अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र के पहले चरण का ठेका एलएंडटी को
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के द्वारका क्षेत्र में 26,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी व सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) के निर्माण के पहले चरण का ठेका एलएंडटी (लार्सन एंड टूब्रो) को दिया गया है। एक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई है। नीलामी की अंतिम सूची में शापूरजी पालोनजी, नागार्जुनन कंस्ट्रकशंस और टाटा प्रोजेक्ट का भी नाम था।
दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा विकास निगम (डीएमआईसीडीसी) इस परियोजना की नॉलेज पार्टनर है। इस परियोजना की रूपरेखा बैठकों, प्रोत्साहनों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों के माध्यम से व्यापार और औद्योगिक विकास को उत्प्रेरित करने के लिए एक प्रमुख राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के रूप में तैयार की गई है।
द्वारका के सेक्टर-25 में 89-72 हेक्टेयर भूमि को इस परियोजना के लिए डीआईपीपी को स्थानांतरित किया गया है। आईईसीसी का कुल निर्मित क्षेत्र 10.2 लाख वर्ग मीटर होगा। आईईसीसी में प्रदर्शनी हॉल, सम्मेलन केंद्र, विवाह घर, एक विषेश क्षेत्र, एक वित्तीय केंद्र, होटल, खाद्य और पेय आउटलेट, वाणिज्यिक और खुदरा सेवाओं और आम आंतरिक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
यह 5,000 से 10,000 प्रतिनिधियों की मेजबानी करने में सक्षम होगा। यह नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 15 मिनट की दूरी पर स्थित होगा और यहां और इसके आसपास भी होटल और मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। इस फ्लैगशिप परियोजना का डिजायन सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स द्वारा तैयार किया गया। हावर्ड से प्रशिक्षित आर्किटेक्ट्स दिक्षु कुकरेजा के मुताबिक, यह अत्याधुनिक सम्मेलन केंद्र घरेलू प्रतिभा की क्षमता को उभारेगी तथा सरकार के मेक इन इंडिया पहल को रेखांकित करेगी। यह परियोजना देश को एमआईसीई (बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियों) बाजार में नेतृत्वकारी भूमिका प्रदान करेगी।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम इस परिसर के लिए समर्पित मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो लाइन का विस्तार करेगा। परियोजना का पहला चरण जून 2019 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। यहां लगभग 428,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में प्रदर्शनी हॉल, कंवेशन सेंटर, बैंक्वेट हॉल सहित प्रमुख सुविधाएं होंगी। आईईसीसी और जिले के व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर को भारत सरकार द्वारा विकसित किया जाएगा।
इसके अलावा होटल, खाद्य एवं पेय (एफ एंड बी) आउटलेट, ऑफिस स्पेस, वाणिज्यिक और खुदरा सेवाओं और अन्य अवकाश सुविधाओं सहित मिश्रित उपयोग की सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा। इन सभी सुविधाओं को सार्वजनिक/निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में विकसित किये जाने का प्रस्ताव है, जिससे भारी निवेश के अवसर पैदा होंगे।