व्यापार

मारुति सुजुकी ने अक्षय ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, अपनी मानेसर स्थित फैसिलिटी में एक पायलट बायोगैस संयंत्र का शुभारंभ किया

मानेसर। मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अपनी मानेसर स्थित फैसिलिटी में एक पायलट बायोगैस संयंत्र शुरू की, तथा अपने इस संयंत्र में संसाधनों के रूप में घरेलू खाद्य अपशिष्ट और नेपियर घास की अप्रयुक्त क्षमता का उपयोग करेगी। यह पहल नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम ‘वेस्ट टु एनर्जी’ से संरेखित है, जो कि अपशिष्ट प्रबंधन हेतु सस्टेनेबल प्रैक्टिस एवं नवीन समाधानों के द्वारा कार्य किए जाने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
वित्त वर्ष 2023-24 में, कंपनी ने सौर ऊर्जा और बायोगैस जैसी रिन्यूएबल एनर्जी पहलों को शुरू करने के लिए 120.8 करोड़ रुपये का निवेश किया। वित्त वर्ष 2024-25 से शुरू होकर तीन वर्षों तक चलने वाली इस योजना के लिए कंपनी ने निवेश को लगभग चार गुना बढ़ाकर 450 करोड़ रुपये करने का संकल्प लिया है। इससे एमएसआईएल की पर्यावरणीय स्थिरता पहल को काफी प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
इस पायलट प्लांट को प्रतिदिन 0.2 टन बायोगैस का उत्पादन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान बायोगैस का अनुमानित उत्पादन लगभग 1 लाख मानक घन मीटर रहा है। इसके द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 190 टन CO2 ऑफसेट की जा सकेगी। चक्रीयता (circularity) के सिद्धांतों को अपनाते हुए, कंपनी कैंटीनों से निकलने वाले खाद्य अपशिष्ट और नेपियर घास को कच्चे माल के रूप में उपयोग करेगी। यह पायलट बायोगैस संयंत्र कंपनी की मानेसर स्थित फैसिलिटी की विनिर्माण प्रक्रियाओं के लिए ऊर्जा प्रदान करेगा। अवशिष्ट जैविक खाद का उपयोग बागवानी में प्रभावी ढंग से किया जाएगा, जिससे यह शून्य-उत्सर्जन मॉडल बन जाएगा।
यह पहल सस्टेनेबल प्रक्रियाओं, प्रभावी रूप से अपशिष्ट प्रबंधन, कार्बन फुटप्रिंट में कमी और ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करने के प्रति मारुति सुज़ुकी की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
कंपनी की आगामी हरित ऊर्जा पहलों के बारे में बताते हुए, मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, श्री हिसाशी ताकेउचि ने कहा, “किसी भी प्रकार की मैन्यूफ़ैक्चरिंग प्रक्रिया में ऊर्जा एक महत्वपूर्ण इनपुट होती है। हम 2030-31 तक अपनी उत्पादन क्षमता को लगभग 2 मिलियन से बढ़ाकर 4 मिलियन तक ले जा रहे हैं, साथ ही हम अपने संचालन में सस्टेनेबल एवं रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों की हिस्सेदारी को बढ़ाने की दिशा में हमारे द्वारा किए जा रहे प्रयासों में भी तेज़ी ला रहे हैं। यह सुज़ुकी के पर्यावरण विजन 2050 और भारत सरकार के रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस के अनुरूप है। मानेसर स्थित यह बायोगैस संयंत्र एमएसआईएल में और समग्र रूप से इस उद्योग में स्वच्छ एवं अधिक टिकाऊ ऊर्जा परिदृश्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम है। जिस तरह हम अपने उत्पादों में कई प्रकार के तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, उसी तरह हम अपने संचालन को पर्यावरण के अनुरूप बनाने के लिए कई रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों पर भी अपना ध्यान केंद्रित करेंगे।”
इसके अलावा, श्री ताकेउचि ने कहा, “हम अपनी मौजूदा और आगामी सुविधाओं में रणनीतिक रूप से निवेश करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे ऊर्जा की खपत को अनुकूलित करके, रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों को एकीकृत करके, कुशल अपशिष्ट प्रबंधन प्रोटोकॉल को लागू करके और जल संसाधनों को संरक्षित करके पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ हों।
इस पायलट परियोजना से प्राप्त अनुभव को हमारी आगामी विश्वस्तरीय विनिर्माण सुविधाओं में लागू किया जाएगा।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *