बजट 2018 – भारत पर डाॅ. आजाद मूपेन की टिप्पणी
मुझे बहुत खुशी है कि बजट ने भारत के गरीब एवं सीमांत वर्ग के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया है। यह वर्ग गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्यसेवा तक पहुंच बनाने में कठिनाई महसूस करता है। बजट में घोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का उद्देश्य इस तरह के 10 करोड़ परिवारों को कवर करना है। उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के दौरान द्वितीयक एवं तृतीयक देखभाल के लिए 5 लाख रूपये प्रति परिवार प्रति वर्ष मुहैया कराये जायेंगे। इस कदम की काफी लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी। यह 50 करोड़ लोगों को कवर करेगा और दुनिया भर में किसी भी सरकार द्वारा एक सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम हो सकता है। यह असाधारण कार्यक्रम गरीबी रेखा से नीचे रह रही आबादी को द्वितीयक एवं तृतीयक अस्पतालों में सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्यसेवा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा।
प्रत्येक तीन संसदीय क्षेत्रों के लिए एक सरकारी मेडिकल काॅलेज सुनिश्चित करने से डाॅक्टर-मरीज के अनुपात में सुधार करने में मदद मिलेगी। अभी डाॅक्टर मरीज का अनुपात 1ः1170 है जबकि डब्लूएचओ ने 400 मरीजों पर एक डाॅक्टर की अनुशंसा की है। भरत में अभी 600,000 डाॅक्टरों की कमी है, मौजूदा मेडिकल काॅलेज से सिर्फ 50,000 डाॅक्टर ही निकलते हैं।
आयुष्मान भारत प्रोग्राम के अंतर्गत पहलों की घोषणा समग्र स्वास्थ्य को आकर्षण में लेकर आई है। देशभर में नियोजित सेंटर्स व्यापक स्वास्थ्यसेवा को लोगों के करीब लाने में सहायता करेंगे। खासतौर से प्रिवेंटिव हेल्थकेयर, आवश्यक दवाईयों और गैर-संचारी रोगों की पहचान एवं उपचार के लिए उपकरणों को सुलभ कराया जायेगा।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत पहल रोगों से बचाव कर और स्वास्थ्य में सुधार कर स्वच्छता की भूमिका पर जोर देगी। इस पहल के अंतर्गत 2 करोड़ अतिरिक्त टाॅयलेट के साथ 6 करोड़ टाॅयलेट का पहले ही निर्माण किया जा चुका है।