छत्रपति शिवाजी समाज कल्याण एवं शिक्षा प्रचार समिति का 21वा मटकी फोड़ कार्यक्रम श्रद्धापूर्वक संपन्न
नई दिल्ली। 20 से 30 फीट ऊंचाई पर लटक रही दही हंडियों को पिरामिड बनाकर फोड़ने का प्रयास करती गोविंदाओ की 21 टीमों में इनाम जीतने की होड़ का नजारा देखते ही बनता था। इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में हजारों लोगों का हज़ूम ’’ हाथी घोड़ा पालकी –जय कन्हैया लाल ’’ के गगनभेदी जयकारे और करतल ध्वनि गिरते -उठते लड़के लड़कियों की टीमों में भरपूर जोश भर रहे थे।
छत्रपति शिवाजी समाज कल्याण एवं शिक्षा प्रचार समिति के 21 वें मटकी फोड़ कार्यक्रम गोविंदा आला रे… के अद्भुत नजारे में ऊंचाई पर लड़की दही हांडी को फोड़ कर लड़कियों की टीम ने एक बार फिर बाजी मार लीद्य सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक कैलाश खेर ने अपने बैंड कैलाशा के साथ मधुर भजनों से जैसे समां बांध दिया।
संस्था के संस्थापक श्री जय भगवान गोयल ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण की अपार कृपा से प्रत्येक जन्माष्टमी के पावन अवसर पर संस्था का मटकी फोड़ कार्यक्रम गोविंदा आला रे ….पूरी भव्यता से और निर्विघ्नता पूर्वक चला आ रहा है। कोरोना की वैश्विक महामारी भी कार्यक्रम की निरंतरता में वाधा नहीं बन सकी।
संतों की कुशल देखरेख में संपन्न इस कार्यक्रम में अनेक प्रशासनिक एवं पुलिस उच्च अधिकारियों, प्रमुख समाजसेवियों, पत्रकारों एवं प्रबुद्ध हिंदू बुद्धिजीवियों को ’ छत्रपति शिवाजी अवार्ड ’ से पुरस्कृत भी किया गया।
श्री गोयल ने इस अवसर पर उपस्थित श्री कृष्ण भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्णा आश्रम के संघार के लिए अवतरित हुए थे। आज महिलाओं से बलात्कार एवं हत्या जैसे जगन्य अपराध और राष्ट्र में बढ़ते आंतकवाद से त्रस्त समाज एक बार फिर ऐसे ही भगवान के अवतार की अपेक्षा कर रहा है ताकि आधुनिक राक्षसों का समूल विध्वंस हो सके। उन्होंने हिंदुओं को एकजुट होकर ऐसी ताकतों का मुंह तोड़ जवाब देने का आग्रह किया जो हिंदुओं को जाति-पात में बांट कर अपने निहित राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति करना चाहते हैं। जाति बाद में हिंदुओं को पाठ देने के घिनौ ने खेल का पर्दाफाश करके उनके मंसूबों को रोकना होगा ताकि राष्ट्र के अस्तित्व को बनाए रखा जा सके।
इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के श्री कपिल खन्ना, पूर्व सांसद श्री लाल बिहारी तिवारी, रजनीश गोयल, जगदीश मित्तल जी, वासुदेव गर्ग जी, अनिल गोयल जी, बसंत गोयल, मृदुल, खेमघा, सतीश राम गोयल, अनिल आर्या, डॉ. राधा कांत वत्स, दिग्मबर बाबा तलवार, एंडवोकेट गोविन्द गोयल, आचार्य विवेकमुनी जी महाराज आदि उपस्थित थे।