सामाजिक

जलगांव के 2498 स्कूलों के 382269 विद्यार्थियों ने वर्ल्ड हैड-नेक कैंसर डे पर तंबाकू ना सेवन करने की शपथ ली

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग, रोटरी इंटरनेशनल जिला 3030 और संबंध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) द्वारा आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में वर्ल्ड हैड नेक कैंसर डे (27 जुलाई 2018) के अवसर पर महाराष्ट्र के जलगांव में 2498 स्कूलों के 382269 विद्यार्थियों ने तंबाकू सेवन न करने का संकल्प लिया। ये सभी स्कूल रोटरी अंतर्राष्ट्रीय जिला 3030 के अंतर्गत राज्य के जलगांव जिले के हैं। इस अवसर पर स्कूली बच्चों को तंबाकू के खतरे और समाज में होने वाले इसके दुष्प्रभावों पर एक लघु वृत्तचित्र भी दिखाया गया। स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और समर्थ भारत बनाकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूल के छात्रों को तम्बाकू के खतरे के बारे में जागरूक करना है। ये विद्यार्थी से नो टू टोबेको और गुडविल एंबेसडर फॉर सोसाइटी के क्रूसेडर हैं और तम्बाकू मुक्त समाज बनाने में मदद करेंगे। शैक्षिक संस्थानों को तम्बाकू मुक्त करने के लिए यह विभिन्न विभागों के माध्यम से महाराष्ट्र सरकार की पहल का समर्थन करता है।
जलगांव के जिला कलैक्टर किशोर राज निंबालकर ने कहा कि स्कूली बच्चों को तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के उपयेाग से होने वाले खतरों से अवगत कराने के लिए इस तरह के अभियान समय की जरुरत है। इस तरह के अभियान निंरतर चलने चाहिए तभी इसके सकारात्मक परिणाम सामने अएंगें। तभी तंबाकू विक्रेताअेंा पर नकेल कसी जा सकेगी। इससे हमारे युवाओं को सही मायने में नशे की लते से बचाया जा सकेगा।
परियोजना अध्यक्ष और रेाटेरियन डॉ गोविंद मंत्री ने कहा, कक्षा 8,9 और 10 वीं के चार स्कूल जाने वाले बच्चों में से एक बच्चा तम्बाकू उत्पादों के किसी न किसी रूपों में एक का आदी है। सेवन करने वालों के लिए यह समयपूर्व मौतों का कारण बनाता है और न सेवन करने वाले भी इसके गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों नहीं बच पाते। यह लत गैर-उपयोगकर्ताओं के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी डी पी महाजन और प्राथमिक जिला शिक्षा अधिकारी बी जे पाटिल ने बताया कि हम स्कूलों को तम्बाकू मुक्त करके बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। केयरिंग फ्रेंड की निमेश सुमती ने कहा कि सभी कैंसर का 50 प्रतिशत तंबाकू के कारण होता है। इससे संबंधित परिवारों को भावनात्मक और आर्थिक रूप से भारी नुकसान होता है। आइए युवाओं द्वारा तंबाकू का उपयोग न करने को सुनिश्चित कर हम सब स्वस्थ महाराष्ट्र बनाएं। टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के प्रोफेसर और सर्जिकल ओन्कोलॉजी डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि, हम जानते हैं कि युवाओं में तम्बाकू के संपर्क और लत को रोकने पर ध्यान केंद्रित करने के काम बहुत अच्छे नतीजे पैदा करते हैं। हम महाराष्ट्र शिक्षा विभाग के कार्य की सराहना करते हैं। हम माता-पिता को तंबाकू की लत से दूर रखने में अपने बच्चों का मार्गदर्शन और समर्थन करने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के लिए एडल्ट तंबाकू सर्वेक्षण -2 (गेटस -2) के अनुसार, 2.4 करोड़ लोग धूम्रपान और चबाने के रूप में तम्बाकू का उपयोग करते हैं। तंबाकू सेवन करने से तंबाकू के कारण होने वाली बीमारियों के कारण सालाना 45,000 लोगों की मौत हो जाती है। सर्वेक्षण से पता चलता है कि हर दिन 530 बच्चे तम्बाकू का सेवन शुरू करते हैं और चार स्कूल जाने वाले बच्चों में से एक कक्षा 8, 9 और 10 वीं में तंबाकू से संबंधित उत्पादों के कुछ रूपों के आदी हैं।

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