Wednesday, May 15, 2024
राजनीति

मोदी-योगी स्टाइल ऑफ गवर्नेंस पर लगी जनता की मुहर, अखिलेश का माई फेल हुआ बीजेपी के माई से : एमआरएम

दिल्ली। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का कहना है कि मोदी और योगी स्टाइल ऑफ गवर्नेंस को जनता ने खुले दिल से जनादेश दिया है। एमआरएम का मानना है कि बीजेपी शासन में हर किसी को शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, सम्मान और स्वाभिमान मिला है। बीजेपी की इस चौतरफा जीत के लिए एमआरएम ने जनता के भरोसे और विश्वास का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा है कि जनता ने हमारे कार्यों को विपक्ष की नकारात्मक राजनीति के खिलाफ तरजीह दी है जिसका मंच दिल से शुक्रिया अदा करता है। एमआरएम का मानना है कि जिस तरह पांच में चार राज्यों में दमदार जीत बीजेपी ने हासिल की है उससे एक बार फिर सिद्ध होता है कि देश के सामने मोदी और मजबूत हुए हैं। वो पार्टी जो हार का कारण ईवीएम को बताती हैं उन्हें समझना चाहिए कि जनता ऐसे खोखली बातों पर ध्यान नहीं देती है। राहुल, प्रियंका, अखिलेश, तेजस्वी समेत तमाम विपक्षी नेताओं को सीखना होगा कि चुनाव से सिर्फ़ छह महीने पहले एक्टिव हो कर चुनाव नहीं जीते जा सकते। खासतौर से बीजेपी के खिलाफ तो बिलकुल नहीं जो साल के 365 दिन, चौबीसों घंटे चुनाव के मोड में रहती है।
मंच के राष्ट्रीय संयोजक माजिद तालिकोटि का कहना है कि लोकतंत्र के इस महापर्व में जनता की उम्मीदों और विश्वास पर हम एक बार फिर खरे उतरे हैं जो हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। माजिद ने कहा की प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, नेताओं एवं छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं के दिन रात अथक परिश्रम का यह फल है। मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर ने कहा कि बीजेपी की यह जीत न सिर्फ नैरेटिव के लिहाज से बहुत बड़ी है बल्कि पार्टी ने कई मोर्चों पर अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी है। इसका तत्काल दो बड़ा फायदा भी होता दिख रहा है— राज्यसभा में पार्टी की ताकत बनी रहेगी और नए राष्ट्रपति बनाने में भी बहुमत बीजेपी के पास होगा।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने बताया कि जिस तरह चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती की पार्टी बीएसपी और गांधी नेहरू की पार्टी उत्तर प्रदेश में विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गईं जबकि नकारात्मक एवं सामाजिक वैमनस्यता से भरी समाजवादी पार्टी को भी जनता ने नकार दिया है।
मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि समाजवादी पार्टी की एमवाई (मुस्लिम $ यादव) समीकरण पर बीजेपी का एमवाई (महिला $ योजना समाज के हर तबके के लिए) समीकरण पूरी तरह हावी रहा। मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों ने बहुत बड़ी तादाद में बीजेपी को वोट किया। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक लगभग 22 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम वोट बीजेपी के खाते में गए हैं। इसका मुख्य कारण रहा है कि सरकार ने किसी भी योजना में कोई भेदभाव नहीं किया। प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री कुसुम योजना, कन्या सुमंगला योजना, बेटी पढ़ाओ बेटी पढ़ाओ योजना, आयुष्मान भारत योजना, गरीब कल्याण अन्न योजना, फ्री सिलाई मशीन योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, अंत्योदय अन्न योजना, मातृत्व वंदना योजना जैसी बेशुमार योजनाओं ने हर किसी को फायदा पहुंचाने का काम किया है।
मंच के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक बिलाल उर रहमान ने कहा कि उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर की हमारी सरकार के काम को भी जनता ने बहुत पसंद किया है.. इसकी हमें बहुत प्रसन्नता है लेकिन इन सब के बीच हमारा मानना है कि चुनाव आते जाते रहेंगे… एक जो सबसे बड़ा उद्देश हमारा है वो है राष्ट्रनिर्माण और प्रगतिशील स्वाबलंबी समाज तैयार करना। हमारा मकसद हर एक जरूरतमंदों तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाना है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा दिया था।
बीजेपी की जीत पर खुशी जताते हुए राष्ट्रीय संयोजक गिरीश जुयाल और मजहर खान ने कहा कि जिस तरह गीता में श्री कृष्ण ने कहा था कर्म किए जाओ फल की चिंता मत करो…. ठीक उसी तरह आरएसएस, बीजेपी हो या मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अथवा भारतीय क्रिश्चन मंच… हमारे कर्मठ नेता और कार्यकर्ता पूरे पांच साल राष्ट्रहित और जनकल्याण में लगे होते हैं। हमारे लिए जीत हमारे काम का मात्र एक प्रोसेस भर है। हार को हम जनता का फैसला मान कर उसे सीख के तौर पर लेटे हैं और जीत पर हम थोड़े समय के लिए ही जश्न मनाते हैं… और फिर पांच साल बाद होने वाले अगले चुनाव की तैयारियों में लग जाते हैं। मजाहिर खान को आगे बढ़ाते हुए महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजिका शालिनी अली ने कहा कि इस प्रक्रिया में सरकार और पार्टी का मकसद होता है राष्ट्र की बुलंदी और समाज के हर तबकों के बीच पहुंच कर उनका विकास करना। शालिनी ने कहा कि दूसरी पार्टियों और हमारे बीच का अंतर यह है कि हम तुष्टिकरण और बदले की भावना वाली गंदी राजनीति नहीं करते हैं। हमारा अपना एक डायलॉग प्रोसेस है जिससे हम घर घर से जुड़ते हैं… और उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते हैं।
महिला प्रकोष्ठ राष्ट्रीय संयोजिका शहनाज अफजल, रेशमा हुसैन और निखत परवीन के साथ साथ मोहम्मद सबरीन, इमरान चौधरी, फेज खान और शाकिर हसन ने कहा कि एमआरएम के विभिन्न प्रकोष्ठ ने 40 से ऊपर जिलों का 3 महीने में दौरा किया था। इस दौरान मुसलमानों के अलग अलग तबके के बीच जन जागरण अभियान चलाया गया था। जिसके तहत मुफ्ती, मौलाना, इमाम, डाक्टरों, इंजीनियरों, बुद्धिजीवियों, व्यापारियों, महिलाओं और छात्रों को सरकार की चलाई जा रही योजनाओं और उसका फायदा उठाते अपलांख्यक समुदायों के बारे में बताया गया था। और इन्हीं सब का परिणाम रहा कि सरकार के अच्छे कामों का इनाम देते हुए लगभग 22 प्रतिशत मुसलमानों ने बीजेपी को वोट किया है। इस चुनाव की एक विशेषता यह भी रही की बीएसपी से ज्यादा मुस्लिम वोट बीजेपी को पड़े हैं। यही कारण रहा कि जिन जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की टीम ने दौरा किया वहां बीजेपी को जीत मिली है। खासकर सुरक्षा के मामले को लेकर महिलाओं ने बहुत बड़ी तादाद में घर से निकल कर बीजेपी के समर्थन में वोट दिया।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के आगे कार्यक्रमों के बारे में पूछे जाने पर शाहिद सईद ने बताया कि हर्ष, उमंग और इस चुनावी उत्सव के महाकाल में भी हम अपने कर्तव्यों के प्रति सजग हैं। जनता ने जो जिम्मेदारी दी है उसका हम हार्दिक आभार और अभिनंदन व्यक्त करते हैं। इस समय हमारी प्रमुखता है कि विकास के जो कार्य अधूरे हैं उनको पूरा किया जाए। आगे आने वाले दिनों में कई बड़ी योजनाओं पर काम करना है जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार और स्वाबलंबन पर काम किया जाएगा। बच्चियों के विवाह की न्यूनतम आयु सीमा तय किए जाने के पक्ष में हमें राष्ट्रव्यापी आंदोलन करना है। मुस्लिम महिलाओं को मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज पढ़ने का हक मिले इसकी लड़ाई लड़नी है। भारतीय क्रिश्चन मंच की तरफ से प्रताप पल्ला और अजय मॉल ने कहा कि क्रिश्चन मंच ने पांचों राज्यों में भरपूर जागरूकता अभियान चलाया था जिसका फायदा चुनाव परिणाम में साफ दिख रहा है। प्रताप ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा था कि बीजेपी के लिए गोवा निकालना बहुत कठिन है। परंतु मंच ने अपनी मेहनत में कोई कमी नहीं की और साउथ तथा नॉर्थ गोवा में व्यापक कार्यक्रम चलाए। इस मौके पर फारूक खान ने कहा कि इस देश में कहीं भी किसी तरह का धर्मांतरण न हो, लोग सहज, सजग रहें.. अपने अपने धर्म को मानते हुए एक दूसरे के धर्म की इज्जत और ईमानदारी बरतें ताकि दूसरे धर्मों के मानने वालों को कष्ट न हो और देश में सौहार्द और भाईचारे का माहौल बना रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *