पति की मौत के बाद नफीसा को 32 साल में मिला भूखण्ड के मालिकाना हक
-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
कोटा के रंग तालाब निवासी नफीसा बेगम उस वक्त भावुक हो गई जब उनके हाथों में उनके पति द्वारा खरीदे गए दो प्लॉटस का उनको मालिकाना हक नगर विकास न्यास के सचिव राजेश जोशी ने अपने हाथों से सौंपा।
1989 में नफीसा बेगम के पति अब्दुल वहीद ने रामदास नगर में दो प्लॉट खरीदे थे लेकिन उसका पट्टा उनको नहीं मिल सका और साल 2015 में नफीसा के पति की मौत हो जाने के बाद नफीसा अपने प्लॉटस का पट्टा बनवाने के लिए प्रयास करती रही। राज्य सरकार के प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत नगर विकास न्यास की ओर से नयापुरा तरणताल परिसर लगाए गए शिविर में दोनों भूखंडों का पट्टा मिल गया तो नफीसा का 32 साल का इंतजार खत्म हो गया और खुशी के मारे वह भावुक हो गई।
पट्टा हासिल करने के बाद नफीसा बेगम ने बताया कि सरकार के इस अभियान ने मेरी जिंदगी के मायने बदल दिए सालों से रामदास नगर में पति द्वारा खरीदे गए दो प्लॉटस में से एक को बेचकर मक्का मदीना यात्रा पर जाकर हज करना चाहती थी लेकिन पट्टा नही होने की वजह से प्लाट का बेचान नही हो सका। अब नगर विकास न्यास से मिले दोनों प्लोट्स के पट्टे मिलने के बाद एक पर लोंन लेकर अपने बच्चो के लिए मकान बनवाएगी और दूसरे को बेचकर अपनी जिंदगी के प्रमुख मकसद हज के सपने को पूरा करेगी।
नफीसा ने राज्य सरकार और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल का आभार जताते हुए कहा कि सरकार की ओर से प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांव के संग अभियान के तहत आमजन को जो राहत दी जा रही है वह वाकई तारीफ के काबिल है। यह अभियान हजारों लोगों की जिंदगी में खुशियां लाने का काम कर रहा है। नफीसा के पुत्र रफीक और अजीज बताते हैं कि वालिद के इंतकाल के बाद मां ने बहुत संघर्ष किया और आज उनको संपत्ति का मालिकाना हक मिल गया।
नगर विकास न्यास के उप सचिव चंदन दुबे ने बताया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत नगर विकास न्यास की ओर से शिविरों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आमजन को राहत पहुंचाने नियमों में शिथिलता भी इस्तेमाल कर आवेदकों के कार्यो को पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को नयापुरा स्थित तरणताल परिसर में आयोजित हुए शिविर में करीब 105 पट्टे जारी किए हैं। शिविर में पत्रावलियो प्राप्त कर पट्टा जारी करने की कार्यवाही के साथ-साथ लीज डीड, स्ट्रीप लैण्ड, भूमि उपविभाजन/संयुक्तिकरण, भू-उपयोग परिवर्तन व अन्य राजकीय विभागों से संबंधित विभिन्न कार्यो को इन शिविर के माध्यम से सम्पादित किये जाएगे।