीड़ितों को। जिस खाने में बहुत अधिक घी, तेल या चिकनाई लगी हो, ढ़ेर सारा वसा हो, वो तो सबके लिए ही नुकसानदायक होता है। संतुलित आहार को लेने में कोई समस्या नहीं होती है। केक या पेस्ट्री में आर्टिफिश्यल स्वीटनर डालकर आप डायबिटीज से पीड़ित लोग ले सकते हैं। सर्दियों की कोई खास डायबिटीज डाइट नहीं होती है। केवल इतना ध्यान रखें कि अधिक सूखे मेवों का सेवन न करें। सभी डायबिटीज पीड़ितों को मौसमी फलों का व उनके जूस का सेवन करना चाहिए।
मिथ्य 3- डायबिटीज पीड़ितों को शराब व धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए –
केवल डायबिटीज पीड़ित ही क्यों? शराब का सेवन तो किसी को नहीं करना चाहिए क्योंकि यह सबको ही उतना नुकसान पहुंचा सकती है जितना डायबिटीज पीड़ित को। डायबिटीज पीड़ित को केवल इसलिए शराब नहीं छोड़नी चाहिए कि वे डायबिटीज से पीड़ित हैं। केवल इतना ध्यान रखना चाहिए कि वे कम मात्रा में ही इसका सेवन करें।
मिथ्य 4- डायबिटीज पीड़ित खेल में ऐक्टिव नहीं रह सकते –
डायबिटीज नियंत्रण के लिए व्यायाम करना बेहद आवश्यक तत्व माना जाता है। थोड़े बहुत व्यायाम से न सिर्फ आप अपने वजन को नियंत्रित कर पाएंगे बल्कि आप उसके व्यवस्थित कर अपने रक्तचाप को भी आइडियल रूप से स्थिर रख सकते हैं। इससे रक्त कोलेस्ट्रोल कम होता है और मांसपेशियों मजबूत होती हैं, इस प्रकार आप अपने तनाव को भी कम कर सकते हैं। जिस प्रकार सर्दियों में तापमान कम हो जाता है, तो आउटडोर खेल खेलना अच्छा माना जाता है। ऐसा कोई खेल नहीं है जिसमें डायबिटीज से पीड़ित लोग भाग नहीं ले सकते या बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकते। बस केवल इतना ध्यान रखें कि व्यायाम से पहले और बाद में अपने शरीर को सही ढंग से नमी दें खेलने से पहले, खेलते समय और बाद में अपना शुगर स्तर चेक करते रहें ताकि आप को हाइपोगलिसिमिया न हो सके।
मिथ्य 5- डायबिटीज से पीड़ित लोगों को घूमने में दिक्कत होती है –
डायबिटीज से पीड़ित कभी और कहीं भी घूमने जा सकते हैं बशर्ते उन्हें निम्रलिखित बातों का खास ख्याल रखना पड़ता है – अपनी सभी दवाइयों, इंसुलिन पेन, ग्लूकोमीटर टेस्ट स्ट्रिप आदि सब पर्याप्त मात्रा में रख लें। यदि आप हवाईयात्रा करने जा रहे हैं, तो अपने इंसुलिन को लगेज में रखें अन्यथा अपने साथ रखने पर वह जम सकता है। इंसुलिन को सामान्य तापमान में एक महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है, लेकिन यदि आप गाड़ी से किसी गरम स्थान पर जा रहे हैं, तो इंसुलिन को फ्लास्क में रखें। हमेशा हवाई यात्रा करते समय डाक्टर का एक पत्र अपने साथ रखें जिसमें यह लिखा हो कि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं क्योंकि इससे आप को कहीं किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। संतुलित आहार लें। ऐसा नहीं हो पाए तो सलाद या दूध आदि लें. पर्याप्त मात्रा में आराम करें और खूब सारा पानी पीएं। अपनी दवाइयों को समय-समय पर लेते रहें। अपने रक्तग्लूकोज को जांच लें। यदि आप का रक्तचाप बहुत अधिक या कम हो तो डाॅक्टर से संपर्क करें।
सर्दियों में डायबिटीक पैरों की देखभाल –
सर्दियों में डायबिटीक लोगों के पैरों को विषेश देखभाल की आवश्यकता होती है क्योंकि पैरों में बहुत सी समस्याएं पैदा हो जाती है जैसे एड़ी फटना और घाव आदि। ऐसे में पैरों को अच्छी तरह से धोएं। पैरों और एड़ियों को अच्छी तरह से सुखाएं। पैरों पर हमेशा ध्यान दें। कोई भी घाव आदि न होने पाए। अपने पैरों के नाखूनों को सीधा काटें। सही नाप के चप्पल व जूते पहनें। नंगे पैर कभी भी न चलें। पैरों में गरम पानी का स्पा न लें।
डायबिटीक एमरजेंसी-
डायबिटीज केटोएसिडोसिस और हाइपर ओस्मोलर हाइपर ग्लाइकिमिक स्टेट एक ऐसी जानलेवा अवस्था होती है जो कि त्योहारों में आम तौर पर उन लोगों में अधिक देखने को मिलती है जो कि इंसुलिन की दवाइयां लेना भूल जाते हैं या शराब के नशे में दवाई नहीं लेते हैं। किसी भी एमरजेंसी की अवस्था में अपना इंसुलिन या दवाइयां लेना न भूलें। अपने पड़ोसियों या दोस्तों को अपनी अवस्था के बारे में बताना न भूलें, खूब सारा पानी पीएं।