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कतरन से कमाल के कपड़े बनाने वाले दिल्ली के फैशन हाउस की कहानी, History TV18 पर

क्या आपने कभी सोचा ह कि फैशन और नए-नए कपड़ों का शौक भी पर्यावरण के लिए एक खतरा हो सकता है। हर दिन टेक्सटाइल फैक्ट्रीज, गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और दर्जियों की दुकानों पर बहुत सारा कपड़ा व्यर्थ चला जाता है। रीयूज और रीसाईकल के इस जमाने में क्या इस व्यर्थ कपड़े का भी उपयोग किया जा सकता है? दिल्ली शहर की कृतितुला ने जब सस्टेनेबल फैशन के बारे में सुना तब उन्हें आईडिया आया एक इको-फ्रेंडली फैशन हाउस शुरू करने का जिसका नाम है, डूडलएज।इस फैशन हाउस की विशेषता यह है कि यहाँ बनाई गई हर ड्रेस कतरन और व्यर्थ कपड़ों से बनी है। कृति बताती हैं कि टेक्सटाइल फैक्ट्री में रोज बहुत सारा कपड़ा व्यर्थ चला जाता है और सिलाई के दौरान भी रोज बहुत कतरन बच जाती है। इसी कतरन को रीयूज करके डूडलएज में नए-नए परिधानों को डिजाइन किया जाता है। इतना ही नहीं नए कपड़े डिजाइन करते वक्त जो कपड़ा बच जाता है उसे बैग और पेपर इत्यादि बनाने में प्रयोग किया जाता है।यहाँ बने कपड़ों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अलग-अलग कतरनों से बने होने के कारण हर एक ड्रेस अनोखी है। पर्यावरण की रक्षा की ओर एक फैशन हाउस की ओर से उठाया गया यह कदम वाकई सराहनीय है।

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